जयपुर। प्रदेश में संचालित निरामय राजस्थान अभियान में मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता को जरूरी मानकर इस विषय को प्रमुखता से शामिल किया गया है। समाज में बढ़ती जा रही आत्महत्या की घटनाओं की रोकथाम के लिये प्रदेश में गेटकीपर कार्यक्रम संचालित किया जाएगा, जिसके शुरुआती चरण में मास्टर ट्रेनर्स का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। इसके बाद ट्रेनर्स जिलों और ब्लॉक स्तर के कार्मिकों को प्रशिक्षण देंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. अमित यादव ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम प्रकोष्ठ एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हैल्थ एंड न्यूरो साइंसेज के एन-स्प्रिट केन्द्र के सहयोग से राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान में गुरूवार से आयोजित मास्टर्स ट्रेनर्स के तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में गेटकीपर कार्यक्रम के तहत लोगों में आत्महत्या या स्वयं को क्षति पहुंचाने के मामलों के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके विषय पर तकनीकी सत्र आयोजित किए जा रहे हैं।
मिशन निदेशक ने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत हताश और निराश तथा आत्महत्या की सोच रखने वाले व्यक्तियों को गेटकीपर के रूप में आसानी से प्रभावी मोटिवेटर उपलब्ध होंगे, जिनकी मदद से अवसाद से घिरे व्यक्ति को सही समय पर सही मार्गदर्शन मिल सकेगा और आत्महत्या का कारण बनने वाली समस्या के निराकरण में बड़ी मदद मिल सकेगी।
अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. टी. शुभमंगला ने कहा कि मानसिक बीमारियां तेजी से बढ़ने लगी हैं। तनाव के विभिन्न कारण ऐसे भी हैं,जिन्हें पहचानने की क्षमता व्यक्ति में है तो वह अपने स्तर पर प्रबंधन कर निजात पा सकता है। आत्महत्या रोकथाम में स्ट्रेस मैनेजमेंट बड़ी भूमिका निभाएगा। मनदर्पण, टेलीमानस, गेटकीपर प्रोग्राम आदि नवाचार गतिविधियों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को प्रदेश में और सुदृढ़ किया जा रहा है। इस कार्यशाला में जिलों में संचालित मानसिक स्वास्थ्य इकाई, चिकित्सकगण एवं कार्मिक हिस्सा ले रहे हैं। विभिन्न तनकीकी सत्रों के माध्यम से सेल्फ हार्म या सुसाइड की स्थिति में किए जाने वाले इंटरवेंशन पर विस्तार से आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी।
प्रशिक्षण कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर एसएसएम मनोचिकित्सा केंद्र के अधीक्षक डॉ ललित बत्रा, निदेशक सीफू डॉ एसएस अग्रवाल, यूनिसेफ के हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. अनिल अग्रवाल, एसएनओ मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. सांवरमल स्वामी आदि मौजूद थे।