जयपुर। नेट थिएट के 5 वर्ष पूर्ण होने पर दो दिवसीय कार्यक्रम राग रंग और रस आयोजित किया गया। राजेंद्र शर्मा राजू ने बताया अनिल मारवाड़ी द्वारा रचे गए डिजिटल इंडिया से प्रेरित नेटथिएट के पांच वर्ष पूर्ण होने पर पहले दिन लोक गायिका पूनम परवाना ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत राजस्थान की सुप्रसिद्ध मांड हाजी ओ बादिला आंख फारूख म्हारी बेगा घर आजो जी को बड़े ही सुरीले अंदाज में पेश कर सभी को आनंदित किया। इसके बाद उन्होंने रिमझिम बरसे गोरी मेवाड़ों सुरंगों रे, नैन कटारी मत मारो म्हारा बादिला और अंत में चिट्ठी जरा सैया जी को बड़ी दमदार आवाज में पेश कर राजस्थान की संस्कृति पूजा कर किया।
इनके साथ हारमोनियम पर सांवरमल कथक और तबले पर नंदू परवाना की संगत की। कार्यक्रम के दूसरे दिन उभरती युवा कलाकार श्रेया यादव ने कीर्तन की है रात श्याम थानै आणो है, मोहन आंवो तै सरी श्री माधव के मंदिर म मीरा एकली खड़ी और सांवरिया जादू कर गयो मह क्या करु भजन को बड़े ही मनोयोग से गाकर सभी को भक्ति रस में डुबो दिया ।
इनके साथ हारमोनियम पर इनके उस्ताद बुंदू खा और तबले पर मेराज हुसैन ने शानदार संगत की । इसके बाद जयपुर संगीत विद्यालय की प्रस्तुति में शिल्पी शर्मा द्वारा उपशास्त्रीय बंदिश “अरज सुनो बनवारी “पर भावपूर्ण नृत्य छेड़छाड़ और कसक – मसक के साथ अनूठे अंदाज में प्रस्तुत किया।
जयपुर संगीत महाविद्यालय के (अद्विता , याना, अरीशा, हर्षिता और नंदिनी ) विद्यार्थियों द्वारा झपताल 10 मात्रा ताल में लखनवी तराना ” त दा रे दानी दींम ” की प्रस्तुति उनकी तैयारी को बखूबी दर्शा रही थी ।
मास्टर वेदांत शर्मा द्वारा एकल तबला वादन तीनताल में उठान, पेशकार, दिल्ली घराने का प्रसिद्ध कायदा, धीर-धीर का रेला, कुछ फरमाइशी गते , श्रावण मास के शुभारंभ को ध्यान में रखते हुए शिवजी के डमरू की गत को प्रस्तुत कर श्रोताओं की वाह वाही लूटी। तीनताल के पश्चात ताल रूपक में लय की समझ ओर उंगलियों की तैयारी को बखूबी दर्शाया । मास्टर वेदांत के साथ हारमोनियम पर महाविद्यालय के सचिव राम शर्मा ने संगत की ।
कनिका भार्गव ने चिरमी एवं भवाई नृत्य प्रस्तुत किया। परि मित्रा ने उपशास्त्रीय नृत्य गरज गरज आज मेघ घनन घनन छायो रे को प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया ।