राजस्थान में बदलती जीवनशैली से बढ़ता कैंसर का खतरा, 65 हजार प्रतिवर्ष दम तोड़ रहे: वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.पवन सिंघल

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Risk of cancer increasing due to changing lifestyle in Rajasthan
Risk of cancer increasing due to changing lifestyle in Rajasthan

जयपुर। राजस्थान में कैंसर का असर पुरुषों के साथ महिलाओं में भी बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में प्रतिवर्ष इस बीमारी से 65 हजार से अधिक लोग किसी न किसी रूप से दम तोड़ रहें है। वहीं देशभर में 12 लाख से अधिक लोग अकारण ही दम तोड़ देतें है। आज विश्व कैंसर दिवस पर दुनियाभर में इस बीमारी पर चिंता और चिंतन किया जाता है। इस दिवस की शुरुआत कैंसर की रोकथाम और इसके बचाव के लिए जागरुकता करने के लिए 1933 में हुई थी।

सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ प्रोफेसर एवं नाक कान गला रोग के डॉ.पवन सिंघल बतातें है कि प्रदेशभर से कैंसर रोग के मरीज प्रतिदिन आ रहें है। इनमें 90 प्रतिशत कैंसर का कारण वर्तमान में बदल रही जीवनशैली और हमारे वातावरण के प्रभाव से संबंधित होते है। जानकारी के अभाव में कैंसर का रोगी समय पर जांच व इलाज नही ले पाता, इस कारण वह जल्दी इसकी चपेट में आ जाता है।

उन्होने बताया कि आजकल जो कैंसर के जो रोगी आ रहें है उनमें मुंह व गले के अधिक है। इसका मुख्य कारण तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों का सेवन है। मुंह व गले के कैंसर के रोगियों में युवाओं की संख्या अधिक है। वहीं आजकल सर्वाइकल कैंसर का खतरा महिलाओं में बढ़ता जा रहा है। यह कैंसर महिलाओं की बच्चेदानी से संबंधित होता है।

डा. बतातें है कि कैंसर के प्रभाव से मुंह में अल्सर, गले में दर्द, आवाज में बदलाव और चबाने और निगलने में कठिनाई हो तो इस प्रकार के ओरल कैंसर का इलाज किया जा सकता है।

गुटखे और धूम्रपान उत्पाद बड़े जिम्मेदार

राजस्थान सहित देशभर में गुटखे, तंबाकू के साथ धूम्रपान उत्पादों का किसी भी रूप में सेवन करना कैंसर का बड़ा कारण बनता जा रहा है। राजस्थान में वर्ष 2021 में हुए ग्लोबल यूथ टोबेको सर्वे के अनुसार 13.4 प्रतिशत युवा सिगरेट का उपयोग शुरू करते है। वहीं 19.2 प्रतिशत युवा विद्यार्थी अप्रत्यक्ष रूप से धूम्रपान का शिकार हो रहे है।

क्लोज द केयर गैप थीम से हो रही कैंसर अवेयरनेस

सुखम फाउंडेशन की ट्रस्टी डॉ.सुनीता ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर क्लोज द केयर गैप थीम से दुनियाभर में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाई जा रही है। इस दिन प्रदेश सहित दुनियाभर में कैंसर रोग से बचाव के बारे में जानकारी, इसके प्रारंभिक लक्षणों की पहचान और इसके इलाज के बारे में विषय विशेषज्ञों की और से जानकारी दी जाती है। उन्होने बताया कि कैंसर रोग में प्रारंभिक जानकारी के अभाव में लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई है, जिसके चलते उन्हे सही उपचार नहीं मिल पाता। इसलिए इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।

डॉ.सुनीता ने बताया कि राज्य व केंद्र सरकार को तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों पर रोक लगानी चाहिए और इस प्रकार के सभी उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया जाना चाहिए। साथ ही प्रदेश में कैंसर रजिस्ट्री और ऑडिट आवश्यक है। इससे कैंसर रोगियों की संख्या और उसके होने वाले कैंसर के कारणों का पता लगाया जा सकेगा। इससे उपयोगकर्ता हतोत्साहित होगा।

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