July 28, 2025, 3:41 am
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चांदी की पालकी में विराजमान होकर निकली तीज माता की सवारी

जयपुर। कच्ची घोड़ी, गैर, कालबेलियाई और चकरी नृत्य करते कलाकार… बैंड-बाजों की स्वर लहरियां…. सवारी की अगुवाई करते हुए निशान लेकर चलता हाथी, घोड़े, ऊंट और बैलगाड़ी के पारम्परिक लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से चांदी की पालकी में विराजमान तीज माता की सवारी निकली तो राजस्थानी संस्कृति साकार हो उठी। अवसर था पर्यटन विभाग, सिटी पैलेस, जिला प्रशासन और नगर निगम की ओर रविवार को त्रिपोलिया गेट से निकाली गई तीज माता की सवारी का। तीज माता की पारम्परिक सवारी मंगलवार को शाम 6 बजे सिटी पैलेस से शाही ठाठ-बाट के साथ निकली। चांदी की पालकी में तीज माता को कहार अपने कंधों पर लेकर चले। खासकर सबसे आगे पूर्व राजपरिवार का हाथी नहान चला। उसके बाद माता की सवारी और ऊंट, घोड़े, बैंड का लवाजमा रहा। रास्ते भर कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए चले ।

शहर और ग्रामीण इलाकों से आए लोग दोपहर को ही परकोटे पहुंचे

शाही सवारी के दर्शन करने शहर और ग्रामीण इलाकों से आए लोग दोपहर को ही परकोटे पहुंचे। कलाकारों ने लोगों का मन मोह लियाशाही ठाठ-बाठ और जलूस के रूप में निकली सवारी में शिव, कृष्ण, हनुमानजी, कालिका माता के स्वरूप बने कलाकारों ने लोगों का मन मोह लिया। आगे तोप गाड़ी, बैलगाड़ी, घोड़ा बग्घी और सुसज्जित रथ के बीच बैंड वादक स्वर लहरियां बिखरेते चल रहे थे। सबसे पीछे चौबदार और तीज माता का बयाना लेकर चलने वाले थे। महिलाएं सिर पर कलश धारण कर चल रही थीं।

सवारी त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़ और गणगौरी बाजार और चौगान स्टेडियम होते हुए तालकटोरा पहुंची, जहां माता को घेवर का भोग लगाया गया। बरामदों की छत पर भी भीड़ सवारी देखने के लिए मुख्य सड़क पर तो भीड़ थी ही, लोग बरामदों व घरों की छतों पर भी चढ़ गए। पर्यटकों के लिए हिंद होटल की छत पर बैठने की व्यवस्था की गई है। देशी-विदेशी पर्यटक नजारे को कैमरे में कैद करने के लिए उत्सुक दिखाई दिए। परम्परा और भक्ति का संगम छोटी चौपड़ होते हुए शोभायात्रा तालकटोरा पहुंचकर संपन्न हुई।

जहां तालकटोरा की पाल पर शुरू हुए तीज महोत्सव में परंपरा और धार्मिक भावना का संगम हुआ। लोक कलाकारों ने लोगों को रिझाया, वहीं तीजा माता की सवारी पहुंचते ही माहौल भक्तिमय हो गया। सवारी पहुंचते ही आशिकी बाजी के साथ स्वागत किया गया। नगर निगम की ओर से आयोजित महोत्सव में विभिन्न झांकियों सजाई गईं। पुलिस, आरएसी और आर्मी बैण्ड की स्वर लहरियों ने भी प्रस्तुति दी। पर्यटन विभाग की ओर से सोमवार को जनानी ड्योढ़ी से पारंपरिक तीज की सवारी निकाली जाएगी। सवारी शाही लवाजमे के साथ शाम 6 बजे रवाना होगी।

तीज महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने का पूरा प्रयास

इस बार तीज महोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के पूरे प्रयास किए गए। सांस्कृतिक और तकनीकी दृष्टि से पहले से अधिक व्यापक और दर्शनीय हुआ। ब्रह्मपुरी स्थित पौंड्रिक पार्क में तीज मेला आयोजित किया गया । इसमें महिलाओं द्वारा निर्मित शिल्प और कला सामग्री का प्रदर्शन किया । मेहंदी-मांडणा, झूले, फूड स्टॉल्स और लोक कलाकारों की प्रस्तुतियां इस मेले में चार चांद लगा दिए । साथ ही हरियालो राजस्थान अभियान के तहत पौधारोपण भी किया गया । प्रमुख शासन सचिव पर्यटन राजेश यादव ने बताया कि पर्यटन विभाग की ओर से तीज उत्सव में राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति और परम्पराएं अद्भुत और आकर्षक रूप से प्रदर्शित हुई। इसके तहत पौंड्रिक पार्क में तीज मेले का आयोजन भी किया गया। इस बार दो दिवसीय तीज उत्सव का आयोजन पहले से और अधिक भव्य और आकर्षक रूप में किया गया।

जिसमें राजस्थान की रंग-बिरंगी संस्कृति और परम्पराएं अद्भुत और आकर्षक रूप से प्रदर्शित हुई। सजी सवारी हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करती रही। राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से एक महिला-केंद्रित शिल्प और सांस्कृतिक मेला भी भरा। वहीं देशी-विदेशी पर्यटकों के बैठने के लिए टेरेस और बरामदों में बैठने की व्यवस्था करने सहित टेंट और वाटरप्रूफ शामियाना भी लगाया गया।

