June 29, 2025, 8:12 pm
spot_imgspot_img

संघर्ष के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ रोज़ी रोटी अधिकार अभियान का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन

जयपुर। ”मणिपुर हो, बस्तर हो या फिलिस्तीन में गाज़ा, इन सब स्थानों पर दंगे, युद्ध और नरसंहार से पीडि़त आम नागरिक की स्वतंत्रता व भोजन का अधिकार सुनिश्चित व सुरक्षित होना चाहिए।” इस संदेश के साथ जयपुर में तीन दिन से चल रहा रोज़ी रोटी अधिकार अभियान का 8वां राष्ट्रीय सम्मेलन सोमवार को सम्पन्न हुआ। इस दौरान जयपुर घोषणा पत्र पेश किया गया।

घोषणा पत्र पेश किया गया

अंतिम दिन सम्मेलन के दौरान हुई चर्चाओं के परिणाम स्वरूप एक संयुक्त जयपुर घोषणा पत्र जारी किया गया। इसमें सम्मलेन का सार शामिल किया गया, इससे आंदोलन की दिशा तय की जाएगी।

इसमें निम्न बिंदु निकलकर सामने आए:-

देश-दुनिया में भूख और कुपोषण बड़ी समस्या है इससे लड़ने के लिए अभियान को और सशक्त करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार की ओर से योजनाओं जैसे राशन वितरण, पेंशन योजना, मातृत्व योजना, आंगनाड़ी, मध्याह्न भोजन आदि का सरलीकरण किया जाए, बजट में बढ़ोतरी की जाए, इन्हें और सशक्त किया जाए।

इसी के साथ आधार और डिजिटाइजेशन के चलते जिन जरूरतमंदों को योजनाओं के लाभ से वंचित किया जाए उनके अधिकारों के लिए विचार किया जाए जिससे उन्हें लाभ मिले और भोजन व सम्मान सुनिश्चित हो।

देश में विकास के जिस मॉडल पर काम किया जा रहा है उसमें समाज के हर वर्ग को समान स्थान दिया जाए। विकास और व्यावसायीकरण के नाम पर जल, जंगल, जमीन को लोगों से छीना जा रहा है, संसाधनों के दोहन से भी पोषण पर प्रभाव पड़ रहा है जिस पर विचार किया जाना चाहिए। द्वन्द्वात्मक-संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में भोजन के अधिकार, स्वास्थ्य व मानवाधिकारों को सुनिश्चित किए जाने को संघर्ष किया जाएगा।

सम्मेलन के अंतिम दिन बड़ी संख्या में युवाओं ने अपने विचार रखे। ‘संघर्षरत क्षेत्रों में भोजन के अधिकार का सवाल’ विषयक सत्र में प्रोफेसर गैब्रिएल डीट्रिच ने गाज़ा में चल रहे युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि भोजन व पानी हर इंसान का अधिकार है जो सबको मिलना चाहिए। गैब्रिएल ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी में रिलीफ कैंप में बिताए अपने बचपन को याद करते हुए युद्धविराम की मांग की। सामाजिक कार्यकर्ता निशा सिद्धू ने अपनी मणिपुर यात्रा के दौरान अनुभव की गई रिलीफ कैंपों में रह रहे लोगों की दर्दनाक स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां की जनता शांति चाहती है।

जेम्स हेरेंज ने बस्तर में चल रहे ऑपरेशन कगार की चर्चा करते हुए कहा कि आदिवासी प्राकृतिक संसाधनों को बचाने का अपना कर्तव्य निभा रहे हैं लेकिन नक्सलवाद को खत्म करने के नाम पर आदिवासियों व ग्रामीणों को मारा जा रहा है। सिराज दत्ता का कहना था कि सरकार देश को नक्सली मुक्त नहीं बल्कि आदिवासी मुक्त करना चाहती है। सत्र के प्रारंभ में सम्मेलन संयोजक कविता श्रीवास्तव ने गाज़ा, मणिपुर व बस्तर में लोगों के स्वतंत्रता व भोजन के अधिकार की रक्षा के लिए पारित संकल्प का वाचन किया।

उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान तीन दिन में भोजन के अधिकार से जुड़े विभिन्न मुद्दों जैसे नरेगा, न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पर्यावरण संरक्षण, किसान कानून, राशन वितरण प्रणाली व डिजिटाइजेशन के कारण लोगों को आ रही परेशानियों आदि सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई और आगे के लिए रणनीति बनाई गई। देश के करीब 20 राज्यों से आए 800 से अधिक कार्यकर्ताओं, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, शोधकर्ताओं आदि ने सम्मेलन में उत्साह के साथ भाग लिया। समापन के अवसर पर कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया गया।

भोजन के अधिकार को मजबूत करने पर हुई चर्चा:

अंतिम दिन विस्तारित सत्र में एनसीडीएचआर के गृजेश दिनकर, अन्न सुरक्षा अधिकार अभियान से रंजाबेन वाघेला, जागृत आदिवासी दलित संगठन से नितिन वर्गीस, जन जागृति संगठन से जितेन्द्र ने भोजन के अधिकार के विभिन्न पहलुओं पर बात रखी और सुधार की मांग की। यह सत्र राजशेखर व पूर्बायन के संयोजन में आयोजित हुआ।

नारों, गीतों व नाटृय प्रस्तुति से जीवंत हुए मुद्दे:

सम्मेलन के दौरान ‘हम हमारा हक मांगते, नहीं किसी से भीख मांगते’ हम क्या मांगें आजादी, भूख मरी से आजादी, बेरोजगारी से आजादी, कुपोषण से आजादी’ जैसे नारे लगाकर कार्यकर्ताओं ने जोर शोर से अपनी मांगें रखीं। ‘रोटी नाम सत्त है, खाए से मुकत है…,रोटी का सवाल लोगां रोटी का सवाल…’ जैसे गीतों के साथ ही देश के अलग अलग भागों से आए लोगों ने अपनी क्षेत्रीय संस्कृति से जुड़े गीतों से सम्मेलन की भावना को जीवंत किया। इसके साथ ही नाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से भी राशन वितरण प्रणाली में चलने वाली कालाबाजारी, तकनीकी के अतिरेक के कारण होने वाली असुविधा सहित अन्य विभिन्न पहलओं की ओर ध्यान आकर्षित किया गया।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

25,000FansLike
15,000FollowersFollow
100,000SubscribersSubscribe

Amazon shopping

- Advertisement -

Latest Articles