July 17, 2025, 6:57 am
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दो स्टेप में राजस्थान पुलिस तक पहुंचाएं अपनी शिकायत

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जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार की अपराध के प्रति जीरो—टॉलेरेंस नीति के अनुसरण में राजस्थान पुलिस ने आमजन के लिए डिजिटल माध्यम के जरिए कानून व्यवस्था से संबंधित शिकायत हल करने के लिए सुविधा शुरू की है। इसके तहत एक्स (ट्विटर) पर मात्र दो स्टेप में कानून व्यवस्था से संबंधित अपनी शिकायत राजस्थान पुलिस तक पहुंचाई जा सकती है।

राज्य सरकार और राजस्थान पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स से इस सुविधा का व्यापक प्रचार—प्रसार किया जा रहा है। यदि आमजन की कानून व्यवस्था के संबंध में कोई भी शिकायत है तो इसके लिए पहले स्टेप में एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर जाना होगा और यदि अकाउंट नहीं है तो उसे क्रिएट करना होगा। दूसरी स्टेप में अपनी शिकायत लिख कर उसमें @RajPoliceHelp टैग कर ट्वीट करना होगा। इस तरह प्राप्त हुई शिकायतों को त्वरित रूप से संबंधित पुलिस कार्यालय तक पहुंचाया जाएगा और आमजन की समस्याओं की पुलिस तक शीघ्र पहुंच संभव हो सकेगी।

उल्लेखनीय है कि दो स्टेप में राजस्थान पुलिस तक अपनी शिकायत पहुंचाने की इस मुहिम का राज्य सरकार के सोशल मीडिया हैंडल्स पर व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार की इस जनकल्याणकारी सुविधा का बड़ी संख्या में आमजन उपयोग भी करने लगे हैं।

जयपुर की भावना ने मुंबई 42 किलोमीटर रन में भाग लिया

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Bhavana of Jaipur participates in Mumbai 42 kilometer run
Bhavana of Jaipur participates in Mumbai 42 kilometer run

जयपुर। जयपुर की भावना पारीक के हौसले की उड़ान को सलाम टाटा मुम्बई मैराथन में 42 किलोमीटर दौड़ी। अपने जुनून और एक लक्ष्य को लेकर मैराथन रन में दौड़े मुंबई और देश विदेश के रनर । पारीक जयपुर की भी कई मैराथन में रन कर चुकी है और अपने कई रिकॉर्ड भी नाम कर चुकी है।

उन्होंने बताया जयपुर के बाहर उनकी पहली मैराथन हे जिसे उन्होंने अपने पूरे दिल से भाग लिया लिया अपने हौसले को कम नहीं होने दिया। वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर विष्णु टांक को अपना मेंटर बताया और कहा मैने उन्ही से रन के बारे कई जानकारियां ली वे मेरे साथ सेंट्रल पार्क रन करते और मुझे कुछ ऐसी रन से जुड़ी जानकारियां देते जो मेरे लिया काफी महत्वपूर्ण रही।

जिससे मेने मुंबई में 42 किलोमीटर की फूल मैराथन को 5 घंटे 37 मिनट में पूरा किया। अपने जुनून और अथक प्रयास से मैराथन को सफल पूरा किया।मैराथन में स्वस्थ जागरूकता का संदेश भी दिया। मैराथन भावना को मेडल देकर सम्मानित किया। मुंबई ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया ।

खण्डेलवाल दिवस: पर्यावरण संरक्षण एवं महाआरती के उप मुख्यमंत्री एवं जयपुर शहर विधायकों एवं सांसद को दिया निमंत्रण

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जयपुर। वसंतोत्सव एवं खण्डेलवाल दिवस पर श्री खंडेलवाल वैश्य हितकारिणी सभा की ओर से बुधवार को निकाली जाने वाली विशाल शोभायात्रा का अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति द्वारा नाटाणियों के रास्ते, त्रिपोलिया बाजार जयपुर में भव्य स्वागत किया जाएगा। अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ताराचंद नाटाणी एवं महामंत्री दीनदयाल नाटाणी ने बताया कि विशाल शोभायात्रा का नाटाणी परिवार द्वारा पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के लिए शोभायात्रा में विमोचन करने केे साथ ही पुष्प वर्षा से स्वागत करने के साथ ही महाआरती का आयोजन किया जायेगा।

महाआरती एवं पर्यावरण सरंक्षणता पोस्टर के विमोचन के लिए जयपुर शहर के विधायक एवं उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, बालमुकन्द आचार्य विधायक हवामहल, गोपाल शर्मा, विधायक सिविल लाइन्स, कालीचरण शर्राफ, विधायक मालवीय नगर एवं जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा को महाआरती एवं पर्यावरण सरंक्षणता जागरूकता के लिए पोस्टर विमोचन के लिए अखिल भारतीय नाटाणी परिवार समिति द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं महाआरती करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

माउंट आबू में चौथे दिन भी जमी बर्फ, आसमान में छाए बादल

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Snow remained in Mount Abu for the fourth day, clouds covered the sky
Snow remained in Mount Abu for the fourth day, clouds covered the sky

जयपुर। एक हल्के प्रभाव वाले पश्चिमी विक्षोभ के असर से राज्य का मौसम बदला नजर आए। प्रदेश के कई हिस्सों में हल्के से घने बादल छाए रहे। 13-14 फरवरी को भी पश्चिमी विक्षोभ के असर से राज्य के कुछ हिस्से में बादल छाए रह सकते है, लेकिन उनसे बारिश की संभावना कम है। माउंट आबू में चौथे दिन भी बर्फ जमी नजर आई। माउंट आबू का पारा एक डिग्री बढ़कर 0 पर पहुंच गया। वहीं प्रदेश के 14 शहरों का रात का पारा 10 से नीचे रहा।

वहीं 3 शहरों का रात का पारा 5 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। शेखावाटी के साथ श्रीगंगानगर, चूरू, हनुमानगढ़ सहित कई इलाकों में सुबह घना कोहरा नजर आया। जयपुर के ग्रामीण इलाकों में सुबह कोहरा नजर आया। जयपुर में सुबह से हल्के से मध्यम बादल छाए रहे और हल्की हवाएं चली। इससे दिन में हल्की सर्दी का अहसास हुआ।

मौसम विभाग के अनुसार माउंट आबू के अलावा फतेहपुर का न्यूनतम तापमान 3.8, करौली का 4.2, सीकर का 4.8, अलवर का 5.4, पिलानी का 6, चूरू का 6.5, पाली का 7, भीलवाड़ा का 7.3, वनस्थली का 7.5, चित्तौड़गढ़ का 7.8, कोटा का 8, श्रीगंगानगर और सिरोही का 8.9 और डबोक का 9.8 डिग्री दर्ज किया गया। 28.6 डिग्री के साथ बाड़मेर का दिन और 13.6 डिग्री के साथ डूंगरपुर की रात सबसे गर्म रही। 18.3 के साथ संगरिया का दिन सबसे ठंडा रहा।

मौसम केन्द्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि एक हल्के प्रभाव के पश्चिमी विक्षोभ असर राजस्थान में देखने को मिल रहा है। 13-14 फरवरी को राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्के बादल छा सकते है। हालांकि ये सिस्टम कमजोर होगा, इसलिए इससे बारिश होने की संभावना बहुत कम है।

जयपुर में दिन का पारा गिरा और रात का पारा बढ़ा

जयपुर में दिन के हल्के बादल छाए रहने के साथ हवाएं चली। इससे दिन के पारे में गिरावट तो रात के पारे में बढ़ोतरी दर्ज की गई। जयपुर का अधिकतम तापमान 23.4 और न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री दर्ज किया गया। रविवार को जयपुर का अधिकतम तापमान 24.4 और शनिवार रात न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री दर्ज किया गया था।

एडीजी स्तर के अधिकारियों हुए ट्रांसफर: सुनील दत्त को बनाया जयपुर आयुक्तालय का प्रभारी

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जयपुर। पुलिस के अधिकारियों में फेरबदल किया गया है। एडीजी स्तर के अधिकारियों को नए सिरे से रेंज आवंटित किए गए है। सुनील दत्त को जयपुर आयुक्तालय का प्रभारी बनाया गया है, जबकि अनिल पालीवाल को जोधपुर रेंज का गया प्रभारी बनाया गया है। डीजीपी यू आर साहू ने इस सम्बंध में आदेश जारी किए।

