जयपुर। गायत्री परिवार की संस्थापिका माता भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी एवं सिद्ध अखण्ड दीप की शताब्दी वर्ष 2026 के आयोजन के लिए वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। इसमें गायत्री परिवार के देशभर के प्रतिनिधि शामिल हुए। देश के युवा आइकान और देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि सहित देशभर से चयनित वरिष्ठ गायत्री परिजनों ने संबोधित किया।
वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता कर रहे देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि शताब्दी वर्ष पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा। ज्योति अब ज्वाला बनेगी, इसके प्रकाश पुंज से पूरी मानवता को प्रकाशित की जानी है। यह शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि युग निर्माण की चेतना को पुन: जाग्रत करने का सशक्त अवसर है। माताजी के तप, त्याग एवं सेवा तथा सिद्ध अखण्ड दीपक से प्रेरणा प्रकाश लेकर हम समाज में सकारात्मक परिवर्तन के संवाहक बनें। गायत्री परिवार का यह शताब्दी आयोजन वैश्विक स्तर पर जनमानस को आत्मिक चेतना, सेवा, साधना और संस्कारों से जोडऩे वाला होगा।
युवा आइकॉन डॉ. पण्ड्या ने कहा कि शताब्दी वर्ष के अंतर्गत हरिद्वार में दो प्रमुख आयोजन होंगे। पहला आगामी जनवरी माह में तथा दूसरा नवंबर 2026 में। बैठक में आयोजन की रूपरेखा तथा राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि ने कहा कि जन्मशताब्दी वर्ष के अंतर्गत होने वाले कार्यक्रमों की स्वरूप की विस्तृत जानकारी दी।
केन्द्रीय जोनल समन्वयक डॉ ओपी शर्मा ने गायत्री परिवार के करोड़ों परिजनों द्वारा निभाए जाने वाले उत्तरदायित्वों पर प्रकाश डाला। इससे पूर्व शांतिकुंज में शताब्दी कार्यालय का शुभारंभ भी किया गया। साथ ही अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं शैल दीदी के मार्गदर्शन में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम का गठन किया गया है, जो शताब्दी आयोजन की योजना, समन्वय एवं क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेगी। इस अवसर पर श्याम बिहारी दुबे, परमानंद द्विवेदी, केन्द्रीय जोन समन्वयक सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।