राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित ‘अमूल स्वच्छ ईंधन रैली’ में 250 से अधिक बाइकर्स शामिल हुए

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Amul Clean Fuel Rally
Amul Clean Fuel Rally

जयपुर। भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा प्रेरित दुग्ध सहकारी आंदोलन के परिणामस्वरूप 1946 में अमूल की स्थापना हुई, जिसे पूरे देश में दोहराया गया। इसी के परिणामस्वरूप भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक देश बना है।

विश्व की सबसे बड़ी किसानों के स्वामित्व वाली डेयरी सहकारी संस्था और विश्व में सबसे मजबूत खाद्य एवं डेयरी ब्रांड अमूल इस उत्सव को भारत के चार कोनों, पुणे, कोलकाता, जम्मू और गुजरात के हिम्मतनगर से चार मेगा कार और बाइक रैलियों का आयोजन करके मना रहा है। ये रैलियां दिल्ली में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगी।

अमूल टीम द्वारा संचालित 24 मारुति सुजुकी बायोसीएनजी कार और 24 बजाज बायोसीएनजी बाइक की चार अलग-अलग रैलियां विभिन्न राज्यों से होकर गुजरेंगी और मार्ग में किसानों, डेयरी सहकारी समितियों और संस्थानों के साथ मिलकर डेयरी सहकारी समितियों की विरासत का उत्सव मनाएंगी तथा सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों के बारे में जागरूकता फैलाएंगी।

15 नवंबर को पुणे से शुरू हुई अमूल स्वच्छ ईंधन रैली 22 नवंबर को जयपुर पहुंची, जहां 250 से अधिक बाइकर्स ने इसमें हिस्सा लिया। रैली को राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन (RCDF) की प्रबंध निदेशक श्रीमती श्रुति भारद्वाज ने पत्रिका गेट से हरी झंडी दिखाई। यह रैली जयपुर के पत्रिका गेट पर शुरू होकर 6 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए शहर के विभिन्न हिस्सों में पहुंची। इस आयोजन में RCDF, GCMMF (अमूल) के अधिकारी और चैनल पार्टनर्स भी शामिल हुए, जिन्होंने क्लीन फ्यूल और टिकाऊ विकास को समर्थन दिया।

इस मौके पर श्रुति भारद्वाज ने किसानों के जीवन में स्वच्छ ईंधन के महत्व और सहकारी समितियों को पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने में सक्षम बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने डॉ. वर्गीज कुरियन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए भारत को विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बनाने और अमूल तथा सरस जैसी संस्थाओं की स्थापना में उनकी

महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने ऑपरेशन फ्लड के क्रांतिकारी प्रभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि इसने लाखों भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला और श्वेत क्रांति की सफलता में अहम भूमिका निभाई। रैली में भाग लेने वालों को बधाई देते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल सतत विकास का संदेश देश के हर कोने तक पहुंचाएगी। अमूल स्वच्छ ईंधन रैली का उद्देश्य स्वच्छ ईंधन के फायदों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सतत प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

गुजरात के बनास डेयरी में अपने बायो सीएनजी पायलट प्रोजेक्ट के साथ, अमूल अब सर्कुलर इकोनॉमी का प्रतिनिधित्व करने में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने का प्रयास कर रहा है। यह पहल न केवल किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत प्रदान करती है बल्कि स्वच्छ ईंधन और जैविक उर्वरक भी प्रदान करती है। गोबर के प्रोसेसिंग के लिए राज्य भर में कई युनिट स्थापित कर कृषि और ऊर्जा क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव दर्शाता है।

यह भी बड़े सम्मान की बात है कि भारत पहली बार इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलाइंस (ICA-अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन) के 130 साल के इतिहास में इसके वैश्विक सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।यह सम्मेलन 25-30 नवंबर तक नई दिल्ली में आयोजित होगा।

“सहकारिता से सभी के लिए समृद्धि का निर्माण” विषय पर आयोजित इस विशाल विश्वस्तरीय कार्यक्रम में भारत के माननीय प्रधानमंत्री और माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री भी शामिल होंगे । इस कार्यक्रम के माध्यम से वैश्विक लीडर्स, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों की उपस्थिति में संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 (IYC-2025) का आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया जाएगा। 26 नवंबर को भारत मंडपम में ICA के वैश्विक सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों के लिए अमूल की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म “मंथन” की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित की जाएगी।

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