जयपुर/बीकानेर। पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी को भारतीय सेना से सम्बधित गोपनीय सूचना भेजने में लिप्त संदिग्ध एक जासूस को बीकानेर जिले से क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट(सीआईडी विशेष शाखा) जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी द्वारा छदम नाम से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट पर दो युवतियों से चैट के माध्यम सम्पर्क में रहते हुए भारतीय सेना से सम्बंधित सामरिक महत्व की सूचना भेजने में लिप्त संदिग्ध भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक स्थित आनन्दगढ खाजुवाला, बीकानेर का निवासी नरेंद्र कुमार को जासूसी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट(सीआईडी विशेष शाखा) जयपुर के स्पेशल पुलिस स्टेशन पर शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की ओर से महिला हैंडलर्स द्वारा संचालित सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से भारत के नागरिकों से छद्म नाम से सम्पर्क कर उन्हे हनीट्रेप में फंसाया जाता है। हनीट्रैप मे फसने के बाद नागरिकों से भारतीय सामरिक महत्व की सूचना प्राप्त की जाती है जो देश की सुरक्षा को बहुत बड़ा खतरा है। आईएसआई की ओर से हनीट्रैप के माध्यम से मुख्य सैनिकों, पैरा मिलिट्री, रक्षा, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग, रेलवे के कर्मचारियों, वैज्ञानिकों, सेना के राशन सप्लायर, ठेकेदारों एवं अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को निशाना बनाया जाता है।
राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से आईएसआई की गतिविधियों की सतत निगरानी की जाती है। इसी निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि भारत पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के नजदीक स्थित आनन्दगढ खाजुवाला बीकानेर का निवासी नरेंद्र कुमार सोशल मीडिया के माध्यम से पीआईओ (पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) की दो महिला हैंडलर्स से निरंतर संपर्क में है। इस पर सीआईडी इंटेलीजेंस जयपुर की टीम की ओर से संदिग्ध भारतीय नागरिक की गतिविधियों पर गहन निगरानी आरम्भ की गई। निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि नरेन्द्र कुमार महिला एजेंट से फेसबुक एवं व्हाट्सएप के माध्यम से निरंतर संपर्क में है एवं अन्तर्राष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र की सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा कर रहा है।
संयुक्त पूछताछ केन्द्र, जयपुर पर विभिन्न एजेंसियों की ओर से पूछताछ के दौरान 22 वर्षीय नरेन्द्र से सामने आया कि वह मूलत आनन्दगढ खाजुवाला, बीकानेर का रहने वाला हैै। वह लगभग 02 वर्मा पूर्व फेसबुक पर ‘‘पूनम बाजवा‘‘ के नाम से संचालित अकाउंट के सम्पर्क में आया। पूनम ने स्वयं को भटिंडा निवासी बताते हुए बीएसएफ में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पद पर कार्यरत होना बताया। पूनम बाजवा द्वारा नरेन्द्र से दोस्ती कर भविष्य में शादी करने का प्रलोभन दिया गया। कुछ समय पश्चात पूनम की ओर से अपना व्हाट्सएप नंबर साझा किया गया। पूनम नरेन्द्र से निरंतर संपर्क मे रहते हुए अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित संवेदनशील सूचनाएं जैसे कि सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट, टावर, आर्मी की गाड़ियों की फोटोग्राफ, प्रतिबंधित स्थानों की फोटो ग्राफ एवं वीडियो की मांग करती थी।
जिससे नरेन्द्र बॉर्डर क्षेत्र में एकत्रित कर पाक हैंडल को जरिए व्हाट्सएप भेज रहा था। साथ ही महिला पाक हैंडलर्स के निर्देश पर नरेंद्र ने महिला की ओर से बनाये गये व्हाट्सएप ग्रुप में अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र के निवासी व्यक्तियों को इस व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य बनाया गया। नरेन्द्र पिछले कुछ समय से अन्य महिला पाक हैण्डलर के भी संपर्क में था। महिला स्वयं का नाम सुनीता बताते हुए खुद को स्थानीय पत्रकार बताते हुए बॉर्डर क्षेत्र की सूचना नरेंद्र से मांगा करती थी। नरेन्द्र इस महिला एजेंट के साथ भी सामरिक सूचनाएँ साझा कर रहा था।
संदिग्ध से संयुक्त पूछताछ एवं मोबाईल फोन के तकनीकी परीक्षण में पाया गया कि संदिग्ध नरेन्द्र कुमार ने महिला पाक हैंडलर्स की हनीट्रैप में आकर उनके द्वारा चाही गई अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों से जुड़ी सामरिक महत्व की संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान इंटेलिजेंस एजेंसी को उपलब्ध करवा कर रामट्रीय सुरक्षा को अपूरणीय क्षति पहुंचाने का कार्य किया है। आरोपी के फोन की वास्तविक जांच में उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलिजेंस) एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेंसी के लिए काम करने वाली महिलाएं भारत के मोबाईल नम्बर बनाये गये सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को निशाना बनाती हैं। मोबाईल नम्बर भारत का होने के कारण उन पर किसी को भी शक नहीं होता और भारतीय नागरिक विशेषतः युवा महिलाओं के साथ दोस्ती के चंगुल में फस जाते हैं और पाकिस्तान की उक्त महिलाओं (पीआईओ) से दोस्ती बनाये रखने के लिए उनके द्वारा चाही गई सामरिक महत्व की सूचनाएँ साझा कर देते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है।
अनजान पुरुष-महिलाओं को बिना पहचान के दोस्त बनाना, मोबाईल नम्बर व ओटीपी साझा करना और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा करना सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसके लिए सभी नागरिकों को जागरूक किये जाने की आवश्यकता है। आईएसआई की सोशल मीडिया के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों से बचाव के लिए राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा सभी नागरिकों से सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी पूर्वक करने की सलाह दी जाती है।