हथियार तस्करी का रैकेट उजागर: दो तस्कर तीन पिस्टल के साथ गिरफ्तार

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Arms smuggling racket exposed: Two smugglers arrested with three pistols
Arms smuggling racket exposed: Two smugglers arrested with three pistols

जयपुर। राजस्थान पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) ने हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर पुलिस के साथ मिलकर दो शातिर हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से तीन अवैध देशी पिस्टल (.32 बोर) और पांच मैगजीन बरामद की हैं।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन ने बताया कि इस ऑपरेशन को दो अलग-अलग जिलों में अंजाम दिया गया। पहली गिरफ्तारी श्रीगंगानगर जिले के सादुलशहर में हुई। जहां खेरूवाला रोड पर जेबीटी कॉलेज के सामने से पुलिस ने 40 वर्षीय गुरमीत सिंह निवासी खेरूवाला को एक अवैध पिस्टल मय मैगजीन के साथ दबोचा। गुरमीत सिंह ने पूछताछ में खुलासा किया कि उसने यह हथियार हथियार तस्कर जगतार सिंह उर्फ काला से प्राप्त किया था।

दूसरी कार्रवाई हनुमानगढ़ जिले के रावतसर में की गई। यहां पुलिस ने 21 वर्षीय अभिषेक जाट निवासी चाइया रावतसर को दो अवैध पिस्टल और चार मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया। अभिषेक ने बताया कि उसने ये हथियार सोनू भांभू से खरीदे थे, जो इस गिरोह का एक महत्वपूर्ण सदस्य है।

मास्टरमाइंड सोनू भांभू और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंध

यह ऑपरेशन एक बड़ी आपराधिक साजिश का हिस्सा है। दरअसल एजीटीएफ ने हाल ही में गैंगस्टर और हथियार तस्कर सोनू भांभू को उत्तराखंड से डिटेन कर जयपुर में पूछताछ की थी। सोनू भांभू, जिसका संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है ने पूछताछ के दौरान चौंकाने वाला खुलासा कि वह अब तक राजस्थान के विभिन्न जिलों में 131 से अधिक अवैध हथियार सप्लाई कर चुका है। सोनू भांभू से मिली जानकारी के आधार पर ही एजीटीएफ की टीम लगातार इस गिरोह पर नज़र रख रही थी।

एक सप्ताह पहले भी टीम ने हनुमानगढ़ में इसी गिरोह के 11 आरोपियों को गिरफ्तार कर 6 अवैध हथियार जब्त किए थे। यह ताजा कार्रवाई उसी अभियान की अगली कड़ी है।

एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सिद्धांत शर्मा के सुपरविजन मे इस पूरे ऑपरेशन को सफल बनाने में एजीटीएफ के इंस्पेक्टर सुभाष सिंह तंवर के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कांस्टेबल सुरेश कुमार की जिसमें विशेष भूमिका रही। टीम में सहायक उप-निरीक्षक शंकर दयाल शर्मा, हेड कांस्टेबल कमल सिंह, कांस्टेबल नरेश कुमार, रतिराम और चालक सुरेश कुमार शामिल थे, वहीं, जिला हनुमानगढ़ की डीएसटी टीम में निरीक्षक हनुमानाराम, हेड कांस्टेबल सुखविंदर, कांस्टेबल साहबराम, जोतराम, रिंकू, देवकरण चोटिया, पवन और कांस्टेबल चालक धीरसिंह ने सराहनीय योगदान दिया। इस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश जारी है।

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