जयपुर। श्रावण कृष्ण पक्ष की अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या आज हैं। इस दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति अपने घर के आसपास पेड़ -पौधे लगाए तो उसका पुण्य लाभ उसे जीवन भर मिलेगा।
आचार्य रिशांक शर्मा ने बताया कि पीपल, बिल्वपत्र ,नागचंपा,अशोक,जूही,अर्जुन और नारियल के पौधे सभी राशियों के लिए शुभ माने गए हैं । हरियाली अमावस्या के दिन भक्तजन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं।
इसके बाद मां गंगा और महादेव की पूजा करते हैं। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण एवं पिंडदान भी किया जाता हैं। देवपितृकार्य अमावस्या यानी हरियाली अमावस्या पर इस बार गुरु पुष्य योग और अमृत सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि अमावस्या के दिन गुरु पुष्य योग का निर्माण हो रहा हैं।
इस योग में जप-तप करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती हैं । हरियाली अमावस्या के दिन शिव वास योग और अमृत सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा । इन योगों में देवों के देव महादेव और पितृदेव की पूजा करने से घर में सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती हैं। गुरुवार को सुबह 10:50 से दोपहर बाद 3:53 तक पितृ देव और महादेव का पूजन कर सकते हैं।
पितरों की स्मृति में पौधरोपण पर रहेगा जोर
हरियाली अमावस्या पर गुरुवार को छोटीकाशी में दान-पुण्य की धूम रहेगी। मंदिरों में विशेष धार्मिक आयोजन होंगे। हरियाली अमावस्या को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पुण्यफलदायी और पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
शर्मा ने बताया कि अमावस्या को पितृ पूजन, तर्पण और शिव आराधना के साथ ही पौधरोपण करना पुण्यदायी रहेगा। हरियाली अमावस्या प्रकृति के पूजन का पर्व है। पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। अमावस्या तिथि 24 जुलाई को देर रात 2 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 25 जुलाई की रात 12 बजे तक रहेगी।
रवि पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव वास योग और अमृत सिद्धि योग जैसे अनेक शुभ संयोग बन रहे हैं। पुनर्वसु नक्षत्र के बाद पुष्य नक्षत्र का भी योग रहेगा, जो इस दिन को और भी अधिक फलदायी बनाता है। मान्यता है कि इन योगों में भगवान शिव की आराधना, पितरों के लिए तर्पण एवं वृक्षारोपण करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है और घर में सुख, समृद्धि एवं शांति का वास होता है।
हरियाली तीज से डलेंगे हिंडोले
उधर, श्रावण मास के प्रमुख पर्वों में से एक हरियाली तीज 27 जुलाई को मनाई जाएगी। इसी दिन से ठाकुर जी का 12 दिवसीय हिंडोला उत्सव भी मंदिरों में आरंभ होगा जो श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन तक चलेगा। इस दौरान मंदिरों में ठाकुर जी को विशेष रूप से सजाए गए हिंडोलों में झूला झुलाया जाएगा। ये हिंडोले फल, फूल, मेहंदी, कांच, मेवे, चांदी, सोने और मोतियों से सजाए जाएंगे। परंपरा के अनुसार हिंडोले को पहले विधिपूर्वक मंत्रों, गीतों और कीर्तन से शुद्ध किया जाएगा।
इसके बाद ठाकुर जी को उसमें विराजमान किया जाएगा। इस दौरान हवेली संगीत और कीर्तन के साथ ठाकुर जी के दर्शन के विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। केवल मंदिर ही नहीं, बल्कि छोटीकाशी के घर-घर में भी महिलाएं अपने आराध्य लड्डू गोपाल जी को झूले में विराजमान कर हिंडोला मनोरथ करेंगी और लोकगीतों के माध्यम से श्रावण मास का उत्सव मनाएंगी।
गौशालाओं में होगी गौ सेवा
अमावस्या पर सभी गौशालाओं में गायों की सेवा की जाएगी। गौ सेवा परिवार समिति की ओर से अमावस्या भगवन् नाम संकीर्तन का आयोजन 24 जुलाई को अजमेर रोड स्थित श्री रामदेव गौशाला (चैतन्यधाम), बगरू में किया जाएगा। कार्यक्रम में गाय के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को रेखांकित करते हुए यह बताया जाएगा कि किस प्रकार गौमाता को जीवन का अभिन्न अंग बनाकर व्यक्ति धार्मिक, आर्थिक एवं शारीरिक रूप से उन्नत हो सकता है। कार्यक्रम के अंतर्गत गौ सेवा शाम पांच से छह बजे तक होगी।
गायों को गुड़, हरा चारा का वितरण किया जाएगा। गौ संकीर्तन उत्सव शाम छह से रात्रि 8 बजे तक होगा। इस अवसर पर गोप-गोपिका बाल मंडली की ओर से विशेष मनोरथ प्रस्तुत किया जाएगा। म्हारे घरां पधारो श्याम संस्था मानसरोवर की ओर से टोंक रोड के गांव किवाड़ा में संत प्रकाश दास महाराज की गौशाला में गौ दान महादान गौ सेवार्थ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सुबह नौ से ग्यारह बजे तक खाद्य सामग्री एकत्र कर गौशाला पहुंचाई जाएगी।