जयपुर। साधु वासवानी मिशन पुणे की प्रमुख दीदी कृष्णा का जीवन दर्शन सत्संग स्थानीय जवाहर नगर के एम. पी. एस.स्कूल के तक्षशिला ऑडिटोरियम में हुआ। दीदी कृष्णा ने कहा कि जयपुर गुलाबी नगर में रहते हैं गुलाबी रंग शीतलता की निशानी है ,जयपुर के हर व्यक्ति का हृदय शीतलता से भरा है । हमें अपने हृदय को मंदिर बनाएं ।दादा वासवानी कहते थे ,मनुष्य जीवन दुर्लभ है ,इस जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए ।सत्संग और सेवा से अपना जीवन सफल बनाना चाहिए ,मनुष्य का एक एक क्षण अनमोल है व्यर्थ की बातों में इसे नहीं गंवाना चाहिए ।
सुबह उठते ही सोचना चाहिए कि आज का दिन कैसे सकारात्मक हो ? सकारात्मक कार्य करने से ही जीवन में प्रसन्नता आती है ।मनुष्य को कुछ समय ध्यान में बैठ कर भगवान का ध्यान करना चाहिए ।भगवान का हर पल शुक्राना करना चाहिए ।भारत का भविष्य बच्चों में ही है । बालक और बालिकाओं को श्रेष्ठ नागरिक बनाने के लिए उन्हें बचपन से नैतिक शिक्षा देनी चाहिए। सेवा से ही मनुष्य को शांति प्राप्त होती है ।साधु वासवानी कहते थे कि केवल देने का भाव होना चाहिए ।
देने भाव रखने से ही आनंद की प्राप्ति होगी।साधु वासवानी मिशन के अंतर्गत 18 स्कूल भारत में चल रहे हैं और एक स्कूल लंदन में चल रहा है ।
दीदी ने आगे कहा कि संत की एक दृष्टि ही व्यक्ति को निहाल कर देती है ,राम कृष्ण परमहंस जी की एक नज़र ने नरेंद्र को स्वामी विवेकानंद बना दिया ।अगर हमारा हृदय पवित्र है तो भगवान का दर्शन सुलभ है ।कई जन्म गुज़र जाते हैं पर हम प्रभु को प्राप्त नहीं कर सकते हैं। प्रभु प्राप्ति के लिए सेवा और सत्संग को अपनाना चाहिए ।मन रूपी दर्पण को साफ करते रहने के लिए साधना करनी पड़ेगी,सतत अभ्यास से हम निर्मल होंगे।मनुष्य को मांसाहार से दूर रहना चाहिए । हम अपने कपड़ों की जितनी देखभाल करते हैं उससे अधिक मन की देखभाल करें ।मन में लोभ , मोह,काम ,क्रोध कई विकार होते हैं ।अपने मन को साफ करेंगे तभी मन में शीतलता आयेगी और भगवान मन में प्रवेश करेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि अपने बच्चों से सिंधी भाषा में बात करें ।संसार की बहुत सारी भाषाएं महत्वपूर्ण हैं पर अपनी भाषा जरूर आनी चाहिए।इससे पूर्व सिंधी गायिका ने काजल चंदीरामानी ने भजन प्रस्तुत किए ।कार्यक्रम संयोजक मोहन गुरनानी ने कृष्णा दीदी को शॉल पहना कर आशीर्वाद लिया।पुणे से आई गुलशन दीदी नूरी ग्रंथ से वचन लिया ।कार्यक्रम में समाजसेवी धर्मदास मेंघानी, प्रसिद्ध साहित्यकार खेम चंद गोकलानी ,साईं मुकेश साध का ,गायिका काजल चंदीरामानी का स्वागत किया ।
कार्यक्रम में ज्ञान देव आहूजा ,नारायण दास नाजवानी,मोहन सुखानी , नरेंद्र लकखी, चंद्र प्रकाश खेतानी ,किशोर सचदेव ,तुलसी संगतानी, मोहन नानकानी ,सतीश भाटिया शोभा बसंतानी सहित कई गणमान्य उपस्थित थे।मंच संचालन रमेश गुरसहानी ने किया।