जयपुर। राजस्थान साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड लेकर साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में मुख्य आरोपी घनश्याम मीणा की निशानदेही पर एक साइबर ठग नीरज कुमार मीणा को गिरफ्तार किया गया है, साथ ही तीन बाल अपचारियों को भी निरुद्ध किया गया है। पुलिस ने इनके कब्जे से 15 फर्जी सिम कार्ड, 4 मोबाइल फोन और 40,450 की ठगी गई राशि बरामद की है।
साइबर क्राइम पुलिस अधीक्षक शांतनु कुमार के सुपरविजन में हुई इस कार्रवाई में मालपुरा गेट थाना क्षेत्र में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मोबाइल सिम खरीदने आए एक लड़के की सूचना मिली थी। इस पर साइबर क्राइम थानाधिकारी मय टीम मालपुरा गेट स्थित भारती हेक्साकॉम लिमिटेड के सांगानेर स्टोर पर पहुंचे।
एक गिरफ्तारी से बड़े नेटवर्क के खुलासे की ओर बढ़ती पुलिस
स्टोर इंचार्ज दीपेंद्र शर्मा की लिखित रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर घनश्याम मीणा निवासी निवाई टोंक को गिरफ्तार किया गया। उसके कब्जे से 7 मोबाइल सिम कार्ड, 2 खाली सिम कवर, 2 आधार कार्ड और एक वीवो कंपनी का मोबाइल फोन बरामद किया गया।
घनश्याम मीणा से पूछताछ के आधार पर शुक्रवार 25 जुलाई को साइबर थाना राजस्थान की टीम ने आगे की कार्रवाई की। अनुसंधान के दौरान एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया जो साइबर ठगों तक फर्जी दस्तावेजों से ली गई सिम्स को बेचने में सहयोग करता था। उसके साथ ही, एक अन्य बाल अपचारी को भी निरुद्ध किया गया, जो साइबर ठगी के लिए बैंक खाते बेचता था। इसके अतिरिक्त एक तीसरे बाल अपचारी साइबर ठग को भी पकड़ा गया, जिसके पास से एक मोबाइल फोन, 5 फर्जी सिम और 5000 की ठगी की राशि बरामद हुई।
मुख्य साइबर ठग नीरज कुमार मीणा गिरफ्तार
इस प्रकरण में मुख्य साइबर ठग नीरज कुमार मीणा पुत्र मीठालाल मीणा (19) निवासी ध्यावना की ढाणी शिवसिंहपुरा थाना झापदा जिला दौसा हाल किरायेदार त्रिवेणी नगर थाना महेश नगर जयपुर को गिरफ्तार किया गया। नीरज के कब्जे से 10 फर्जी मोबाइल सिम कार्ड, तीन खाली मोबाइल सिम कवर, दो मोबाइल फोन (वनप्लस और आईफोन-15) और ₹35,450 की साइबर ठगी की रकम बरामद की गई।
अनुसंधान में सामने आया है कि ये साइबर ठग जयपुर के त्रिवेणी नगर में किराये के मकान पर रहकर आपस में मिलकर ठगी की वारदातों को अंजाम देते थे। पुलिस द्वारा इस मामले में आगे का अनुसंधान जारी है, जिससे गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और ठगी के अन्य मामलों का खुलासा होने की संभावना है।