जयपुर। एब्डोमिनल कैंसर ट्रस्ट के तत्वावधान में इंस्टीट्यूट ऑफ इवेंट मैनेजमेंट (आईआईईएमआर) के सहयोग और फोर्टिस हॉस्पिटल के समर्थन से आयोजित एब्डोमिनल कैंसर डे ने न सिर्फ जागरूकता का संदेश दिया, बल्कि विशेषज्ञता से भरपूर संवाद का भी मंच बना। इस अवसर पर आयोजित पैनल डिस्कशन में देश के अग्रणी चिकित्सकों ने कोलन और रेक्टल कैंसर के बढ़ते प्रकोप, उसके कारण, रोकथाम के उपायों और आधुनिक उपचार तकनीकों पर गहन चर्चा की।
कार्यक्रम में संस्कृति युवा संस्थान के प्रेजिडेंट पं. सुरेश मिश्रा, एब्डोमिनल कैंसर डे के फाउंडर डॉ संदीप जैन, इंडियन रेलवे मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री महेश गर्ग, राजस्थान हाई कोर्ट गवर्नमेंट कॉउंसिल श्री नीरज बत्रा, आईआईईएमआर के निदेशक श्री मुकेश मिश्रा, फोर्टिस हॉस्पिटल के डायरेक्टर श्री मनीष अग्रवाल, सीडार्ट की निदेशक डॉ प्रमिला संजय, कार्य्रकम के समन्वयक एडवोकेट कमलेश शर्मा और जयपुर रनर्स क्लब के प्रेजिडेंट श्री प्रवीण तिजारिया आदि गणमान्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर एब्डोमिनल कैंसर डे के संस्थापक डॉ. संदीप जैन ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में यह देखा देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में एब्डोमिनल कैंसर के केस सबसे अधिक दर्ज किए गए हैं। हम एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इन घातक कैंसरों से काफी हद तक खुद को बचा सकते हैं। साथ ही, यदि किसी भी प्रकार के लक्षण दिखाई दें तो 2–3 सप्ताह के भीतर विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करके इन कैंसरों की समय रहते जांच कराना संभव है, जिससे प्रभावी और उपचार योग्य इलाज किया जा सके।”
पैनल डिस्कशन में शामिल विशेषज्ञों के विचार –
डॉ. अजय बापना, सीनियर ऑन्कोलॉजिस्ट, भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल ने कहा, “गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जो कि गहरी चिंता का विषय है। एक समाज के रूप में हमें सतर्क रहना होगा और बिना किसी देरी के समय पर इलाज कराना बेहद ज़रूरी है।”
डॉ. रूपेश पोखरना, विभागाध्यक्ष, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल ने कहा, “25 से 50 वर्ष की आयु वर्ग में कोलोरेक्टल कैंसर के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई जा रही है। हम एसएमएस अस्पताल में बहुकेंद्रीय आईसीएमआर अध्ययन के तहत स्क्रिनिंग कोलोनोस्कोपी की भूमिका का मूल्यांकन कर रहे हैं।”
डॉ. राम डागा, विभागाध्यक्ष, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, एसएमएस मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल ने कहा, “एसएमएस अस्पताल में हम ऐसे कैंसरों का प्रभावी इलाज करते हैं, जिसमें लेटेस्ट तकनीकों जैसे लैप्रोस्कोपिक और रोबोट-असिस्टेड लैप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग किया जाता है, ताकि मरीजों को सर्वोत्तम परिणाम मिल सकें।”
डॉ. कमल किशोर, ऑन्को सर्जन, एसएमएस मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल ने कहा, “एब्डोमिनल कैंसर की समय पर पहचान और त्वरित इलाज इन कैंसरों से मृत्यु दर को कम करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए आईआईईएमआर के निदेशक श्री मुकेश मिश्रा ने कहा “एब्डोमिनल कैंसर डे केवल एक दिवस नहीं, बल्कि एक सोच, एक सामाजिक जागरूकता की पहल है, जिसका उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना है। हमें यह बताते हुए ख़ुशी है कि हमारे इस प्रयास को झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, मिजोरम के मुख्यमंत्री श्री लालदुहोमा और केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन द्वारा समर्थन और प्रशंसा मिली है। हमें विश्वास है कि अगले साल भी हम इसी तरह के आयोजन करके एब्डोमिनल कैंसर को लेकर लोगों में और ज्यादा जागरूकता फैलाने का काम जारी रखेंगे।”
2019 से मनाया जा रहा एब्डोमिनल कैंसर डे:
एब्डोमिनल कैंसर डे की शुरुआत वर्ष 2019 में डॉ. संदीप जैन द्वारा की गई थी, तब से यह हर वर्ष 19 मई को मनाया जा रहा है। इस वर्ष जागरूकता अभियान की शुरुआत लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला एवं राजस्थान सरकार के चिकित्सा मंत्री श्री गजेंद्र सिंह खींवसर द्वारा पोस्टर लॉन्च के साथ हुई। इसके अतिरिक्त, देशभर के 25 से अधिक शहरों में एक साथ मल्टीसिटी वॉक का आयोजन किया गया जहाँ 10 शहरों में ‘सिटी एम्बैसडर्स’ की नियुक्ति की गई, जिन्होंने स्थानीय स्तर पर आयोजन की सफलता में अहम भूमिका निभाई।