कमजोर आय वर्ग के 12,554 नवीन आवासों की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत मिली स्वीकृति

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Pradhan Mantri Awas Yojana
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जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत राज्यस्तरीय स्वीकृति एवं निगरानी समिति और अमृत 2.0 योजना को लेकर 8वीं स्टेट हाई पावर्ड स्टीयरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में 12,554 नवीन आवासों की स्वीकृति दी गई।

बैठक में मुख्य सचिव ने अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन यानी अमृत 2.0 को लेकर अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने अमृत 2.0 के तहत अब तक हुए कार्य की प्रगति रिपोर्ट को लेकर फीडबैक लिया। साथ ही आगे के प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग पर फोकस करने के भी निर्देश जारी किए। मुख्य सचिव ने सभी वाटर बाॅडीज को कार्ययोजना के तहत फिर से पुनर्जीवित करने को लेकर भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अटल नवीनीकरण एवं शहरी परिवर्तन मिशन यानी अमृत 2.0 योजना को बेहतरीन ढंग से धरातल पर उतारने के लिए राज्य सरकार संकल्पबद्ध है और इससे जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा किया जाए।

1.75 लाख रुपए की मिलेगी अनुदान राशि—

राज्य की 74 शहरों की नगरीय निकायों से प्राप्त प्रस्तावों को बैठक में स्वीकृत किया गया। जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को स्वयं का पक्का आवास निर्माण हेतु 1.75 लाख रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। जिसमें से केंद्र सरकार की ओर से 1 लाख 50 हजार रुपए की अनुदान राशि मिलेगी। साथ ही राज्य सरकार की ओर से 25 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। इस तरह कुल 219.69 करोड़ रुपए की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।

केंद्र सरकार की ओर से मिलेगी अंतिम स्वीकृति—

राज्य सरकार की ओर से अनुमोदित किए गए इन 12 हजार 554 आवासों को अंतिम स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जहां भारत सरकार की CSMC बैठक में इन आवासों को अंतिम स्वीकृति मिलेगी। समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि भारत सरकार की बैठक होने तक प्राप्त होने वाले प्रस्तावों को भी सम्मलित करते हुये स्वीकृत करवाये जावे। राज्य में इन-सीटू स्लम रि-डेवलपमेंट हेतु विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों, विकास न्यासों के माध्यम से परियोजना की डीपीआर तैयार करने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही प्रगतिरत परियोजनाओं में EWS के लाभार्थीयों का अधिकाधिक ऋण उपलब्ध करवाये जाने हेतु मुख्य प्रबधंक, SLBC को निर्देश प्रदान किये गये।

केंद्रीय सहायता की दूसरी किस्त की अनुशंसा—

बैठक के दौरान अमृत 2.0 के तहत मिलने वाली केंद्रीय सहायता की दूसरी किस्त जारी करने की अनुशंसा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि विकास कार्यों के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार के एजेंडे को राज्य सरकार के नेतृत्व में पूरा किया जाना चाहिए।

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