गोविंद देवजी मंदिर प्रबंधन ने जेडीसी को विकास कार्य के लिए भेजा सुझाव पत्र

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Govind Devji temple management sent a letter of suggestion to JDC for development work
Govind Devji temple management sent a letter of suggestion to JDC for development work

जयपुर। श्री गोविंद देव जी मंदिर जयपुर की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा एवं मंदिर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए एक विस्तृत ज्ञापन जयपुर विकास प्राधिकरण की आयुक्त आनंदी को भेजा गया। ज्ञापन में मंदिर क्षेत्र में व्याप्त मूलभूत समस्याओं और भीड़ नियंत्रण के लिए आवश्यक सुधारात्मक उपायों का उल्लेख करते हुए अनेक प्रभावी सुझाव दिए गए हैं।

महंत मंदिर श्री गोविंद देवजी अंजन कुमार गोस्वामी के अनुसार विशेषज्ञों की सलाह एवं जन सहयोग से तैयार इस ज्ञापन में गौरांग महाप्रभु मंदिर से गोविंद देवजी मंदिर तक के प्रमुख आवागमन पथ पर अवैध रूप से स्थापित दुकानों को तत्काल हटाने की मांग की गई है, जिससे श्रद्धालुओं के निर्बाध आवागमन में सुधार हो सके। साथ ही, सिंचाई विभाग की जमीन से फराश खाना होते हुए एक वैकल्पिक मार्ग के निर्माण का प्रस्ताव रखते हुए इसे मंदिर तक पहुंचने का एक सुरक्षित विकल्प बताया गया है।

मंदिर प्रशासन ने इस बात पर विशेष बल दिया है कि श्रद्धालुओं की ठहरने की सुविधा हेतु सिंचाई विभाग की भूमि पर एक सुंदर, नि:शुल्क धर्मशाला का निर्माण हो, जिसका संचालन मंदिर प्रबंधन द्वारा किया जाए। भीड़भाड़ और पार्किंग की समस्या से निजात पाने के लिए जलेबी चौक में भूमिगत पार्किंग का निर्माण आवश्यक बताया गया है। इसके साथ ही, मंदिर मार्ग (जलेबी चौक से गुरुद्वारा तक) पर छायादार शेड की मांग की गई है जिससे बारिश और धूप से दर्शनार्थियों को राहत मिल सके।

घटता गया बजट, एक साल बाद भी काम शुरू नहीं

उल्लेखनीय है कि जेडीए द्वारा गोविंद देव जी मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए हाल ही में 5.50 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इससे पूर्व अयोध्या की तर्ज पर कॉरिडोर बनाने और मंदिर के समग्र विकास के लिए 100 करोड़ की योजना स्वीकृत की गई थी, जिसमें से 30 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है। लेकिन सरकार के एक साल बाद भी कार्य शुरू नहीं हुआ।

जो विकास कार्य पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान शुरू हुए थे वे भी बंद है। इसमें फायर सिस्टम बनाना और जय निवास उद्यान का सौंदर्यीकरण भी शामिल है। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए जिसमें जय निवास बाग के पूर्वी गेट के पास एक नया और बड़ा प्रवेश द्वार विकसित किया जाए, जिससे उत्सवों के दौरान होने वाली भारी भीड़ और भगदड़ की स्थिति से बचा जा सके।पूर्वी, पश्चिमी और परिक्रमा गेट पर विशेषकर वृद्ध एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए रैंप की सुविधा विकसित की जाए।

जलेबी चौक से गुरुद्वारा मोड़ तक आम वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जाए; केवल मंदिर सेवागीर एवं अधिकृत वाहनों को ही अनुमति दी जाए। जलेबी चौक में आधुनिक, स्वच्छ एवं सुलभ शौचालय का निर्माण कराया जाए। मंदिर मार्ग पर सब्जी एवं फल विक्रेताओं द्वारा किए गए अतिक्रमण को हटाया जाए, जिससे श्रद्धालुओं के रास्ते में कोई व्यवधान न आए।

आवारा पशुओं की बढ़ती समस्या के स्थायी समाधान के लिए नगर निगम द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाए। टूरिस्ट बसों का प्रवेश जलेबी चौक में वर्जित किया जाए और उन्हें रामनिवास बाग में पार्क कर वहीं से शटल सेवा द्वारा श्रद्धालुओं को सिटी पैलेस तक लाया जाए। वन-वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू कर मंदिर आगमन एवं निकास के लिए स्पष्ट मार्ग निर्धारित किया जाए ताकि भीड़ नियंत्रण हो सके।

गुरुद्वारा के सामने दर्शनार्थियों के लिए सुव्यवस्थित पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, और ट्रांसपोर्ट कंपनियों के भारी वाहनों की पार्किंग पर प्रतिबंध लगाया जाए। मंदिर मुख्य प्रवेश द्वार के सामने बड़ा नि:शुल्क जूताघर निर्माण करवाया जाए। जेडीए एवं संबंधित विभागों से अनुरोध किया है कि श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इन प्रस्तावों को शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाए एवं कार्यान्वयन के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

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