इसके अलावा आनंद श्रीवास्तव को भरतपुर रेंज,प्रशाखा माथुर को पाली रेंज, विनीता ठाकुर जयपुर रेंज और सचिन मित्तल अजमेर रेंज के प्रभारी होंगे। इसके अलावा संजीब नर्जरी उदयपुर और बांसवाड़ा रेंज प्रभारी बनाए गए है। हवासिंह घुमरिया को बीकानेर रेंज,एस सेंगथिर को कोटा रेंज और विपिन पांडेय को सीकर रेंज का प्रभारी बनाया गया है।

जेकेके में कावड़ निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ

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जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित कावड़ निर्माण कार्यशाला का सोमवार को शुभारंभ हुआ। बस्सी चितौड़गढ़ से पहुंचे विशेषज्ञ प्रशिक्षक द्वारिका प्रसाद सुथार व सह प्रशिक्षक गोविंद लाल सुथार 15 फरवरी तक सायं 3:00 से सायं 6:00 बजे तक चलने वाली कार्यशाला में कावड़ निर्माण के गुर सिखाएंगे। केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक सुश्री प्रियंका जोधावत और प्रशिक्षक द्वारिका प्रसाद ने बोर्ड पर चित्र बनाकर कार्यशाला की शुरुआत की। सुश्री प्रियंका जोधावत ने पोर्टफोलियो भेंट कर विशेषज्ञों का स्वागत किया।

प्रियंका जोधावत ने कहा कि कार्यशालाओं की कड़ी में केन्द्र की ओर से कावड़ निर्माण की कार्यशाला का आयोजन किया गया है। यह कार्यशाला प्रदेश की पारंपरिक कला से रूबरू होने का अवसर है। इन कार्यशालाओं के जरिए आमजन को लुप्तप्राय कलाओं से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

500 सालों से प्रचलित है कावड़ वाचन की कला

कावड़ निर्माण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित द्वारिका प्रसाद सुथार ने बताया कि लकड़ी से कावड़ बनाने की कला 500 सालों से प्रचलित लोक कला है। भाट समुदाय के लोग बस्सी, चित्तौड़गढ़ के सुथार कलाकारों से इसे बनवाते थे। शुरुआत में इन पर धार्मिक कथाओं का चित्रण करवाया जाता था। भाट कंधे पर इस कावड़ को अपने जजमानों के घर ले जाकर इसके जरिए कथाएं सुनाते थे, इन्हें कावड़िया भाट कहा जाता है।

यह कावड़ मनोरंजन और धर्म प्रसार दोनों का माध्यम बनी। उन्होंने बताया कि कावड़ के अलग-अलग पाट पर अलग प्रसंग अंकित होता है। वर्तमान विषयों के अनुसार भी कावड़ निर्माण अब किया जाने लगा है। द्वारिका प्रसाद सुथार ने कहा कि कार्यशालाएं ऐसी प्राचीन कलाओं को जीवंत रखने का सबसे बेहतर तरीका है।

भाजपा किसान मोर्चा की “ग्राम परिक्रमा यात्रा” का आगाज

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जयपुर। केंद्र व राज्य सरकार के विकास कार्यों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी, किसान मोर्चा का देशव्यापी “ग्राम परिक्रमा यात्रा” अभियान का प्रदेश में शुभारंभ हो गया। एक महीने तक चलने वाली इस यात्रा का प्रदेशव्यापी शुभारंभ भाजपा के संगठनात्मक सभी 44 जिलों में हुआ। मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष श्री भागीरथ चौधरी अजमेर देहात के मसूदा विधानसभा क्षेत्र के गांव खरवा में आयोजित में कार्यक्रम में शामिल हुए।

इस दौरान मसूदा विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत, अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा आदि मौजूद रहे। इसी तरह जयपुर शहर में मानसरोवर के मांग्यावास में कार्यक्रम हुआ। अभियान के जिला संयोजक प्रदीप सामोता ने बताया कि इस दौरान सांसद रामचरण बोहरा, मोर्चा के प्रदेश महामंत्री ओपी यादव, सांसद राजेंद्र गहलोत, उप महापौर पुनीत कर्नावट, जयपुर देहात दक्षिण में आयोजित कार्यक्रम में किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी मोतीलाल मीणा, विधायक रामावतार बैरवा व यात्रा के जिला संयोजक बलबीर सिंह जाबड़ मौजूद रहे। इसी तरह जयपुर देहात उत्तर का कार्यक्रम शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के गांव शिवसिंहपुरा में हुआ।

