नई दिल्ली। प्रतिष्ठित संस्थान, बिट्स पिलानी द्वारा अपनी विशिष्ट विरासत को आगे बढ़ाते हुए पिलानी परिसर में दीक्षांत समारोह 2025 का आयोजन किया गया। पिलानी परिसर में 1,706 विद्यार्थियों को बीई, एमएससी, एमई और पीएचडी कार्यक्रमों में उपाधियाँ प्रदान की गईं, जबकि सभी परिसरों, कार्यक्रमों और वर्क इंटीग्रेटेड लर्निंग प्रोग्राम्स (डब्ल्यूआईएलपी) में कुल 17,014 उपाधियाँ दी गईं।
दीक्षांत समारोह में बिट्स पिलानी के कुलाधिपति और आदित्य बिरला समूह के चेयरमैन, कुमार मंगलम बिरला; भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़; और बिट्स पिलानी के कुलपति प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव मौजूद थे। इन गणमान्य लोगों की उपस्थिति से विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक उत्कृष्टता, दूरदर्शी नेतृत्व और सामाजिक प्रभाव की गहरी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
ग्रेजुएट होने वाले बैच को संबोधित करते हुए, कुमार मंगलम बिरला ने कहा, “शिक्षा केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है; यह एक ज़िम्मेदारी है। यह दीक्षांत समारोह एक औपचारिक उपलब्धि से बढ़कर है। यह बिट्स पिलानी में आपके सामूहिक सफर और भविष्य में आपके द्वारा निभाई जाने वाली बड़ी भूमिका का प्रतिनिधित्व करता है। हम यहाँ नए बुनियादी ढाँचे, शैक्षणिक नवाचार, या वैश्विक विस्तार द्वारा जो परिवर्तन ला रहे हैं, वह आप जैसे विद्यार्थियों की महत्वाकांक्षाओं और उपलब्धियों से प्रेरित है। आप जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आप उत्कृष्टता, जिज्ञासा और योगदान की एक ऐसी विरासत बनाते जाते हैं, जो आने वाले सालों में बिट्स पिलानी को परिभाषित करती रहेगी।
इस वर्ष ग्रेजुएट हुआ समूह बिट्स पिलानी की समावेशिता की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करता है। इस साल विभिन्न कार्यक्रमों में ग्रेजुएट हुए विद्यार्थियों में 26.8प्रतिशत यानी 4,563 छात्राएं थीं। संस्थान द्वारा इतिहास में अब तक सबसे अधिक 268 पीएचडी की उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 46.3प्रतिशत उपाधियाँ छात्राओं ने हासिल कीं। इसके अलावा, इस साल डब्ल्यूआईएलपी में 12,192 विद्यार्थियों ने ग्रेजुएट की उपाधि हासिल की, जिससे वर्किंग प्रोफेशनल्स को परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने में बिट्स पिलानी की महत्वपूर्ण भूमिका प्रदर्शित होती है।
दीक्षांत समारोह में शैक्षणिक नवाचार, वैश्विक सहयोग और बुनियादी ढाँचे के विकास में बिट्स पिलानी द्वारा की गई महत्वाकांक्षी प्रगति उजागर हुई। संस्थागत घोषणाओं में प्रोजेक्ट विस्तार को जारी रखने की घोषणा भी की गई। इस अभियान का उद्देश्य विश्वविद्यालय को विकास के अगले चरण में मदद करने के लिए परिसर के बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है।
इसके अंतर्गत अमरावती में AI+ परिसर का विकास किया जा रहा है, जहाँ नई विकसित होती हुई टेक्नोलॉजी, इंटरडिसिप्लिनरी अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक गठबंधनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अलावा, बिट्स पिलानी डिजिटल के शुभारंभ से वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए अनुकूलित उद्योग-केंद्रित लचीले लर्निंग प्रोग्राम द्वारा संस्थान की ऑनलाइन शिक्षा पेशकशों में क्रांतिकारी परिवर्तन होगा।
संस्थान द्वारा दी गईं 2,500 डॉक्टरेट उपाधियाँ इसे एक शिक्षण संस्थान से एक वैश्विक अनुसंधान केंद्र के रूप स्थापित करती हैं। पूर्व छात्रों की भागीदारी भी बढ़ रही है। पिछले साल शुरू किए गए 100 मिलियन डॉलर के एंडोमेंट फंड के लिए 25 मिलियन डॉलर से अधिक की राशि पहले ही एकत्रित हो चुकी है। इस राशि का उपयोग सभी परिसरों में छात्रवृत्ति, अनुसंधान, उत्कृष्टता केंद्रों और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। पूर्व छात्रों की उदारता व भागीदारी परोपकारी योगदानों और सक्रिय मार्गदर्शन, पाठ्यक्रम सहयोग तथा नवाचार के कार्यक्रमों में भी स्पष्ट दिखाई दी।
इस साल बिट्स पिलानी से ग्रेजुएट हुआ बैच यहाँ पर बढ़ते अनुसंधान को दर्शाता है। इस साल रिकॉर्ड स्तर पर 268 पीएचडी उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें से कई नए उद्योग-संबद्ध कार्यक्रमों जैसे इम्पैक्ट और ड्राइव के लिए दी गई हैं। बिट्स पिलानी निरंतर अनुसंधान और नवाचार में आगे बढ़ रहा है।
संस्थान को वित्त वर्ष 2024-25 में 270 परियोजनाओं के लिए ₹186 करोड़ से अधिक का वित्तपोषण प्राप्त हुआ तथा यहाँ से 179 नए पेटेंट दर्ज किए गए। आरएमआईटी, आयोवा स्टेट और बफैलो जैसे विश्वविद्यालयों के साथ वैश्विक गठबंधनों से 2+2 अंतर्राष्ट्रीय डिग्रियों और संयुक्त पीएचडी कार्यक्रमों को काफ़ी बढ़ावा मिला।