जयपुर। भारतीय डाक विभाग राजस्थान डाक परिमंडल की ओर से आयोजित 15वीं डाक टिकट प्रदर्शनी के दूसरे दिन दर्शकों में भारी उत्साह देखने को मिला। दर्शक सुबह से ही भारी संख्या में फिलैटली देखने आए जिनमें प्रमुख रूप से स्कूली बच्चों का हुजूम देखने को मिल रहा था। आज करीब 5000 से ज्यादा स्कूली बच्चों ने डाक विभाग की थीम पर सजे जेकेके के मध्यम क्षेत्र में पपेट शो का आनंद लिया, जिसमें कठपुतली डांस पर डाक टिकटों की जानकारी दी गई। चतुर्दिक में विद्यार्थियों के लिए क्ले मॉडलिंग, पेंटिंग, टैटू मेकिंग सहित प्रश्नोत्तरी का काउंटर लगाया गया है। जहां पर विद्यार्थियों को ज्ञान वर्धक कई जानकारी मिल रही है।
फिलैटली में पटना पोस्ट द्वारा जारी किए गए 2 आने का एक बहुत ही खास कलेक्शन जो कि दुर्लभतम टिकटों में से एक है, प्रदर्शनी में लगाया गया है। यह डाक टिकट 1774 में जारी किया गया था। भारत के प्रसिद्ध फिलैटलिस्ट राजेश पहाड़िया ने बताया कि इस दुर्लभतम टिकट की यदि आज बात की जाए तो इसकी मार्केट वैल्यू 1 करोड़ से ज्यादा है। इस टिकट का वजन 8.95 ग्राम एवं व्यास 24.6 एमएम है। यह कॉपर क्वॉइन अजीमाबाद मिंट, पटना में बने हैं।
प्रदर्शनी में 1 जुलाई 1852 से 30 सितंबर 1854 के मध्य जारी किए ब्रिटिश भारत के पहले डाक टिकट सिंध डाक टिकट भी लगाया गया है। जो कि अपने ऐतिहासिक महत्व कों संजोए हुए है। इसकी डिजाइन एंसिएंट शिप मर्चेंट के कॉबिनेशन पर आधारित है।
प्रदर्शनी में एक 1947 में में जारी किए गए साढ़े तीन आने का जयहिंद लिखा हुआ डाक टिकट भी लगाया है। जो 21 नवंबर 1947 को जारी किया गया था। इस टिकट पर भारत का ध्वज ‘‘तिरंगा’’ छपा हुआ है। यह मल्टीकलर का टिकट है। डाक टिकट संग्रह करने वाले राजेश पहाड़िया ने बताया कि यह टिकट भी बहुत दुर्लभ श्रेणी का टिकट है।