तीज माता की सवारी को हेलीकॉप्टर से निहारा

ऐवन हेलिकॉप्टर्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी सोहन सिंह नाथावत ने बताया कि जयपुर में तीज महोत्सव के मौके पर हेलीकॉप्टर जॉय राइड की शुरुआत की गई। इस स्पेशल जॉय राइड में सफर कर पर्यटक न सिर्फ ऐतिहासिक तीज महोत्सव बल्कि, जयपुर के प्रमुख पर्यटक स्थल और मानसून में अरावली की खूबसूरती का एरियल व्यू निहारा।
तीज माता की शाही सवारी इस बार पूरा राज्य देखेगा

जयपुर स्थापना के समय से 298 वर्षों से निकल रही तीज माता की शाही सवारी इस बार पूरा राज्य देख रहा। खास बात यह है कि जो लोग व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, उनके लिए पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) की ओर से राज्यभर में किया जा रहा है।

दौ सौ से अधिक एलईडी स्क्रीन से हुआ सीधा प्रसारण

जयपुर स्थापना के समय से निकल रही तीज माता की शाही सवारी इस बार पूरे राज्य ने देखा । खास बात यह है कि जो लोग व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, उनके लिए पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) की ओर से राज्यभर में किया गया । साथ ही 200 से अधिक एलईडी स्क्रीन पर इसका प्रसारण किया गया।

प्रिंसेस गौरवी कुमारी और महाराजा पद्मनाभ सिंह ने की तीज माता की पूजा

तीज के अवसर पर प्रिंसेस गौरवी कुमारी ने सिटी पैलेस स्थित जनाना ड्योढ़ी में तीज माता की पारंपरिक पूजा-अर्चना की। इसके पश्चात तीज माता की शाही सवारी को लवाजमे के साथ त्रिपोलिया गेट से निकाला गया। जहां हिज हाइनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह भी पूरे रीति-रिवाज के साथ तीज माता की पूजा की।

हिज हाइनेस महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि “तीज जैसे राजस्थान के त्यौहार हमारे इतिहास, परंपराओं और समाज को एक सूत्र में पिरोते हैं। तीज का त्योहार मना कर हम न केवल अपनी परंपरा का सम्मान करते हैं, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए भी संजोते हैं।”

राज्यपाल तीज माता की शोभायात्रा में सम्मिलित की महाआरती

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने रविवार को छोटी चौपड़ पहुंचकर पालकी में सवार होकर निकली तीज माता की सवारी और शोभायात्रा के दर्शन किए। बागडे ने इस दौरान तीज माता की पारंपरिक पूजा-अर्चना कर महा आरती में भाग लिया। उन्होंने तीज माता से प्रार्थना कर सबके मंगल और प्रदेश की संपन्नता तथा खुशहाली की कामना की।

पहली बार छोटी चौपड़ पर तीज माता की महाआरती

शाही सवारी के दौरान पहली बार छोटी चौपड़ पर तीज माता की महाआरती की गई। महाआरती में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, जयपुर सांसद मंजू शर्मा, विधायक स्वामी बालमुकुंद आचार्य, विधायक गोपाल शर्मा, राजस्थान पर्यटन के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव, उत्तराखंड पर्यटन मिनिस्टर सतपाल महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक तीज माता की सवारी देखने के लिए पहुंचे।

तीज परंपरा, श्रद्धा और उत्सव का प्रतीक

उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रदेशवासियों को दी तीज की शुभकामनाएं देते कहा कि तीज महिलाओं का विशेष पर्व है। तीज परंपरा, श्रद्धा और उत्सव का प्रतीक है। तीज माता की सवारी सदियों से निकलती हुई आ रही है। यह हमारी संस्कृति की पहचान है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सीजन टूरिज्म के हिसाब से ऑफ सीजन होता है। अभी टूरिस्ट सीजन नहीं है लेकिन हमारा प्रयास कि ऑफ सीजन में भी पर्यटक आए।

उत्तराखंड की पार्वती माता को राजस्थान में तीज माता के रूप में पूजा जाता है

उत्तराखंड पर्यटन मिनिस्टर सतपाल महाराज ने कहा कि हमारी देवभूमि है और यह छोटी काशी है, दोनों के बीच बहुत गहरा संबंध है। हमारे उत्तराखंड की पार्वती माता है और राजस्थान में उन्हें तीज माता के रूप में पूजा जाता है। राजस्थान की परंपरा संस्कृति बहुत ही अच्छी है। आज वीरता और शौर्य की झांकी देखने को मिली। झांकी देखने के साथ ही तीज माता की पूजा करने का सौभाग्य मिला। यही विशेषता है कि राजस्थान में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं।

तीज माता की शाही सवारी में ड्रोन से पुष्प वर्षा

गुलाबी नगर जयपुर में हरियाली तीज का पारंपरिक उत्सव इस बार भी भव्यता और आधुनिक तकनीक के संगम के रूप में सामने आया। जहां तीज माता की शाही सवारी जब त्रिपोलिया गेट से प्रारंभ हुई। तब दर्शकों ने एक अद्भुत दृश्य देखा, जहां तीज माता की शाही सवारी पर ड्रोन से पुष्प वर्षा की गई, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय और आकर्षक बन गया।जो लोगों की यादों में लंबे समय तक रहेगा।

ड्रोन से गिरते गुलाब और गेंदे के फूलों ने तीज माता की आरती को और भी दिव्य बना दिया। पुष्प वर्षा के दौरान श्रद्धालु “तीज माता की जय” के जयघोष करते रहे और मोबाइल कैमरों से इस दृश्य को कैद करने में व्यस्त रहे।

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