
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में इस वर्ष विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय यथा राजस्थान, महाराजा, महारानी, कॉमर्स, विधि व सभी पी.जी विभागों में नियमित रूप से अध्ययन करने वाले किसी भी छात्र की यदि आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु होती है, तो उसके परिजनों को बारह लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यह सहायता राशि पिछले वर्ष प्रदान की जा रही दस लाख रुपये की सहायता राशि से इस वर्ष दो लाख रुपये अधिक है, जबकि छात्र की वर्ष भर की प्रीमियम राशि जो कि विगत वर्ष सौ रुपये निर्धारित की गई थी, वही सौ रूपये की प्रीमियम राशि ही इस वर्ष निर्धारित की गयी है।
राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा के निर्देश पर इस संबंध में राजस्थान विश्वविद्यालय व यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी के बीच औपचारिक रूप से सहमति हुई है। यूनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से कुलसचिव कालूराम ने सहमति पर हस्ताक्षर किये। छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर आई.यू खान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
पूरे भारतवर्ष में राजस्थान विश्वविद्यालय पहला ऐसा उच्च शिक्षण संस्थान है, जहां दुर्घटना से पीड़ित छात्र को चिकित्सा एवं मृत छात्रों के परिजनों की सहायता के लिए यह अभिनव योजना प्रारंभ की गयी थी। इस योजना के तहत अब तक 01 करोड 15 लाख रुपये से अधिक की राशि विभिन्न दुर्घटनाओं में घायल हुए छात्रों को चिकित्सा सहायता के रूप में एवं दुर्घटना में मृत हुए छात्रों के परिजनों को प्रदान की जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि, राजस्थान विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी डॉ भूपेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा राज्य में दुर्धटनाओं में युवा मौतों के भयावह आंकडों को दृष्टिगत रखते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के पीड़ित छात्रों की सहायता के लिए इस अभिनव योजना का देश में पहली बार प्रारूप तैयार किया गया था।