लॉकर्स में करोडों नगदी और सोना मामलाः व्यापारिक समुदाय के लोगों में आक्रोश

जयपुर। एमआई रोड स्थित गणपति प्लाजा में संचालित निजी वॉल्ट के लॉकर्स में पांच सौ करोड़ रुपए का काला धन और पचास किलो सोना छिपाए जाने के आरोपों को लेकर व्यापारिक समुदाय में आक्रोश है। व्यापारिक समुदाय का कहना है कि आयकर और प्रवर्तन निदेशालय की हुई लॉकर्स की जांच में अब तक टीम को कुछ नहीं मिला है, जो इस बात का प्रमाण है कि यह आरोप ना केवल राजनीति से प्रेरित थे, बल्कि हो सकता है कि आरोप लगाने वाले केवल खबरों में बने रहने और अपने निजी राजनेतिक लाभ के लिए यह आरोप लगा कर आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को इस फिजूल काम में झोंक दिया।

फोर्टी के संरक्षक सुरजाराम मील ने बताया कि राज्य का प्रमुख व्यापारिक व औद्योगिक संगठन ऐसे कृत्य पर विरोध करते है और आयकर विभाग व अन्य सभी जिम्मेदार एजेंसियों से मांग करता है कि अब लगाए गए इन आरोपों के स्रोत को लेकर पूछताछ की जाएं। साथ ही अनर्गल आरोप लगाने की मंशा को सार्वजनिक किया जाएं। जिससे चुनाव के इस माहौल में राजनीतिक लाभ के लिए लगाए जाने वाले आरोपों पर लगाम लग सके।

फोर्टी के संरक्षक सुरजाराम मील ने कहा कि शुक्रवार दोपहर एक राजनेता का गणपति प्लाजा स्थित निजी वॉल्ट संचालित करने वाली कम्पनी कार्यालय पर धरना दिया जाना भी राजनीति से प्रेरित ही है। सवाल यह भी है कि सांसद को आखिर यह अधिकार कैसे मिला कि वह किसी व्यक्ति की सम्पत्ति में जबरन धरने की शुरुआत करें और अनिश्चित काल के धरना देने की धमकी दें।

इस राजनेतिक नाटक और इसके बाद यहां हुई आयकर विभाग व प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई के कारण एमआई रोड़ के इस व्यस्तम कारोबारी स्थल का कारोबार पूरी तरह चौपट हो गया, जिससे इस व्यवसायिक कॉम्पलेक्स में कार्यरत सैकड़ों लोगों के आर्थिक हित प्रभावित रहे। अब सवाल यह भी है कि गणपति प्लाजा कॉम्पलेक्स के दुकानदारों व कार्यालय संचालित करने वालों को हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई कौन करेगा ? और लॉकर्स मालिकों को मिले मानसिक तनाव की क्षतिपूर्ति कैसे होगी ?

फोर्टी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल ने कहा कि आयकर विभाग गणपति प्लाजा में सर्वे की कार्रवाई कर रहा है। आयकर विभाग की क्षमताओं पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। हो सकता है कि विभाग को निजी वॉल्ट संचालक रोयरा सेफ्टी वॉल्ट के दस्तावेज में कुछ खामियां भी मिले, जिसके आधार पर विभाग, आयकर कानून में मिली शक्तियों के आधार पर कार्रवाई भी करें। लेकिन फोर्टी के चीफ सेक्रेटरी गिरधारी लाल खंडेलवाल का आग्रह है कि आयकर कार्रवाई में लॉकर धारकों की निजिता का उल्लंघन ना हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

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