जवाहर कला केंद्र: सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा के अंतर्गत हुआ चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन

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जयपुर। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और कला, साहित्य, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित “सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा” के अंतर्गत सोमवार को जवाहर कला केंद्र, जयपुर व सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में चित्रकला प्रतियोगिता – विकसित भारत का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में जयपुर एवं आसपास के विभिन्न शिक्षण संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों से करीब 200 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

प्रतिभागियों ने ‘विकसित भारत के रंग, कला के संग’ थीम को अपनी रचनात्मकता और कल्पनाशक्ति से कैनवास पर उकेरा। इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजस्थान स्कूल ऑफ आर्ट की मनशिका सिंह चौहान ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान सौरभ यादव (ड्रॉइंग एंड पेंटिंग विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय) को मिला, वहीं तृतीय स्थान अंजलि रॉय (कानोड़िया पीजी महिला कॉलेज) ने हासिल किया। केन्द्र की अतिरिक्त महानिदेशक अलका मीणा ने प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की। इस मौके पर अभीक सरकार, क्षेत्राधिकारी, सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र व जूरी सदस्य में जेपी मीणा, राजेंद्र प्रसाद और पंकज यादव सहित प्रतिभागी व कला प्रेमी मौजूद रहे।

प्रतिभागियों में किसी ने मेट्रो प्रोजेक्ट और रैपिड रेल के जरिए देश की नई कनेक्टिविटी को दिखाया, तो किसी ने वंदे भारत एक्सप्रेस की रफ्तार को उकेरते हुए भारत की बदलती सूरत को पेश किया। एआई, इकोनॉमिक ग्रोथ, सोलर एनर्जी और औद्योगिकीकरण जैसे आधुनिक आयामों को भी छात्रों ने अपनी चित्रकारी में बखूबी दर्शाया।

चंद्रमा पर भारत की ऐतिहासिक लैंडिंग, इलेक्ट्रिक कारें, महिला शिक्षा व सशक्तिकरण, रोज़गार और ग्रामीण उत्थान जैसे विषयों पर भी युवा कलाकारों ने अपनी सोच और कल्पना को रंगों के माध्यम से जीवंत कर दिया। इन चित्रों में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “विकसित भारत” के सपने को साकार करने की झलक दिखाई दी। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने भारत के निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर होने की कहानी को अपने कैनवास पर सजाया, जो दर्शकों को भविष्य के एक उज्जवल भारत की तस्वीर का अनुभव कराता है।

प्रतियोगिता के दौरान उपस्थित दर्शकों ने छात्रों के जोश और कलात्मक अभिव्यक्ति की सराहना की। यह आयोजन युवा पीढ़ी में रचनात्मकता, देशभक्ति और विकसित भारत के सपने को साकार करने की ऊर्जा भरने वाला साबित हुआ।

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