May 1, 2025, 7:01 pm
spot_imgspot_img

सुभाष पालेकर कृषि प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन राजस्थान के राज्यपाल और राजस्थानकिसान आयोग के अध्यक्ष ने की भागीदारी

सीकर। सुभाष पालेकर जी की प्राकृतिक खेती विधियों पर आधारित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाउ बागड़े और राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सी. आर. चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट (जेकेबीटी) द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में 13 से अधिक राज्यों से आए 1000 से अधिक किसानों ने भाग लिया। मुख्य अतिथियों ने बजाज फाउंडेशन के जमनालाल कनीराम बजाज ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस महत्वपूर्ण पहल की सराहना की, जो किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित कर रही है।

राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष सी. आर. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा, “मैं स्वयं राजस्थान से हूं और मुझे यह भलीभांति ज्ञात है कि जमनालाल जी बजाज को राजस्थान का गांधी कहा जाता था। यह देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है कि बजाज परिवार की चौथी पीढ़ी भी राष्ट्रीय हित के मामलों में गहरी रुचि ले रही है।” उन्होंने पद्मश्री सुभाष पालेकर गुरुजी द्वारा दिए गए सुझाव की सराहना की, जिसमें उन्होंने स्कूल के मध्याह्न भोजन में मिलेट्स (बाजरा आदि) को शामिल करने का आह्वान किया। श्री चौधरी ने इस बात पर भी गर्व व्यक्त किया कि हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी बाजरा को सुपर फूड के रूप में विदेशी देशों में बढ़ावा दिया है।

राजस्थान के राज्यपाल श्री हरिभाउ बागड़े ने भी इस जन आंदोलन का हिस्सा बनने पर कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक निजी क्षेत्र के व्यवसायिक समूह, जैसे कि बजाज समूह, द्वारा सतत कृषि और जल संसाधन प्रबंधन जैसे जनहित के मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के प्रयास अत्यंत प्रशंसनीय हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक गर्व की बात है कि जमनालाल जी, जो सीकर की भूमि से थे, उनके परपोते अपूर्व नयन बजाज उनके राष्ट्र निर्माण के मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं। राज्यपाल ने प्राकृतिक खेती और किसान कल्याण से जुड़े इस प्रशिक्षण के लिए बजाज ट्रस्ट के प्रयासों की सराहना की।

इस तीन दिवसीय शिविर में पद्मश्री सुभाष पालेकर जी के मार्गदर्शन में प्राकृतिक खेती की विधियों को सिखाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों को शून्य लागत पर, रसायन मुक्त खेती की तकनीकों से अवगत कराना है। पहले दिन के कार्यक्रम की तरह, दूसरे दिन भी किसानों को कृषि कार्यशाला में आधुनिक तकनीकों और प्राकृतिक संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी गई।

कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी किसानों को प्रोत्साहित किया और सतत कृषि की इस पहल को ग्रामीण विकास और राष्ट्रीय हित के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles