बाल-विवाह मुक्त राजस्थान के लिए 27 जिलों के सैकड़ों गांवों में मशाल जुलूस निकाल ली शपथ

जयपुर। किसी सामाजिक मुद्दे पर पहले शायद ही देखी गई। इस तरह की एकजुटता और उसके साथ सरकार के मार्गदर्शन के नतीजे में राजस्थान के 27 जिलों के सैकड़ों गांवों में आयोजित किए गए जागरूकता कार्यक्रमों को अभूतपूर्व समर्थन मिला। महिलाओं के नेतृत्व में इन जिलों में मशाल जुलूस निकाले गए और लाखों स्त्रियों, पुरुषों व बच्चों ने जाति-धर्म भूल कर राज्य से बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए शपथ ली। इससे पहले राजस्थान सहित कई राज्य सरकारों ने विभिन्न विभागों और अन्य हितधारकों को पत्र लिख कर उनसे बाल विवाह के खिलाफ अभियान में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने और राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए लोगों को शपथ दिलाने का निर्देश दिया था।

नतीजे में कचहरी से लेकर पुलिस थानों, शहरों के चौराहों से लेकर गांव की चौपालों, पूरे देश में बच्चों से लेकर बाल विवाह की पीड़ित महिलाओं तक करोड़ों लोग ‘बाल विवाह मुक्त भारत अभियान से जुड़े और बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली। बाल विवाह मुक्त भारत अभियान 2030 तक पूरे देश में बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के उद्देश्य से महिलाओं की अगुआई में 160 गैर सरकारी संगठनों द्वारा 300 से ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है।

Pledge taken out in torch procession in hundreds of villages of 27 districts for child-marriage free Rajasthan.
Pledge taken out in torch procession in hundreds of villages of 27 districts for child-marriage free Rajasthan.

तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रमों की वजह से राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में पूरे दिन उत्सव और उल्लास का माहौल रहा और शाम ढलने के बाद महिलाओं के नेतृत्व में मशाल जुलूस निकाला गया। जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों ने ‘बाल विवाह बंद करो-बंद करो, बाल विवाह करवाओगे तो जाओगे जेल, मेरी बेटी अभी पढ़ेगी-ब्याह की शूली नहीं चढ़ेगी’ के नारों के साथ यह संदेश दिया कि अब इस राज्य में बाल विवाह के लिए कोई जगह नहीं है।

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को मिले अपार जनसमर्थन पर खुशी जाहिर करते हुए कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) के कंट्री हेड रवि कांत ने कहा कि बाल विवाह सदियों से हमारे सामाजिक ताने-बाने का हिस्सा रहा है और कानूनन अपराध होने के बावजूद इस पर विराम नहीं लग पा रहा है। लेकिन समाज के सभी वर्गों से मिले अप्रत्याशित और अभूतपूर्व समर्थन को देखते हुए मुझे लगता है कि हम नया इतिहास रचने की दहलीज पर हैं।

आज यह अभियान जंगल की आग की तरह फैल रहा है और राज्य सरकारों ने इसके लिए जैसी प्रतिबद्धता दिखाई है, हमारे बच्चे अंततः शायद एक ऐसे देश में पलें-बढ़ें जहां उनके अधिकार सुरक्षित और संरक्षित हों। यह प्रशंसनीय है कि सभी राज्य सरकारें बाल विवाह के खात्मे के लक्ष्य पर काम कर रही हैं जो इसे एक नई रफ्तार और विश्वास दे रहा है।

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