गलताजी में मंगलवार को भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी का ब्रह्मोत्सव मनाया जायेगा

जयपुर। उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि गलताजी में पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य महाराज की मौजूदगी में भगवान श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी का ब्रह्मोत्सव मनाया जायेगा। गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि ब्रह्मोत्सव में भगवान के विभिन्न दिव्य व भव्य उत्सव, आयोजन आदि किये जायेंगे। सात दिवसीय महोत्सव के अन्तर्गत मनाए जाने वाले विभिन्न उत्सवों एवं उनके लिए सफाई, सुरक्षा आदि की विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं।

उन्होंने बताया कि मंगलवार को भव्य कलशयात्रा के साथ शुभारम्भ किया जाएगा। सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं कलश यात्रा में सम्मिलित होंगी। वैदिक विधि से पूजन के पश्चात कलश यात्रा गलता स्थित यज्ञ वेदी कुण्ड से प्रारंभ होकर रामानुज कीर्ति स्तंभ की परिक्रमा करती हुई सीताराम मंदिर में रघुनाथजी सन्निधि के समक्ष तक श्रीमन्नारायण संकीर्तन करते हुए जायेगी।

दक्षिण भारत से विद्वान पधारेंगे व वैदिक विधी से पूजा-पाठ, हवन, अनुष्ठान आदि सम्पन्न करेंगे। इसके अतिरिक्त दक्षिण भारतीय पाक-शास्त्री भगवान् को लगने वाले गोष्ठी व अन्य भोग प्रसादी आदि बनायेंगे। दक्षिण भारत से ही भगवान की माला आदि नित्य मंगाए जायेंगे। दक्षिण भारतीय वाद्यम से सम्पूर्ण श्री गलता तीर्थ गुंजायमान रहेगा।

भगवान् को दक्षिण भारत में विशेष रूप से तैयार किये गये आभूषण, वस्त्र आदि धारण कराये जायेंगे एवं दक्षिण भारतीय पात्रों से भगवान् की पूजन, अभिषेक आदि किये जायेंगे। इसके अलावा दक्षिण भारत में तैयार कराई गई भगवान की रत्न जडित विशेष अति आकर्षक मुथांगी पोषाक ब्रह्मोत्सव में भगवान् श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी धारण करेंगे। इस भव्य महोत्सव में नगर, प्रदेश व देश के अनेकों विशिष्ट जनों के साथ- साथ देशभर से श्रद्धालुजन दर्शनार्थ पधारेंगे एवं भगवान की विशेष कृपा के पात्र बनेंगे।

कलश यात्रा से कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जाएगा। अंकुरारोपण, ध्वजारोपण, वास्तुहोम, नित्य हवन दिव्य प्रबन्ध-पाठ, शान्ति-पाठ, वैदिक मन्त्रौच्चारण सहित भगवान् के तिरूमंजन अभिषेक, तीर्थ-भ्रमण, पुष्करणी पूजन, माला-पलटन, कल्याणोत्सव, डोला-उत्सव, पुष्पयाग, सहस्रार्चन, अवाबृथा स्नान आदि उत्सव मनाये जायेंगे। इस सात दिवसीय महोत्सव में नित्य के भोग, तिरूमंजन, हवन, गोष्ठी आदि के लिए सैंकड़ों किलो फल, सब्जियां, दूध, दही, घी, अन्न, मेवे, तिल, फूल, माला, पुष्प आदि उपयोग में लिए जाएंगे। दक्षिण भारत में भगवान का अति सुन्दर एवं दिव्य शेष वाहन तैयार कराया गया है।

इसमें भगवान विराजमान होंगे। इसके दर्शन भगवान के मुखोल्लास के साथ साथ जीव का कल्याण होता है। 26 नवम्बर को महा भंडारे का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर प्रातः 4 बजे से चाय एवं अल्पाहार की व्यवस्था आगंतुक श्रद्धालुओं के लिए की जाएगी। प्रातः 11 बजे से भंडारा प्रारंभ हो जाएगा। जिसमें सैंकड़ों किलों खाद्य सामग्री प्रयोग में ली जाएगी। भंडारे में बिहारी जी मंदिर के महन्त बिहारी जी महराज,सचिन महाराज एवं उनकी टीम का विशेष सहयोग रहेगा।

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