जयपुर। पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाने वाला मोहर्रम रविवार को पूरे राजस्थान में अकीदत और गमगीन माहौल के बीच मनाया जाएगा। राजधानी जयपुर में इस अवसर पर 300 छोटे-बड़े ताजियों का जुलूस निकलेगा, जिसमें सोने और चांदी से सुसज्जित ताजिये विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इससे पहले शनिवार की रात को कत्ल की रात के रूप में मनाया गया।
विभिन्न इलाकों से ताजियों को बाहर लाया गया। ढोल-नगाड़ों और मातमी धुनों के साथ यह ताजियों को देर रात तक गलियों और चौपड़ों में भ्रमण कराया गया। कत्ल की रात में मातम मनाया गया। रामगंज, भट्टा बस्ती, जालूपुरा, एमडी रोड, शास्त्री नगर, चार दरवाजा, ईदगाह रोड, संसार चंद्र रोड सहित अन्य इलाकों में ताजियों की रौनक देखते ही बन रही थी। इन ताजियों में विश्व प्रसिद्ध मस्जिदों और दरगाहों की कलाकृतियां दर्शाई गई।
रविवार को यौमे आशुरा पर शहर के अलग-अलग मोहल्लो से करीब 300 छोटे-बड़े ताजियों का मातमी धुनों पर जुलूस निकलेगा, जो कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक होंगे। इसमें बगरू वालों का रास्ता, पन्नीगरान, हांडीपुरा, नीलगरान, चौकड़ी रामचंद्रजी, सीर की गरान, सीलावटान, नीलगरान नाहरगढ़, बड़वाली मस्जिद बाबू टीबा, यजदानी शास्त्रीनगर के ताजिए खास हैं। ऐसे ही मोहल्ला तवायफान से 20 फीट ऊंचा ताजिया निकलेगा।
खास बात यह है कि यहां हर साल अभ्रक, मखमली कपडे, बांस और प्लास्टिक शीट से ही ताजिये बनाया गया है। इस बार ज्यादातर ताजियों की ऊंचाई 15 फीट से अधिक है। बगरू वालों के रास्ते का 21 फीट ऊंचा ताजिया सबसे बड़ा होगा। कोविड के दौरान ऊंचाई कम की गई थी।
जयपुर पुलिस ने इस धार्मिक अवसर पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। क्यूआरटी, ईआरटी, एसटीएफ, ट्रैफिक पुलिस, होमगार्ड सहित विशेष दस्तों को संवेदनशील इलाकों में लगाया गया है। ड्रोन के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।