चतुर्थ वीजीयू रांका मूट कोर्ट प्रतियोगिता : आपराधिक न्यायशास्त्र की प्रयोगशाला में तराशे गए भविष्य के विधिवेत्ता

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4th VGU Ranka Moot Court Competition
4th VGU Ranka Moot Court Competition

जयपुर। विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी जयपुर में आयोजित चतुर्थ वीजीयू रांका मूट कोर्ट प्रतियोगिता–2025 का समापन समारोह को विधिक गरिमा एवं उत्साह के साथ संपन्न हुआ। तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देशभर के 50 से अधिक प्रतिष्ठित विधि संस्थानों की टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने आपराधिक विधि से संबंधित एक जटिल मूट प्रॉब्लम पर अपने विधिक ज्ञान, अनुसंधान एवं अभिव्यक्ति कौशल का प्रदर्शन किया।

प्रतियोगिता की शुरुआत 12 अप्रैल को उद्घाटन समारोह एवं प्रारंभिक राउंड्स से हुई। 13 अप्रैल को क्वार्टर फाइनल राउंड आयोजित किए गए, जबकि 14 अप्रैल को सेमीफाइनल, फाइनल राउंड और समापन समारोह के साथ प्रतियोगिता का समापन हुआ।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश माननीय श्री प्रशांत कुमार अग्रवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं को भावी विधिवेत्ताओं के लिए अत्यंत लाभकारी बताते हुए प्रतिभागियों से निष्पक्षता, सत्यनिष्ठा और समाजोन्मुख सोच को अपनाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि विधि के क्षेत्र से जुड़े लोगों को आर्थिक लाभ की अपेक्षा समाज हित को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने इस प्रकार की प्रतियोगिताओं को विद्यार्थियों के आत्मविश्वास, सहयोग, सांस्कृतिक समझ और व्यवहारिक दक्षता के विकास का सशक्त माध्यम बताया।

विशिष्ट अतिथि प्रो. डॉ. भारती, डीन, विधि संकाय, मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर ने प्रतियोगिता की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे मंच विधि विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच, तार्किक क्षमता एवं व्यावसायिक अधिवक्ता कौशल के विकास में सहायक होते हैं।

इस प्रतियोगिता की पैटर्न एवं पूर्व न्यायाधीश जे.के.रांका.ने आशीर्वाद वचन के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए समस्त प्रतिभागियों एवं उपस्थित सभी विधि विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया एवं हौसला बढ़ाया, विधि विभाग के मूट कोर्ट समिति के कन्वीनर मृदुल रावत ने इस तीन दिवसीय प्रतियोगिता की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की।

विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष प्रो. एन. डी. माथुर ने प्रतियोगिता को विधि शिक्षा को व्यावहारिक स्वरूप देने की दिशा में एक प्रेरक प्रयास बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन विद्यार्थियों को न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों से परिचित कराते हैं और उन्हें एक सशक्त विधिक पेशेवर बनने की दिशा में प्रेरित करते हैं। समापन अवसर पर विधि संकाय के डीन प्रो. पी. पी. मित्रा ने सभी निर्णायकों, अतिथियों, प्रतिभागियों एवं आयोजन समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताएं विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती हैं।

उन्होंने मूट कोर्ट को विधिक शिक्षा का अभिन्न अंग बताया जो न्याय प्रणाली की समझ विकसित करता है। विधि विभाग की अध्यक्ष डॉ. शिल्पा राव रस्तोगी ने आयोजन में सहभागी सभी प्रतिभागियों, स्वयंसेवकों, संकाय सदस्यों एवं सहयोगियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आयोजन की सफलता के लिए सभी के समर्पण और परिश्रम की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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