महिला को बंधक बनाकर 1.50 करोड़ लूट मामलाः दो पुलिस टीम दिल्ली-यूपी पहुंची

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जयपुर। विधाधर नगर थाना इलाके में हार्डवेयर-सेनेटरी बिजनेसमैन की पत्नी को बंधक बनाकर 1.50 करोड़ के गहने लूटने के मामले में पुलिस फरार नौकरों को नहीं पकड़ पाई है। बदमाशों की धरपकड़ के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। दो टीम दिल्ली और आगरा तो वहीं एक टीम जयपुर में ही बदमाशों की तलाश कर रही है। पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है,लेकिन रात होने के कारण सीसीटीवी कैमरों में बदमाशों के स्पष्ट चेहरे नजर नहीं आ रहे है।

सहायक पुलिस आयुक्त शास्त्रीनगर शिवरतन गोदारा ने बताया कि बदमाशों की धरपकड़ के लिए 3 टीमों का गठन किया गया है। वारदात में शामिल दो नौकर और उसके साथियों का अधूरा एड्रेस मिला है। तीनों की नौकर है और उनके बिहार निवासी होने की बात सामने आई है। बदमाशों के सीसीटीवी फुटेज मिले है, लेकिन अंधेरा होने के कारण विजन क्लियर नहीं है।

गौरतलब है कि विद्याधरनगर इलाके के अंबाबाड़ी में सोमवार शाम को नौकरों ने हार्डवेयर-सेनेटरी बिजनेसमैन की पत्नी को बंधक बनाकर 1.50 करोड़ के गहने लूट लिए। विरोध करने पर महिला को बदमाशों ने चाकू भी मारा है। वारदात को अंजाम देने के बाद दो नौकर और एक उनका साथी तीनों फरार हो गए। अंबाबाड़ी के रहने वाले देवेन्द्र अग्रवाल (50) की न्यू आतिश मार्केट (मानसरोवर) में हार्डवेयर-सेनेटरी की दुकान है। सोमवार को देवेंद्र सीकर गए हुए थे। बेटा शैलेश (25) दुकान पर था। घर में देवेंद्र की पत्नी ज्योति (48) अकेली थीं।

शाम को घर में बने मंदिर में पूजा कर रही थीं। इस दौरान नौकर इंद्रजीत और उसके दो साथियों ने तौलिए से ज्योति का मुंह दबाकर हाथ-पैर बांध दिए। उन्होंने ज्योति को फर्श पर गिरा दिया। इंद्रजीत और अशोक ने ज्योति को धमकाया। तीसरे बदमाश राधे ने तिजोरी का लॉक तोड़कर गहने निकाल लिए। ज्योति ने विरोध किया तो उसके हाथ पर चाकू मार दिया। लूट के बाद तीनों फरार हो गए। ज्योति चिल्लाई तो आवाज सुनकर पड़ोस में रहने वाला देवर घर पहुंचे।

उन्होंने ज्योति को बंधन से मुक्त किया। परिवार ने करीब डेढ़ महीने पहले इंद्रजीत को नौकर रखा था। उसका पुलिस वैरिफिकेशन नहीं कराया था। इंद्रजीत मधुबनी (बिहार) का रहने वाला है। उसने डेढ़ महीने में घर की रेकी की। इसके बाद इंद्रजीत ने ही वारदात से एक दिन पहले अशोक नाम के व्यक्ति को घर में नौकर रखवाया था। वारदात में अशोक भी शामिल था। वह लंगड़ाकर चलता है। दोनों नौकरों ने अपने तीसरे साथी राधे को वारदात के वक्त ही घर में बुलाया था।

नौकरों ने तिजोरी के अलावा किसी चीज को हाथ नहीं लगाया। बदमाशों ने 15 मिनट में वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद सीकर रोड पर खड़े ऑटो रिक्शा में बैठकर फरार हो गए। पुलिस ने इंद्रजीत का मोबाइल ट्रेस किया। उसकी आखिरी लोकेशन कानोता (जयपुर) के पास मिली। इसके बाद उसने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। वारदात के लिए उसका साथी पैदल ही आया था। 23 जनवरी को इंद्रजीत घरेलू नौकर के काम पर लगा था।

करीब डेढ़ महीने घर की पूरी स्थित के बारे में उसने जांच लिया। प्लानिंग के तहत 28 फरवरी को बिजनेसमैन के परिवार को इंद्रजीत ने कहा- उसके गांव में डेथ हो गई है। उसे गांव जाना पड़ेगा। दिल्ली में गांव का रहने वाला राधे नाम का साथी उसका इंतजार कर रहा है। उसको वापस लौटने में समय लगेगा। इसलिए दूसरे नौकर की व्यवस्था कर जाता हूं। इंद्रजीत के भेजने पर रविवार को नौकर अशोक को काम पर रखा गया था।

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