लाहोटी के लिए लामबंद हुआ वैश्य समाज

जयपुर। विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की ओर से जारी की गई सूची में सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटे जाने पर वैश्य समाज ने रोष जताया है। समाज के प्रमुख नेताओं ने भाजपा से सांगानेर के टिकट पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा है कि अब तक जयपुर में भाजपा की ओर से वैैश्य समाज को तीन टिकट दिए जाने की परम्परा रही है। अब अगर इस परम्परा को तोडा गया तो समाज को भाजपा के खिलाफ कडे निर्णय लेने होंगे।

इसके लिए सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए जैन समाज से कमल बाबू जैन, अंतरराष्ट्रीय वैश्य महा सम्मेलन, राजस्थान के जे. डी. माहेश्वरी, महिला इकाई की प्रदेश सचिव चारु गुप्ता, विजय वर्गीय समाज के अध्यक्ष विष्णु विजय विजयवर्गीय, मनीष गुप्ता अध्यक्ष, माथुर वैश्य समाज, एस.पी.रस्तोगी, विष्णु जयसवाल, सत्यनारायण काबरा, सुरेश कालानी,दिनेश पोरवाल, प्रदेश प्रभारी ध्रुव दास अग्रवाल, गोपाल गुप्ता सेक्रेटरी अंतराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, सुभाष गोयल जयपुर व्यापार महासंघ अध्यक्ष, चंदू भाड़े वाला अध्यक्ष अग्रवाल समाज, दिनेश सेठी अध्यक्ष खंडेलवाल समाज जयपुर, किशन राठी मीडिया प्रभारी रमेश तूंगा राष्ट्रीय अध्यक्ष खंडेलवाल तथा केदार भाला माहेश्वरी समाज अध्यक्ष समाज ने कहा कि जयपुर जिले में लगभग 7.50 लाख वैश्य समाज के मतदाता हैं।

वैश्य समाज करीबन 90% मतदाता अपना वोट भारतीय जनता पार्टी को देता आ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र से बहुत लोग जयपुर जिले में रहने लग गए इसलिए मतदान प्रतिशत बढ़ता ही जा रहा है भारतीय जनता पार्टी से हमेशा वैश्य समाज से तीन उम्मीदवार ब्राह्मण समाज से तीन उम्मीदवार और राजपूत समाज से तीन उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाता आ रहा हैं। अन्य समाजों की भारतीय जनता पार्टी संख्या बढ़ा भी रही है, लोकसभा राज्यसभा से उम्मीदवार खड़े करके उन्हें चुनाव लडवा रही है।

उन्होंने कहा कि वैश्य समाज भारतीय जनता पार्टी को तन मन धन से सहयोग करता आ रहा है फिर भी भारतीय जनता पार्टी के युवा जुझारू नेता अशोक लाहोटी का टिकट काटकर एक बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया है। जबकि पिछले चुनाव में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद अशोक लाहोटी एकमात्र ऐसे उम्मीदवार रहे जिन्होंने करीबन 36000 मतों से विजय पताका फहराई और एक रिकॉर्ड बनाया।

अशोक लाहोटी वैश्य समाज के युवा और कर्मठ नेता हैं, जिन्होंने विधानसभा में सबसे मजबूत विपक्षी विधायक की भूमिका निभाई। हिंदुत्व एवं अन्य मुद्दों पर बुलंद आवाज उठाई, जिससे विपक्ष को इन्होंने बुलंदियों पर पहुंचाया। ऐसे व्यक्तित्व का टिकट काटना वैश्य समाज को रास नहीं आ रहा है। अशोक लाहोटी वैश्य समाज ही नही वरन राजस्थान और भाजपा का भी भविष्य है, इसलिए संगठन पुनर्विचार कर इन्हें उम्मीदवार बनाए। सभी ने एकमत होकर चेतावनी दी कि अगर ऐसा न हो सका तो सांगानेर के मतदाता और वैश्य समाज को कड़े कदम उठाने पड सकते है।

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