जयपुर। जेवियर्स कॉलेज में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतिम दिन “संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए उत्प्रेरक के रूप में एआई” पर सैद्धांतिक चर्चा की गई। इस चर्चा के मुख्य वक्ता थे – डॉ एल्विना परेरा, सेंट ज़ेवियर्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन, मुंबई, सचिन कुमार , यूनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली, डॉ एस ऐन मूर्ती डोगा, सेंट्रल यूनिवर्सिटी राजस्थान, डॉ कल्पना चौहान, सेंट ज़ेवियर्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ एजुकेशन, मुंबई।
वक्ताओं ने विषय की वकालत करते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धिमता भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक उपकरण साबित हो सकता हैं ।संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित एसडीजी को 2030 तक पूर्ण करने में इस नवाचार का संतुलित प्रयोग करना ज़रूरी हैं ।
मुख्य वक्ता प्रो. राशीद महमूद, इस्लामिक यूनिवर्सिटी, मदिना सऊदी अरेबिया ने एआई और स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए वर्तमान और भविष्य की योजना पर प्रकाश डाला ।डॉ टेनन नील, सेंट जोसेफ यूनिवर्सिटी, बैंगलौर ने कृत्रिम बुद्धिमता के माध्यम से जलवायु और मौसम की शुद्ध भविष्वणी का समर्थन किया ।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि मनोज भट्ट, आईपीएस (पूर्व पुलिस महानिदेशक, राजस्थान) रहें। समापन समारोह के दौरान एक विशेष वाद-विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजित किया गया , जिसका विषय था – “AI का विकास, स्थिरता और मानवता के अस्तित्व के लिए हानिकारक है।” इस वाद-विवाद में शौर्य दासगुप्ता (सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट) और मनोज भट्ट, आईपीएस, सहित कई प्रमुख वक्ताओं तथा कॉलेज विद्यार्थियों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए ।
अर्थशास्त्र, अंग्रेज़ी साहित्य, कला संकाय के सत्रों को आयिजन भी दूसरे दिन किया गया और समापन सत्र में प्रत्येक तकनीकी सत्र के बेस्ट प्रस्तुतकर्ता को सम्मानित किया गया । इस संगोष्ठी के माध्यम से प्रतिभागियों को परस्पर सहयोग के अवसर मिले।
कॉलेज प्रबंधकारिणी से मैनेजर फादर डॉ आरोक्य स्वामी, प्राचार्य प्रो. एस. ज़ेवियर, उप प्राचार्य फादर डॉ रेमंड और डीन रिसर्च फादर अमलदास ने सभी वक्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए संगोष्ठी के संयोजक डॉ लीना शर्मा, सह संयोजक डॉ मीता शर्मा और पूरी टीम को संगोष्ठी के सफल संचालन के लिए बधाई दी ।