May 9, 2025, 6:12 pm
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आदिवासी मीना महिलाओं ने किया स्वतंत्र संस्था का आगाज

जयपुर। पिंकसिटी प्रेसक्लब में आदिवासी मीना महिला विकास संघ की प्रदेश कार्यकारिणी ने संस्था की विधिवत स्थापना एवं रजिस्ट्रेशन के बाद पदाधिकारियों व सामाजिक कार्यकर्ता महिलाओं की उपस्थिति में प्रेस-कॉन्फ्रेंस का आयोजन शुक्रवार को किया l प्रदेश संरक्षक डॉ कुसुमलता मीना, प्रदेशाध्यक्ष मंजू मीना, प्रदेश महासचिव कविता मीना, जयपुर जिलाध्यक्ष सुमित्रा कुमारी मीना तथा जयपुर जिला संरक्षक मुन्नी देवी मीना ने प्रेस-कॉन्फ्रेंस माध्यम से संस्था की स्थापना के कारण, उद्देश्यों, विशेषताओं, तथा भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया l

ये है स्थापना के कारण:-

प्रदेशाध्यक्ष मंजू मीना ने बताया कि आदिवासी मीना समाज के अधिकाँश संगठनों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं के बराबर है, कुछ में नाम मात्र की पदाधिकारी बनाई हुई है और कुछ अपवादों को छोड़कर महिला पदाधिकारियों को महिलाओं की समस्याओं व आवाज़ को उठाने नहीं दिया जाता है l

संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार हिन्दू विवाह अधिनियम 1955 आदिवासी मीना समाज पर लागू नहीं होता है इसलिए वैवाहिक विवादों में समझाईस और समाधान आदिवासियत परम्परा के अनुसार समाज के रजिस्टर्ड संगठन करते है, लेकिन समाज की पीड़ित महिलाओं की शिकायत है कि परिवादों में सुनवाई के दौरान अपवाद को छोड़कर कोई महिला काउंसलर नहीं होती इसके कारण महिला विवाद की मूल समस्या नहीं बता पाती है l

यह देखने में आया है कि पुरुष प्रधान सामाजिक संगठन के पदाधिकारी नैसर्गिक न्याय की भावना को अनदेखा करते हुए किसी दबाव, लालच या भय के कारण, निकट रिश्तेदारी के कारण अथवा समाज के प्रभावी व्यक्ति के प्रभाव में मनमर्जी का फ़तवा जारी कर देते है l तार्किक समझाईस के अभाव और अविवेकपूर्ण निर्णय से विवाहित युवक/युवती की गृहस्थी और वैवाहिक जीवन पुलिस थाना और न्यायालयों की भेंट चढ़ जाता है l

उचित मंच के अभाव में महिलाएं अपने हक़, न्याय और सर्वांगीण विकास के मुद्दे समाज और सरकार के समक्ष प्रभावी ढंग से नहीं उठा पा रही है इसलिए इस संस्था की स्थापना समय की मांग के अनुसार की गई है l

संगठनात्मक ढांचा:-

प्रदेश संरक्षक डॉ कुसुमलता मीना ने बताया कि शुरुआत में संस्था की राजस्थान में प्रदेश-स्तर तथा जिला-स्तर पर इकाई बनाई गई है l इसकी मजबूती के बाद तहसील/ब्लॉक स्तर पर भी इकाई गठित की जायेगी l विधान के अनुसार प्रत्येक इकाई कार्यकारिणी की पदाधिकारियों का निर्धारित कार्यकाल तीन वर्ष का रहेगा l पदाधिकारियों के निर्वाचन की लोकतांत्रिक प्रक्रिया रहेगी, जिसमें मतदान अथवा सर्वसम्मति से निर्वाचन होगा l

निकट भविष्य की योजनाएं:-

जयपुर जिलाध्यक्ष सुमित्रा कुमारी मीना ने बताया कि जिला स्तर पर सदस्यता अभियान शुरू किया जा रहा है l

सभी जिलों में महिला पंचायत का आयोजन किया जाएगा है, जिसकी शुरुआत अगले महीने जयपुर जिला से की जाएंगी l सभी जिलों में इकाई गठित कर समाजोपयोगी योजनाएं बनाकर उनको क्रियान्वित करना होगा।

ये है संस्था के विधान के अनुसार उद्देश्य:-

(1) प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को सामाजिक एकता तथा आदिवासी संस्कृति तथा परम्पराओं को संरक्षित करने की भावना से एक मंच पर लाना, संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति व संरक्षण के प्रयास करना तथा समाज की ऐतिहासिक धरोहर का संरक्षण करना,

(2) समाज की महिलाओं के शैक्षणिक, सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक विकास से राष्ट्रीय जीवन में समान अधिकारों व समुचित स्थान के लिए प्रोत्साहित करना,

(3) गृहस्थ जीवन में अधिकारों एवं दायित्वों के व्यवहारिक एवं अनुभवी दृष्टिकोण से अवगत करना तथा वैवाहिक-विवाद परिवादों का आदिवासी मीना समाज की प्रचलित पुरातन परम्परा के अनुसार अनुभवी पुरुषों एवं महिलाओं की सुव्यवस्थित टीम की समझाईस द्वारा समाधान तथा निस्तारण करना,

(4) समाज में व्याप्त कुरूतियों एवं अंधविश्वास के उन्मूलन के साथ ही सामाजिक सुधारों को जमीनी स्तर पर आसानी से लागू कराने के लिए गोष्ठी व पंचायत के माध्यम से शिक्षा के वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रचार-प्रसार करना,

(5) पीड़ित महिला, पुरुष व बच्चों को न्याय, सम्मान एवं हक के लिए हरसंभव प्रयास करना,

(6) माता-पिता के प्रति आदर एवं सेवा भाव बढ़ाने के उद्देश्यों से सामाजिक एवं सुसंस्कृत सांस्कृतिक आयोजन कराना,

(7) केंद्र व राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजाति महिलाओं के विकास योजनाओं में आवंटित धनराशि का सदुपयोग सुनिश्चित कराना तथा विभिन्न विभागों, उपक्रमों, स्वायत्त शासित संस्थानों, बोर्ड, निगमों इत्यादि में उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कराना l

(8) अनाथ, असहाय विधवा व बच्चों की सहायता करना, निर्धन प्रतिभावान विधार्थियों की शिक्षा व प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद करना, स्वरोजगार की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करना तथा युवतियों एवं महिलाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिलाना,

(9) उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए कमेटी गठित करना, स्मारिका (सोविनियर) प्रकाशित करना तथा सरकार व आमजन के सहयोग से शिक्षणालय, छात्रावास, महिला विकास केंद्र का निर्माण एवं संचालन करना l

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