श्री गलता पीठ में 2 नवम्बर को कार्तिक महोत्सव का झंडा रोका जाएगा

जयपुर। उत्तर भारत की प्रमुख श्री वैष्णव पीठ उत्तर तोदाद्रि श्री गलता जी में गलतापीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित श्री स्वामी सम्पत कुमार अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में 13 नवम्बर से 27 नवम्बर तक कार्तिक महोत्सव मनाया जाएगा। इस अवसर पर श्री गलता जी में विभिन्न उत्सव मनाए जाएंगे। श्री गलता पीठ में 2 नवम्बर को कार्तिक महोत्सव का झंडा रोपा जाएगा। जिसके बाद 13 नवम्बर सोमवार से 27 नवम्बर तक भारी मात्रा में श्रद्धालुजन स्नान ,दर्शन ,दान-पुण्य आदि करेंगे।

श्री गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि कार्तिक मास में श्री गलता जी में गलतापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य जी महाराज के पावन सान्निध्य में कार्तिक महोत्सव मनाया जायेगा जिसमें विभिन्न आयोजन आयोजित किये जायेंगे।

डाला-छठ महोत्सव – कार्तिक शुक्ल षष्ठी को बिहार सहित पूर्वांचल से लाखों श्रद्धालु श्री गलता जी में एकत्रित होंगे व सायं काल डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगे एवं पूरी रात श्री गलता जी स्थित पवित्र कुण्डों में खडे रहेंगे एवं सप्तमी को प्रातः उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने-अपने घरों को प्रस्थान कर व्रत तोड़ेंगे।

गोपाष्टमी : कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को स्नान, दान–पुण्य के साथ–साथ गौ–पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन श्रद्धालुजन विशेष रूप से गाय का पूजन करेंगे व हरा चारा खिलाएंगे।

भीष्म पंचक : कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक भीष्म–पंचक मनाया जाता है। इन पांच दिवसों में भारी संख्या में श्रद्धालुजन स्नान, दान–पुण्य, दर्शन, आशीर्वाद आदि के लिए श्री गलता जी में आते हैं।

श्रीनिवास भगवान् का ब्रह्मोत्सव – कार्तिक शुक्ल नवमी से कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तदनुसार मंगलवार 21 नवम्बर से सोमवार 27 नवम्बर तक मनाया जायेगा। इस अवसर पर विभिन्न दिव्य व भव्य आयोजन आदि किये जायेंगे।

यह रहेंगे विशेष कार्यक्रम

दक्षिण भारतीय संस्कृति होगी साकार – दक्षिण भारत से विद्वान पधारेंगे व वैदिक विधि से पूजा-पाठ, हवन, अनुष्ठान आदि करेंगे। इसके अतिरिक्त दक्षिण भारतीय पाक-शास्त्री भगवान् को लगने वाली गोष्ठी व अन्य भोग प्रसादी आदि बनायेंगे। दक्षिण भारत से ही भगवान् की माला आदि नित्य मंगाए जायेंगे। दक्षिण भारतीय वाद्यम से सम्पूर्ण श्री गलता तीर्थ गुंजायमान रहेगा। भगवान् को दक्षिण भारत में विशेष रूप से तैयार किये गये आभूषण, वस्त्र आदि धारण कराये जायेंगे एवं दक्षिण भारतीय पात्रों से भगवान् की पूजन, अभिषेक आदि किये जायेंगे।

रत्न जडित मुथांगी भगवान् को धारण करायी जायेगी – दक्षिण भारत में तैयार की गई रत्न जड़ित विशेष अति आकर्षक मुथांगी पोषाक ब्रह्मोत्सव में भगवान् श्रीनिवास, श्रीदेवी व भूदेवी धारण करेंगे।

मुम्बई से आयेंगे वीडियो व फोटोग्राफर –

भगवान् के ब्रह्मोत्सव में मुम्बई, स्थानीय व अन्य जगहों से वीडियो व फोटोग्राफर भगवान् के इस दिव्य व भव्य आयोजन को शूट करने के लिये आयेंगे।

पधारेंगे गणमान्य विशिष्ट जन – इस भव्य महोत्सव में अनेकों श्रद्धालु जिनमें नगर व देश के अनेकों विशिष्ट जन भी उपस्थित रहेंगे एवं भगवान् की विशेष कृपा के पात्र बनेंगे।

होगे अनेकों आयोजन

  • अंकुरारोपण, ध्वजारोहण, वास्तुहोम, नित्य हवन्, दिव्य प्रबन्ध-पाठ, शान्ति-पाठ, वैदिक मन्त्रौच्चारण सहित भगवान् के तिरूमंजन अभिषेक, तीर्थ-भ्रमण, पुष्करणी पूजन, माला-पलटन, कल्याणोत्सव, डोला-उत्सव, पुष्पयाग, सहस्रार्चन, अवघृत स्नान आदि उत्सव मनाये जायेंगे।

26 नवम्बर को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा जिसमें प्रातः चाय व अल्पाहार की व्यवस्था की जाएगी। 11 बजे से भंडारा प्रारंभ कर दिया जाएगा। भंडारे में बिहारी जी मंदिर के महंत नरेन्द्र महाराज एवं सचिन महाराज का विशेष सहयोग व भूमिका रहेगी। इस दिन देव दीपावली भी मनाई जाएगी जिसमें दीपदान किया जाएगा। उक्त कार्तिक महोत्सव के झंडे को रोकने का कार्यक्रम 2 नवंबर को साधु–संतों एवं धर्मावलंबियों की उपस्थिति में किया जाएगा। इस महोत्सव में साफ-सफाई ,सुरक्षा ,स्वयं सेवकों ,नगर निगम संस्थाओं एवं संगठनों आदि का विशेष सहयोग रहेगा।

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