भारत-जापान संयुक्त अभ्यास धर्मा गार्डियन राजस्थान में हुआ शुरू

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India-Japan joint exercise Dharma Guardian started in Rajasthan
India-Japan joint exercise Dharma Guardian started in Rajasthan

जयपुर। भारतीय सेना और जापानी ग्राउंड सेल्फ डिफेन्स फोर्सेस के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास धर्मा गार्डियन का पांचवां संस्करण रविवार को राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ। यह अभ्यास नौ मार्च 2024 तक आयोजित किया जाएगा। जन संपर्क अधिकारी (रक्षा) जयपुर (राजस्थान) कर्नल अमिताभ शर्मा के अनुसार धर्मा गार्डियन एक वार्षिक अभ्यास है जो भारत और जापान में वैकल्पिक रूप से आयोजित किया जाता है। दोनों पक्षों के दल में चालीस सैन्य कर्मी शामिल हैं। जापानी दल का प्रतिनिधित्व चैतीस वीं इन्फैंट्री रेजिमेंट के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और भारतीय सेना की टुकड़ी का प्रतिनिधित्व राजपूताना राइफल्स की एक बटालियन द्वारा किया जा रहा है।

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र प्राधिकार के अध्याय VII के तहत अर्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त संचालन को अंजाम देने के लिए सैन्य सहयोग को बढ़ावा देना और संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाना है। यह अभ्यास उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजनाओं और विशेष हथियार कौशल की मूल बातों पर केंद्रित होगा। इस अभ्यास के दौरान अस्थायी ऑपरेटिंग बेस की स्थापना, खुफिया जानकारी की तैयारी, निगरानी और पूर्व-परीक्षण की तैयारी, मोबाइल वाहन चेक पोस्ट स्थापित करना, एक शत्रुतापूर्ण गांव में कॉर्डन और खोज संचालन निष्पादित करना, हेलीबोर्न संचालन और हाउस इंटरवेंशन ड्रिल शामिल होंगे।

आत्मनिर्भर भारत के तहत देश की बढ़ती रक्षा और औद्योगिक क्षमता को प्रदर्शित करते हुए हथियार और उपकरण का प्रदर्शन भी आयोजित किया जाएगा। जापान ग्राउंड सेल्फ डिफेन्स फोर्स की पूर्वी सेना के कमांडिंग जनरल ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी यूची भी ‘धर्मा गार्डियन’ अभ्यास के दौरान भारत का दौरा करने वाले हैं। लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी यूची 3 मार्च 2024 को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा करेंगे और कॉम्बैट शूटिंग, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन और हाउस इंटरवेंशन ड्रिल देखेंगे।

धर्मा गार्डियन अभ्यास से दोनों पक्षों में स्ट्रेटेजिक संचालन की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में अपनी सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम होंगे। यह अभ्यास दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच अंतर-संचालन, मेल-मिलाप विकसित करने की सुविधा भी प्रदान करेगा। इससे रक्षा सहयोग का स्तर बढ़ेगा और दोनों मित्र देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा मिलेगा।

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