इसमें किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री गुड्डू सैनी, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा, संभाग प्रभारी बलराम डूम, जिला उपाध्यक्ष रतना कुमारी आदि शामिल रहे। इसी तरह धौलपुर में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री रामनरेश तिवारी शामिल हुए।


भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री ओपी यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश के शुक्रताल में मुख्य कार्यक्रम हुआ। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा , किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर वर्चुअली शामिल हुए। इस उदघाटन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण देशभर में हुआ। इसी तरह प्रदेश के संगठनात्मक 44 जिलों में लाइव प्रसारण हुआ, जिसमें लाखों लोगों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष  जेपी नड्डा के भाषण को सुना। इसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किसान-मजदूर तक केंद्र की मोदी सरकार की किसान हितैषी गारंटी योजनाओं के बारे में जागरूक किया।    


उन्होंने बताया कि यात्रा का शुभारंभ गाय, हल, ट्रैक्टर व अन्य कृषि यंत्रों का पूजन करके किया गया। किसान चौपाल में आगामी लोकसभा चुनावों के लिए किसानों-मजदूरों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प पत्र हेतु सुझाव व उनकी आकांक्षाएं जानी जाएंगी।   

बासंती बयार ने जेकेके में जमाया डेरा, तीन दिवसीय बसंत पर्व का आगाज़

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जयपुर। मौसम में बसंत की रंगत देखते ही बनती है और ऋतुराज के स्वागत में जवाहर कला केन्द्र भी बासंती रंग में रंग गया है। केन्द्र की ओर से बसंत के उल्लास और हर्ष को बयां करने वाले तीन दिवसीय बसंत पर्व की सोमवार को शुरुआत हुई। डॉ. विजय सिद्ध की परिकल्पना और निर्देशन में हुए कहरवा फ्यूज़न में कलाकारों ने गायन और वादन की सम्मिलित प्रस्तुति से बसंत के सौंदर्य का बखान किया। शास्त्रीय, लोक और वेस्टर्न संगीत फ्यूज़न ने श्रोताओं का मन मोह लिया।

पंडित देबाजीत चक्रवर्ती ने सितार पर राग शुद्ध बसंत छेड़कर बासंती बयार का स्वागत किया। तबले पर डॉ. विजय सिद्ध ने जुगलबंदी कर माहौल को और भी बसंतमय बना दिया। फिर पंडित रमेश मेवाल ने बसंत कहरवा में परज बसंत की रचना ‘फगवा बृज देखन को चली’ एवं बुंदु खां लंगा ने प्रसिद्ध लोक रचना ‘दल बादली’ की प्रस्तुति से दाद बटोरी। कहरवा ताल में निबद्ध ‘पधारो म्हारे देश’ की प्रस्तुति के साथ महफिल अब परवान चढ़ने लगी। तबला, जैज ड्रम, ढोलक और खड़ताल के साथ ताल कचहरी की विशेष प्रस्तुति ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। इसके बाद रंग कहरवा, ‘आज रंग है’, सूफी कहरवा ‘छाप तिलक’ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। पंडित रमेश मेवाल ने शास्त्रीय गायन, बुंदु खां लंगा ने लोक गायन किया। खड़ताल पर सोनू, ढोलक पर बरकत, की-बोर्ड पर अर्जुन, गिटार पर अरिहंत और जैज ड्रम पर रोनित ने संगत की।

गौरतलब है कि बसंत पर्व के दूसरे दिन 13 फरवरी को 4:30 बजे कृष्णायन में बैरागी बसंत कार्यक्रम होगा। इसमें कविता, गीत और भजन के माध्यम से बसंत के सौंदर्य का बखान होगा। 13 फरवरी को शाम 6:30 बजे से रंगायन में शास्त्रीय संगीत की महफिल सजेगी। पंडित चंद्र मोहन भट्ट और स्ट्रिंग्स म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट वर्कशॉप के प्रतिभागी सामूहिक सितार वादन और जे गांधी बांसुरी वादन की प्रस्तुति देंगे।

राजनीतिक व अवांछित आपराधिक गतिविधियों में लिप्त सीएलजी सदस्य हटेंगे

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जयपुर। प्रदेश के विभिन्न पुलिस थानों में लगे हुए सीएलजी सदस्य जो राजनीतिक, अवांछित या आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाएंगे। उनकी सदस्यता समाप्त की जाएगी। इस संबंध में अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (कम्युनिटी पुलिसिंग) बीएल मीणा की ओर से सोमवार को सभी पुलिस अधिकारियों को आदेश जारी किए जा चुके हैं।

