जयपुर। पिया प्रेम व्रत है राखों, उत्सव पावन आयो रे, चरण पिया संसार म्हारों, पिया म्हारो प्यारो रे… सुहाग पर्व करवा चौथ का त्योहार बुधवार को मनाया जाएगा है। करवा चौथ का त्योहार हिंदू रीति रिवाजों में कई मायनों में महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुबह से ही निर्जला व्रत रखती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही अपना व्रत खोलती हैं। करवा चौथ को लेकर शहरों और कस्बों के बाजारों में इन दिनों काफी रौनक देखी जा रही है। महिलाएं करवाचौथ के लिए कपड़े,गहने, चूड़ियां और अन्य सामान की खरीदारी की जा रही है।
करवा चौथ को लेकर कुम्भकार भी जोर शोर से करवा बनाने के काम में जुटे हैं। कुम्भकार रमेश ने बताया की इस सुहाग पर्व पर सामान्य मिट्टी के करवे की तरह और कई डिजाइन के करवे मुख्य रूप से पसंद किए जाते है। इसकी तैयारियां जारी हैं। त्योहार के अवसर पर कई हजार करवा तैयार किए जाते हैं और बाजार में 10 रुपये से 30 रुपये की कीमत में बेचे जाते हैं। इसके तहत पहले मिट्टी को साफ कर चाक पर हाथों से स्वरूप दिया जाता है।
इसके पश्चात इसमें मिट्टी कलर करके ढांचा तैयार कर इसे आग की सहायता से भट्टी पर पकाया जाता है। पूरी तरह पकने के पश्चात इनमें सुंदर सुंदर रंग भरकर बाजार में बेचने के लिए तैयार किया जाता है। कुम्भकारों का कहना है कि आमजन में देशी वस्तुओं के लिए भावना पुनरू जागृत होने से उनके उत्पाद की अच्छी मांग है।

सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु की जाएगी कामना
महिलाओं द्वारा बुधवार को करवा चौथ पर गणेश जी और चौथ माता मंदिर में सुख-समृद्धि और पति की लंबी आयु की कामना की जाएगी। इसके साथ ही परिवार की महिलाओं के साथ गणेश जी और चौथ माता की कथा सुनेगी और चौथ माता की विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। इस दौरान चौथ माता की ज्योत देखकर आरती कर पकवानों का भोग लगाया जाएगा।
पूजा में मिट्टी और चीनी के करवे की भी पूजा कर सुहाग की वस्तुओं का दान भी किया जाएगा। सुहागिन महिलाओं ने चौथ माता की पूजा-अर्चना के बाद चांद का दीदार कर पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोलेगी। इससे पहले रात्रि में चांद के दीदार के बाद चीनी मिट्टी के करवे की अदला-बदली करने के बाद बयाना दिया जाएगा, जिसमें सात पुरियां ,गुलगुले,मिठाइयां आदि का चांद को अर्घ्य दिया जाएगा। वहीं सुहागिनें रात को सुहाग की तेरह वस्तु व तेरह करवें कल्प कर उद्यापन किया जाएगा। इधर कुवारी कन्या अच्छा के वर की मनोकामना के लिए व्रत रखेगी।
करवा चौथ के अवसर पर एक दिन शहर के बाजारों में मिट्टी व चीनी के करवे की दुकानें सज गई, जिन्हें महिलाएं खरीदती नजर आई। वहीं एक दिन पूर्व मंगलवार को महिलाओं ने बाजारों में कई जगह बैठे मेहंदी लगाने वालों से विभिन्न डिजाइनों की महेंगी लगवाई। पंडित राजेश शर्मा ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि बुधवार के दिन सुहागिन महिलाओं का खास पर्व करवा चौथ मनाया जाएगा। विवाहित महिलाओं को करवा चौथ व्रत का काफी बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र व वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखती है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चांद निकलने तक रखा जाता है।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों से पानी पीकर ही महिलाएं इस व्रत को खोलती है। सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन चौथ माता,करवा माता, और गणपति जी की पूजा करती है और चंद्रोदय के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य देती है। इस बार करवा चौथ के व्रत का समय सुबह 6 बजकर 36 मिनट से 08 बजकर 26 है और चांद निकलने का समय रात 8 बजकर 26 मिनट पर रहेंगा।