जयपुर। डोनर का ऑपरेशन दूरबीन (लेप्रोस्कोपी) से किया गया। जयपुर निवासी विजय को लीवर में सिरोसिस नाम की बीमारी थी। जिसका इलाज लीवर ट्रांसप्लांट था। चिकित्सकों के समझाने पर उनकी बेटी सीवर डोनेट करने को राजी हो गई, पर इसमें एक समस्या थी। उनकी बेटी ऑपरेशन के दौरान लगने वाले बड़े चीरे औन उसके कारण बाद में होने वाले दर्द को लेकर आशंकित थी। साथ ही में चीरे के कारण शरीर में दिखने वाले निशान को लेकर भी चिंतित थी। ऐसे में दुर्लभजी अस्पताल के चिकित्सकों द्वारा डोनर के ऑपरेशन दूरबीन से करने का निर्णय लिया गया।
संतोकबा अस्पताल के सेकेटरी योगेन्द्र दुर्लभजी ने बताया कि यह एक काफी जटिल ऑपरेशन था और पूरे भारत में अभी तक कुछ ही सेंटर्स पर ऐसे ऑपरेशन का अंजाम दिया गया है और राजस्थान में कभी भी इतना जटिल ऑपरेशन दूरबीन से नही किया गया है। इस ऑपरेशन को दूरबीन से करने में बहुत ही ज्यादा अनुभव और स्किल की जरूरत होती है और ऑपरेशन में अत्याधुनिक उपकरणों और कैमरों की जरूरत पड़ती है। दुर्लभजी अस्पताल दूरबीन से पेट की शल्य चिकित्सा करने में राजस्थान में अग्रणी अस्पताल है और जटिल सर्जरी करने में राष्ट्रीय स्तर पर इसकी पहचान है।
29 अक्टूबर 2023 को इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। ऑपरेशन तकरीबन 03 घंटे तक चला और करीब 15 शल्य चिकित्सकों और एनेबेटिस की टीम ने इस में अपना सहयो दिया। डोनर के आधे लिवर को दूरबीन द्वारा अलग किया गया तथा शरीर के बाहर निकाला गया। डोनर लीवर को बाद में उनके पिता में प्रत्यारोपित किया गया जिसने उनके शरीर में सुचारू रूप से काम किया। ऑपरेशन के पश्चात् डोनर को पांचवे दिन अस्पताल से छुट्टी मिल गई। ज्ञातव्य है कि डोनर लिवर का लेप्रोस्कोपिक ऑपरेशन इससे पहले देश के कुछ ही चुनिंदा अस्पतालों में किया गया है एवं इस ऑपरेशन से राजस्थान भी अब देश में लिवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में अग्रणी प्रदेशों में शामिल हो गया है।
राजस्थान में प्रथम मामला है जिसमे इतने जटिल ऑपरेशन का दूरबीन (लेप्रोस्कोपी) से अंजाम दिया गया है। ऑपरेशन में सर्जरी टीम में डा. राजेश भोजवानी, डा. बोरा, डा. सुभाष मिश्रा, डा. श्याम, डा. राजकुमार गुप्ता, डा. अंकुर गुप्ता, डा. निखिल और एनेस्थीसिया टीम में डा. वी. के. पाराशर, डा. दिलीप राना. डा. सांवरमल एवं डा. आशीष पारीक का विशेष योगदान रहा। ज्ञातव्य है कि संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल पेट की जटिल सर्जरी करने में देश में एक अग्रणी संस्थान है और अब यहां नियमित रूप से लीवर ट्रांसप्लांट की सेवाएं भी उपलब्ध है।