एडीजी मीणा ने बताया कि समाज में शांति व्यवस्था एवं सद्भाव कायम करने के उद्देश्य से जनता व पुलिस के बीच आपसी सहयोग एवं समन्वय के लिए सामुदायिक संपर्क समूह सीएलजी का गठन किया गया है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस थानों के औचक निरीक्षण के दौरान कदाचित संज्ञान में आया है कि कुछ सीएलजी सदस्य राजनीति, अवांछनीय एवं आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं।

मीणा ने बताया कि ऐसी गतिविधियों में लिप्त सीएलजी सदस्यों की सदस्यता पुलिस थानों में होने को पुलिस मुख्यालय ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। इसके लिए सभी रेंज एवं जिलों के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अयोग्य सदस्यों को तुरंत ही सीएलजी सदस्यता से मुक्त कर उनके स्थान पर सुयोग्य सदस्यों का मनोनयन किया जाए। एडीजी ने बताया कि जिन सीएलजी सदस्यों का कार्यकाल पूर्ण हो चुका है, उनके स्थान पर भी नए सीएलजी सदस्य बनाए जा रहे हैं। इनके मनोनयन में योग्यताओं की पूर्णतया कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जा रही है।

इसके साथ ही सभी पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि जिले के समस्त पुलिस थानों में प्रत्येक माह के दूसरे सप्ताह में सीएलजी सदस्यों की मीटिंग आयोजित की जाए। यदि किसी भी कारणवश मीटिंग का आयोजन नहीं हो पाए तो तीसरे सप्ताह में आवश्यक रूप से बैठक आयोजित की जाए।

विशेषज्ञों ने रेयर डिजीज डे से पहले कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी पर कदम उठाने और मरीजों की बेहतर देखभाल करने की अपील

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जयपुर। फरवरी माह को रेयर डिजीज डे के रूप में मनाया जाता है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने व्यापक दुर्लभ रोग नीति पर संपूर्ण रूप से अमल करने की अपील की है। उन्होंने इसे वक्त की जरूरत बताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार दुर्लभ रोग आमतौर पर एक हजार लोगों में से एक व्यक्ति को होता है। भारत में करीब सत्तर मिलियन लोग असाध्य रोगों से जूझ रहे हैं, जिसका कोई इलाज नहीं है। जिसमें मांसपेशियों को कमजोर बनाने वाली स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) खासतौर पर शामिल है।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी बेहद कम लोगों में पाई जाने वाली दुर्लभ आनुवांशिक स्थिति है, जिसमें रीढ़ की हड्डी में मौजूद मोटर न्यूरॉन्स का लगातार नुकसान होता है। इसके नतीजे के तौर पर मांसपेशियों में बेहद गंभीर रूप से कमजोरी आ जाती है। इससे संभावित रूप से मरीजों की जान को खतरा होता है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी का कोई इलाज नहीं है या इलाज के बेहद कम विकल्प हैं। भारत में हजारों लोग इस रोग से पीड़ित है। दुर्लभ रोगों की जल्द पहचान और इसका तुरंत इलाज शुरू करने के लिए लोगो को जागरूक देना, उन्हें इसके लिए मदद देना इस संबंध में असरदार रणनीति लागू करना वक्त की जरूरत है।
 

जयपुर में एसएमएस मेडिकल कॉलेज के डॉ. प्रियांशु माथुर ने बताया कि हमारे देश में दुर्लभ बीमारियों के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को जल्द लागू किया जाना जरूरी है। दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी होने के चलते हमारे यहां काफी लोग दुर्लभ बीमारियों से जूझ रहे हैं। अगर इन बीमारियों का इलाज समय से कराया जाए तो इन बीमारियों का इलाज संभव है। इसके लिए बीमारियों की जल्द जांच होना काफी जरूरी है। मरीजों के इलाज की सुनियोजित योजना समय से बनाई जाए। रोग के लक्षणों और कारणों से निपटने के लिए बहुआयामी रवैया अपनाया जाए।

