जयपुर। राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। इस मौके पर झालाना स्थित एसीबी मुख्यालय में सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा और उनके परिजनों के साथ ही एसीबी के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे। एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा को एसीबी मुख्यालय में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। सेवानिवृत्ति से पहले एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव को कार्यभार सौंपा।
सेवानिवृत्ति समारोह में एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने एसीबी के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कामकाज की सराहना की। पुलिस परंपरा के अनुसार एसीबी अधिकारियों और कर्मचारियों ने पारंपरिक अंदाज में रस्सी से कार खींचकर डीजी पद से सेवानिवृत्त हुए रवि प्रकाश मेहरड़ा को विदाई दी ।
इस मौके पर एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर एसीबी ने टीम वर्क से काम किया। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की बड़ी कार्रवाइयों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कोटा संभागीय आयुक्त और एक विधायक को भी ट्रैप करना बड़े प्रकरण थे। यही नहीं खुद एसीबी ने अपने ही दो एएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में बदलती परिस्थितियों और दखल को देखते हुए हमें नहीं कहने की भी आदत होनी चाहिए। एसीबी कार्रवाई के बाद अभियोजन स्वीकृतियां जारी नहीं होने पर उन्होंने कहा कि यह एक सतत प्रक्रिया है, कार्रवाई के लिए सरकार ने हमें स्वीकृतियां जारी भी की है। लेकिन इसमें संशोधन की जरूरत है। एसीबी ट्रैप के बाद समयबद्ध रूप से अभियोजन स्वीकृतियां जारी की जानी चाहिए, अगर जारी नहीं की जाती है तो कार्रवाई होनी चाहिए।