भारतीय नियोक्ताओं को विश्वास है कि एआई से नौकरियों में वृद्धि होगी, इनडीड का खुलासा

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बैंगलुरू। अग्रणी ग्लोबल हायरिंग और मैचिंग प्लेटफॉर्म, इनडीड द्वारा किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि कार्यस्थल पर लोग आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (एआई) के प्रभाव को लेकर क्या सोचते हैं। इस अध्ययन में नियोक्ताओं, नौकरी तलाशने वालों और एआई के बीच विकसित होते हुए संबंध के बारे में पता चला, और उनकी अपेक्षाओं एवं चिंताओं तथा नियुक्ति प्रक्रिया में एआई के मौजूदा उपयोग के बारे में जानकारी सामने आई।

इस सर्वे के मुताबिक, भारतीय नियोक्ता एआई को लेकर आशान्वित हैं। उनमें से 85 प्रतिशत से ज्यादा एआई द्वारा 1 से 5 सालों में नई नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद कर रहे हैं। नौकरी चाहने वाले अधिकांश प्रत्याशी (63 प्रतिशत) इसके प्रभाव को लेकर उत्साहित हैं, और 53 प्रतिशत इस बात पर सहमत हैं कि एआई से नई नौकरियों का सृजन होगा। नौकरी तलाशने वालों की यह आशावादिता इस विश्वास पर आधारित है, कि एआई सेः

  • काम ज्यादा उत्पादक बनेगा और उसका प्रबंधन आसान हो जाएगा (86 प्रतिशत)
  • नौकरी तलाशने वाले नए कौशल प्राप्त कर पाएंगे या उनका कौशल बढ़ेगा (85 प्रतिशत)
  • नौकरी तलाशने वाले ज्यादा जटिल, महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे (47 प्रतिशत)
  • केवल अनुभव की बजाय अपने कौशल और क्षमता के आधार पर नियुक्ति पाने में मदद मिलेगी (43 प्रतिशत)

नियोक्ताओं (85 प्रतिशत) को यह भी विश्वास है कि एआई से कर्मचारियों के काम की प्रकृति में सुधार आ सकता है, और उनके कर्मचारियों (77 प्रतिशत) के लिए करियर विकास के अवसर एवं नौकरी की सुरक्षा बढ़ सकते हैं।

सशि कुमार, हेड ऑफ सेल्स, इनडीड इंडिया ने कहा, ‘‘यह नया सर्वे एक उत्साहवर्धक खबर लाया है कि नौकरी तलाशने वाले न केवल एआई की संभावनाओं को जानते हैं, बल्कि इसकी क्षमता को लेकर उत्साहित भी हैं। इससे प्रदर्शित होता है कि नौकरी तलाशने वाले अपने करियर में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एआई को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालाँकि नियोक्ताओं को ऐसा ढाँचा बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा, जो टेक्नोलॉजिकल प्रगति की ओर इसका प्रभावी उपयोग कर सके।’’

जहाँ भारत में नौकरी तलाशने वाले एआई सिस्टम और टूल्स के लाभों को स्वीकार करते हैं, वहीं उनके मन में कुछ शंकाएं भी हैं। मुख्य शंकाओं में नया कौशल प्राप्त करने या कौशल संवर्धन की जरूरत (43 प्रतिशत), उद्योग या व्यवसाय में नौकरियों के नुकसान (29 प्रतिशत), और नैतिक डर (20 प्रतिशत) शामिल हैं। इसके अलावा, वो काम में अपनी सेहत (17 प्रतिशत) और पूर्वाग्रह की संभावना (15 प्रतिशत) के नकारात्मक प्रभाव के बारे में अपनी शंका जाहिर करते हैं।

एआई से नियुक्ति के परिवेश में क्या परिवर्तन आ सकता है

इस सर्वे में यह भी सामने आया कि एआई भारत में नियुक्ति के परिदृश्य में क्या परिवर्तन ला सकता है, और नियोक्ताओं एवं नौकरी तलाशने वाले नौकरी तलाशने की प्रक्रिया में इसके द्वारा क्या प्रभाव उत्पन्न होने की अपेक्षा कर रहे हैं। 90 प्रतिशत एचआर/टेलेंट एक्विज़िशन लीडर्स का मानना है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स की मदद से उनका काम आसान हो जाएगा, और 86 प्रतिशत का मानना है कि एआई से भर्ती और प्रत्याशियों के अनुभव में सुधार आ सकता है। 81 प्रतिशत को उम्मीद है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स द्वारा वो अपनी नौकरी में ज्यादा ‘मानवीय’ पहलू पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

नौकरी तलाशने वाले अधिकांश लोगों (78 प्रतिशत) का मानना है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स के विकास से भर्ती और प्रत्याशी के अनुभव में सुधार आएगा। हालाँकि, आधे (50 प्रतिशत) से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों को चिंता है कि एआई भर्ती प्रक्रिया में मानवीय निर्णय और विवेक का स्थान ले लेगा। नौकरी तलाशने की एक निष्पक्ष और पूर्वाग्रहरहित प्रक्रिया के लिए नौकरी तलाशने वाले नियोक्ताओं से अपेक्षा करते हैं कि वो मानवीय दृष्टिकोण/निगरानी (48 प्रतिशत) बनाए रखेंगे, और एआई सिस्टम्स एवं टूल्स के लिए इस्तेमाल हो रहा डेटा अल्पसंख्यक समूहों (41 प्रतिशत) का प्रतिनिधित्व करे।

भारत अपने वैश्विक समकक्षों के सामने कहाँ खड़ा है

भारत में उत्तरदाता एआई की ओर सबसे ज्यादा अग्रसर हैं, 98 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स और 91 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वो काम के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं। इसके मुकाबले, जापान में एक तिहाई से ज्यादा एचआर प्रोफेशनल्स (35 प्रतिशत) और आधे से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों (53 प्रतिशत) ने कहा कि वो व्यावसायिक रूप से एआई टूल्स का उपयोग नहीं कर रहे हैं। फ्रांस में स्थिति इसके विपरीत है, जहाँ 30 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों और 25 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स ने बताया कि उन्हें इस टेक्नोलॉजी को लेकर डर है।

एआई को अपनाने वाले अन्य देश यूएस और कैनेडा हैं, जहाँ 92 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स और यूके में 88 प्रतिशत इसका उपयोग कर रहे हैं। हालाँकि इन देशों में नौकरी तलाशने वाले इसका विरोध कर रहे हैं, और यूके में 41 प्रतिशत, यूएस में 30 प्रतिशत, और कैनेडा में 42 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वो वर्तमान में एआई का उपयोग नहीं करते हैं।

विधि

यह सर्वे सेंससवाईड द्वारा पूरे विश्व के सात देशों में इनडीड की ओर से 7275 नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच किया गया। भारत में 1142 नियोक्ताओं और नौकरी तलाशने वालों का सर्वे किया गया।

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