इस नीति को लागू करने में कई मुश्किलें और भी हैं। स्वास्थ्य रक्षा की दूसरी प्राथमिकताओं पर आने वाले खर्च की तुलना में इन बीमारियों पर होने वाला खर्च काफी ज्यादा है। दुर्लभ बीमारियों के इलाज की सुविधाएं जुटाने में होने वाले खर्च को केंद्र और राज्य सरकार में बांटने में काफी चुनौतियां है। ये कारक इस रोग के संबंध में बनाई गई राष्ट्रीय नीति को लागू करने में कठिनाई बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं।    


एसएमएस मेडिकल कॉलेज के दुर्लभ रोग केंद्र में बाल रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. अशोक गुप्ता ने दुर्लभ रोग,खासतौर से एसएम टाइप 1 के इलाज के प्रबंधन के लिए समग्र नजरिये को अपनाने के महत्व कहा कि असाध्य बीमारियों के प्रबंधन के लिए इसे पूर्ण परिपेक्ष्य में देखे जाने की जरूरत होती है। एसएमए से पीड़ित मरीजों में फिजियोथेरेपी इन रोगों के होने की रफ्तार को धीमा कर सकते है और मांसपेशियों की मजबूती और लचीलेपन को बरकरार रख सकती है।

फिजियोथेरेपिस्ट चलने-फिरने में मदद करने वाले  साधन, जैसे व्हीलचेयर, ब्रेसेज प्रदान कर सकते हैं। इसके साथ ही रोग का इलाज किए बिना असाध्य रोग में मरीजों को दर्द से राहत दिलाने में विशेषज्ञ काफी मददगार हो सकते हैं क्योंकि वह रोग के लक्षणों को मैनेज करने में मदद करते हैं और मरीजों को दर्द से राहत दिलाते हैं। समर्पित न्यूट्रिशिनस्ट मरीजों की पोषण संबंधी जरूरतों और उनको हो रही खास परेशानियों को ध्यान में रखते हुए डाइट प्लान बना सकते हैं।

बीमारी के प्रबंधन के लिए अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोगों, जैसे न्यूट्रिशिनस्ट, दर्द से राहत दिलाने वाले विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट की साझेदारी से मरीजों के जीवन जीने के स्तर में उल्लेखनीय रूप से सुधार लाया जा सकता है। इसके साथ ही जांच की सुविधाएं बढ़ाने और इलाज को बेहतर बनाने की जरूरत है।  प्राइवेट सेक्टर में सभी संसाधनों से लैस चिकित्सा संस्थानों को सीओई के रूप में वर्गीकृत कर यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।      


 दुर्लभ रोगों से मनुष्य का शरीर दिन पर दिन कमजोर होता जाता है, जिस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। इसके लिए मजबूत नीति के आधारभूत ढांचे के साथ मरीजों की बेहतर देखभाल की सुविधा रोगियों को उम्मीद की किरण दे सकती है।  इससे इन बीमारियों से जूझते लोगों की असहनीय कठिनाइयों का बोझ कम किया जा सकता है।

वर्ष 2021 में रेयर डिजीज डे के संबंध में राष्ट्रीय नीति बनाई गई थी, लेकिन इसके बावजूद स्पाइल मस्कुलर एट्रॉफी (एसएमए) की कुछ खास चुनौतियां बरकरार है। एनपीआरडी का उद्देश्य इन बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में कमी लाना और इसका व्यापक रूप से प्रसार रोकना है। इसके लिए दुर्लभ रोगों के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति के तहत जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। जांच शिविर लगाए जाते है और मरीजों की काउंसलिंग की जाती हैं। हालांकि एसएमए से प्रभावित मरीजों की अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए लक्ष्य पर केंद्रित प्रयास करने की जरूरत है।

केंद्र सरकार ने असाध्य रोगों के इलाज में मदद करने के लिए देश भर में 11 सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित किए हैं। इसमें मरीजों को परामर्श दिया जाता है। उनकी जांच की जाती है। यहां असाध्य रोगों से जूझ रहे मरीजों के लिए गहन चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है। हालांकि इसमें मरीजों का रजिस्ट्रेशन करने में कई चुनौतियां आड़े आ रही है। खासतौर से दूरदराज में रहने वाले ग्रामीण, जो अशिक्षा और गरीबी से जूझ रहे हैं, उनके लिए सेंटर ऑफ एक्सिलेंस में रजिस्ट्रेशन कराना खासा मुश्किल है।