जयपुर। सीबीएसई-साई द्वारा शिक्षकों के लिए ‘ब्लू पॉटरी’ पर केंद्रित एक विशेष अपस्किलिंग सेशन का आयोजन किया गया। यह आयोजन जयपुर स्थित नीरजा इंटरनेशनल इंक में आयोजित हुआ। उल्लेखनीय है कि सीबीएसई बोर्ड के तहत कक्षा 6 से 8 तक के पाठ्यक्रम में हस्तशिल्प के 13 विषयों में ब्लू पॉटरी भी एक अहम विषय के रूप में शामिल है।
कार्यक्रम के दौरान नीरजा इंटरनेशनल इंक की संस्थापक, डॉ. लीला बोर्डिया द्वारा एक इंटरएक्टिव सेशन आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने ब्लू पॉटरी सहित भारतीय हस्तशिल्प के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम अपनी कला के माध्यम से दुनिया के हर क्षेत्र में एक नया आयाम जोड़ सकते है। इस दौरान शिक्षकों ने उनसे कई सवाल पूछे कि क्यों अब तक कुछ स्कूलों में यह पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं है, जबकि सीबीएसई द्वारा कैंडल मेकिंग, एम्ब्रॉएडरी आदि जैसे हस्तशिल्प को भी ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में उपलब्ध कराया है।
इससे पूर्व, कार्यक्रम की शुरुआत सुबह एक ज्ञानवर्धक सेशन के साथ हुई, जिसमें सिटी पैलेस से संदीप सेठी ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए हस्तशिल्प को वैकल्पिक विषय के रूप में अपनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कौशल छात्रों को आत्मनिर्भर बनाते हैं और 12वीं के बाद उन्हें स्वरोजगार के अवसर भी देते हैं। इसके बाद शिक्षकों को नीरजा इंटरनेशनल की आरएंडडी यूनिट (R&D) में ले जाया गया, जहां उन्होंने ब्लू पॉटरी निर्माण की प्रक्रिया को नजदीक से देखा और खुद भी हैंड्स-ऑन गतिविधियों में भाग लिया।
कार्यक्रम का समापन प्रश्नोत्तर सत्र के साथ हुआ, जिसमें इस बात पर चर्चा हुई कि ब्लू पॉटरी को किस तरह स्कूलों के पाठ्यक्रम में विषय के रूप में जोड़ा जा सकता है और कैसे शिक्षक स्वयं प्रशिक्षक बनकर छात्रों को प्रशिक्षित कर सकते हैं।
शिक्षकों ने पूरे कार्यक्रम की सराहना की और ब्लू पॉटरी की निर्माण प्रक्रिया देखकर काफी प्रभावित हुए। उन्होंने इसे एक रोचक और उपयोगी अनुभव बताया।