जयपुर। जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट जयपुर ने पीजीडीएम बैच 2025–27 के इंडक्शन प्रोग्राम का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके मैनेजमेंट सफर के लिए तैयार करना है। कार्यक्रम में आरुषि भल्ला, मैनेजिंग डायरेक्टर –एन्कार्डियो रीते ने छात्रों को एक्सपोनेंशियल माइंडसेट अपनाने, लगातार सीखते रहने, आत्मविश्वास बनाए रखने और जिज्ञासु बने रहने की सलाह दी। उन्होंने यह भी कहा कि मार्गदर्शक से सीखना और उद्योग के बदलते रुझानों से अपडेट रहना एक कुशल लीडर की निशानी है।
इसकी शुरुआत में काउंसलिंग साइकोलॉजिस्ट और टेडएक्स स्पीकर अग्रता शुक्ला और ऑर्मैक्स कंसल्टेंट्स प्रा. लि. के डायरेक्टर अश्दिन डॉक्टर ने माइंडसेट्स और माइक्रो-हैबिट्स पर विचार साझा किए। उन्होंने छात्रों को चिंता से बाहर निकलने और सकारात्मक दिनचर्या बनाने की प्रेरणा दी। डॉ. प्रभात पंकज, डायरेक्टर, जयपुरिया, जयपुर ने छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए जयपुरिया की पाँच मूल आदतों-प्रसन्नचित्तता, अच्छा पहनावा, ईमानदारी, समयपालन और कठिन परिश्रम– की महत्ता पर प्रकाश डाला।
इसके पश्चात डॉ. शिवा कक्कड़, वाइस प्रेसिडेंट – एआई इनिशिएटिव्स ने “मैनेजर्स के लिए जनरेटिव एआई” विषय पर सत्र लेते हुए छात्रों को एआई के भविष्य, प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग और आवश्यक डिजिटल स्किल्स से अवगत कराया। दीप्ति मेहता, चीफ एचआर ऑफिसर– इंटरफेस माइक्रोसिस्टम ने भी अपने विचार साझा किए।
डॉ. रमज़ान समा (डीन रिसर्च) और डॉ. मनप्रीत कौर (प्रोग्राम चेयर, पीजीडीएम द्वितीय वर्ष) ने शोध कार्य की उपयोगिता को रेखांकित किया। वहीं डॉ. उषा बधेड़ा और आईटी टीम ने छात्रों को संस्थान की डिजिटल सेवाओं की जानकारी दी।
छात्र गतिविधियों के महत्व को उजागर करते हुए, डॉ. लोकेश विजयवर्गीय (डीन–स्टूडेंट अफेयर्स), यदु रेज़ (सीनियर एग्जीक्यूटिव, स्टूडेंट अफेयर्स व मीडिया रिलेशन्स), और मुख्य अतिथि अर्णव सय्यद ने क्लब्स और कमेटियों की भूमिका को छात्रों के नेतृत्व विकास से जोड़ा। करण बहल, फाउंडर एवं सीईओ–हैप्पीट्यूड तथा सुरजा किशोर, सीईओ– बीबीडीओ इंडिया और टीम एक्स इंडिया ने लीडरशिप में स्टोरीटेलिंग की शक्ति को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। आर्ट ऑफ लिविंग के सौरभ शेखावत ने संगीत ध्यान सत्र के माध्यम से माइंडफुलनेस और आंतरिक शांति का अनुभव कराया।
कार्यक्रम में “जयपुरिया के पूर्व छात्रों से बातचीत” सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें जयसुख सुथार (एचसीएल), साक्षी अग्रवाल (अमेरिकन एक्सप्रेस), विशाल सावलानी (अमेजॉन) और आरती छाबड़ा (हीरो फिनकॉर्प) ने अपने अनुभव साझा करते हुए संचार, प्रॉम्प्ट इंजीनियरिंग, री-स्किलिंग और परिश्रम के महत्व पर जोर दिया। डॉ. अन्वय भार्गव ने सत्र का संचालन करते हुए नेटवर्किंग को भविष्य की सफलता की कुंजी बताया।