April 30, 2025, 8:41 am
spot_imgspot_img

राजस्थान में शिशुओं में आरएसवी और अन्य श्वसन संक्रमणों का बढ़ता प्रकोप, नवजातों पर बढ़ा रहा है दबाव

जयपुर। राजस्थान में शिशुओं और बच्चों में श्वसन संक्रमणों की बढ़ती संख्या के चलते, श्वसन रोगों, विशेष रूप से रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) के बारे में जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। विभिन्न स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सहायता समूह इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या का समाधान करने और इसे प्रबंधित व रोकने के तरीकों पर जनता को शिक्षित करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। राज्य में आरएसवी के मामलों में विशेष रूप से बरसात और सर्दियों के मौसम में वृद्धि देखी गई है, जिससे शिशुओं के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो रहा है।

भारत सरकार के 2023-2024 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, राजस्थान में शिशु मृत्यु दर (IMR) में 2010 में 55 से घटकर 2020 में 32 हो गई है, फिर भी यह राष्ट्रीय औसत 28 से अधिक बनी हुई है। यह तथ्य निम्न श्वसन संक्रमणों, जैसे न्यूमोनिया, आरएसवी जैसे वायरस के कारणों को समझने और उनका समाधान करने की आवश्यकता को उजागर करता है, क्योंकि ये संक्रमण राज्य में बीमारी का बोझ बढ़ा रहे हैं।

2017-2019 के बीच राजस्थान में HMIS के अनुसार, न्यूमोनिया के कारण 5 वर्ष से कम उम्र के 1,198 बच्चों की मृत्यु दर्ज की गई थी। शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए, सरकार ने सामाजिक जागरूकता और न्यूमोनिया को सफलतापूर्वक बेअसर करने की कार्य योजना (SAANS) अभियान के तहत, 2025 तक न्यूमोनिया से होने वाली मृत्यु दर को 1000 जीवित जन्मों पर 3 से कम करने का लक्ष्य रखा है। भारत में आरएसवी, न्यूमोनिया से संबंधित अस्पताल में भर्ती होने का एक प्रमुख कारण है।

डॉ. धनंजय के मंगल, निदेशक, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं नियोनेटोलॉजिस्ट, बैबिलोन अस्पताल प्राइवेट लिमिटेड, ने कहा, “हमारा मिशन आरएसवी के कारण शिशु स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को उजागर करना है, विशेष रूप से राजस्थान में, जहां शिशु मृत्यु दर अभी भी अधिक बनी हुई है। हम राज्य सरकार से आग्रह करते हैं कि आरएसवी को एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा मानते हुए इसे राज्य स्तरीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल किया जाए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत श्वसन संक्रमणों को प्राथमिकता देकर, हम अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने की दिशा में एक ठोस कदम उठा सकते हैं।”

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles