जयपुर। शरद पूर्णिमा पर सूतक काल शाम 4 बजकर 05 से शुरू होगा और रात्रि 1 बजकर 05 मिनट से चंद्र ग्रहण प्रारम्भ होगा जो 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। ऐसे में 28 अक्टूबर को लगने वाले सूतक काल में खीर बनाकर उसका भोग ग्रहण कर सकते है। स्वामी श्री राजेन्द्र दास देवाचार्य जी महाराज के बताए अनुसार सूतक काल से पहले ही खीर बनाकर उसमें कुशा घास डालकर रख दीजिए एवं ग्रहण के मोक्ष के उपरांत खीर को खुले आसमान के नीचे रख कर प्रात काल मंगला आरती के बाद खीर में तुलसी दल छोड़कर ठाकुर जी को भोग लगा कर प्रसाद के रूप में ले सकते है।
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