July 16, 2025, 3:51 pm
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गुरु पूर्णिमा महोत्सव आज : माता-पिता बड़ों और गुरु का आशीर्वाद लेने का महत्व

जयपुर। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन माता-पिता बड़ों और गुरु का आशीर्वाद लेने का महत्व है क्योंकि गुरु ही अंधकार से उजाले की ओर ले जाते हैं। गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह दिन समर्पित है।

विद्वानों के अनुसार गुरु ही गोविंदा का ज्ञान करते हैं। गुरु ही अंधकार से उजाले की तरफ ले जाते हैं। गुरु सिर्फ शिक्षक नहीं होते, जीवन पद के मार्गदर्शक भी होते हैं। बिना गुरु के कुछ भी संभव नहीं है। यह दिन गुरु के प्रति कृतार्थ व्यक्त करने का है।

पंडित श्रीकृष्ण चन्द्र शर्मा ने इस विशेष दिन के लिए साधकों को चिरायु आरोग्य और सच्चा ज्ञान प्राप्त हो इसके लिए बताया कि इस दिन बृहस्पति बीज मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः’ का 108 बार जाप करने से गुरु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही इस दिन आप अपने गुरु को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देकर आशीर्वाद ग्रहण लेना चाहिए।

इंद्र और वैधृति योग रहेगा

पंडित श्री कृष्ण चन्द्र शर्मा के अनुसार गुरुवार को भद्रा का समय सुबह 5:31 से लेकर दोपहर 1:55 तक रहेगा। इस इस दिन सुबह 5:31 से लेकर 7:15 तक चौघड़िया का शुभ मुहूर्त रहेगा। इस समय पर स्नान दान और पूजा करने के लिए विशेष समय है। इसके अलावा इस दिन इंद्र योग और वैधृति योग का भी शुभ संयोग बन रहा है।

गुरु पूर्णिमा पर स्नान-दान

पंडित विद्रोही के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:10 से सुबह 04:50 बजे तक रहेगा। सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे अभिजित मुहूर्त इसके बाद दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक विजय मुहूर्त दान-पुण्य के लिए उत्तम समय रहेगा।

गुरु पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजा

गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। यदि ऐसा संभव नहीं तो बाल्टी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर पानी भर लें। इससे स्नान करने से भी गंगाजी स्नान जैसा लाभ मिलता है। इसके बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मीजी का विधिवत पूजन और जलाभिषेक करें।

भगवान विष्णु को पीले फूल, हल्दी चढ़ाएं। मां लक्ष्मी को लाल चंदन, लाल रंग के फूल और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। इसके बाद मंदिर में घी का दीपक जलाकर गुरु पूर्णिमा की व्रत कथा पढ़ें। संभव हो तो व्रत लेने का संकल्प करें और शाम को सत्यनारायण की कथा करें।

शाम के समय लक्ष्मी सूक्त का पाठ करें। इसके बाद लक्ष्मीनारायण की आरती करें। भगवान को भोग लगाकर उसका प्रसाद ग्रहण करें। रात में चंद्रोदय के समय अर्ध्य दें। पंडित विद्रोही के अनुसार विष्णु जी की प्रिया तुलसी जी के गमले में शाम को दीप जलाएं आरती करें।

गुरु पूर्णिमा पर्व पर जैन धर्मावलंबी करेंगे गुरु पूजन

दिगम्बर जैन धमावलंबी गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पर्व भक्तिभाव से मनाएंगे। इस अवसर पर शहर में विराजमान दिगम्बर जैन संतों के चातुर्मास स्थलों एवं मंदिरों में पूजा-अर्चना के विशेष आयोजन किए जाएंगे और सभी दिगम्बर जैन धर्मावलम्बी गुरुओं से आशीर्वाद लेगें।

राजस्थान जैन युवा महासभा के प्रदेश महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में शहर के विभिन्न चातुर्मास स्थलों पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ रहेंगी। साधु -संतों के माध्यम से विशेष प्रवचनों से गुरु की महिमा पर प्रकाश डाला जाएगा।

उन्होने बताया कि सांगानेर थाना सर्किल स्थित चित्रकूट कालोनी के श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य सुन्दर सागर महाराज ससंघ, साधु सेवा तीर्थ पदमपुरा बाड़ा में आचार्य शशांक सागर मुनिराज ससंघ, दहमीकला के ऋषभ देव दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य नवीन नन्दी महाराज, झोटवाड़ा के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में उपाध्याय वृषभानन्द मुनिराज ससंघ, मानसरोवर के वरुण पथ स्थित श्री दिगम्बर जैन मंदिर में उपाध्याय उर्जयन्त सागर मुनिराज, कीर्तिनगर के श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि आदित्य सागर महाराज ससंघ, महारानी फार्म के श्री दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि पावन सागर मुनिराज ससंघ, प्रतापनगर के सैक्टर 8 स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि अरह सागर महाराज, नाटाणियों का रास्ता स्थित पार्श्वनाथ भवन में मुनि अर्चित सागर मुनिराज, बीलवा के विमल परिसर श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका नंगमति माताजी ससंघ, सांगानेर के चौमू बाग स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आर्यिका नन्दीश्वर मति माताजी, दुर्गापुरा के श्री चन्द्र प्रभू दिगम्बर जैन मंदिर में आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ, महाराज के सानिध्य में गुरुवार, 10 जुलाई को प्रातः गुरु पूर्णिमा के विशेष आयोजन होगें।

श्री अमरापुर स्थान में गुरुवार को मनाया जाएगा गुरु पूर्णिमा महोत्सव

आस्था के पावन केंद्र श्री अमरापुर दरबार में गुरुवार 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा महोत्सव भक्तिभाव से मनाया जाएगा। महोत्सव में सुबह 6 से 7 मंदिर परिसर में संतो के सानिध्य में सद्गुरु स्वामी टेऊंराम महाराज,स्वामी सर्वानंद स्वामी,शांति प्रकाश महाराज,स्वामी हरिदास राम महाराज की प्रतिमाओं का पूजन किया जाएगा।

इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण,लड्डू गोपाल जी का भी अभिषेक कर पूजन किया जाएगा। जिसके पश्चात सुबह 7 से 11 बजे प्रार्थना,संतो का सत्संग ,हवन यज्ञ अनुष्ठान ध्वजारोहण किया जाएगा। मंदिर परिसर में तीन परिक्रमा के साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के तहत भक्तगण दिनभर पूजन,दर्शन कर सकेंगे।

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