MBBS छात्रों ने सीखी सुदर्शन क्रिया

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MBBS students learned Sudarshan Kriya
MBBS students learned Sudarshan Kriya

जयपुर। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए आर्ट ऑफ लिविंग युवा सशक्तिकरण एवं कौशल कार्यक्रम (YES!+) का अयोजन किया गया जिसमें 130 से भी अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित श्वासों की तकनीक तथा सुदर्शन क्रिया सीखी।

विद्यार्थियों ने बताया की वह अपने अंदर हुए परिवर्तन से बहुत खुश और उत्साहित हैं। वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले छात्र छात्राओं ने साझा किया कि श्वास प्रक्रियाओं के अभ्यास से मिले अनुभव को वो हैप्पी हॉर्मोन रिलीज़, वेगस नर्व ऐक्टिवेशन एवं स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसॉल रिडक्शन से जोड़ पाए । प्रतिभागियों ने साझा किया कि उनकी नींद की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, वे बेहतर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हैंऔरआत्मविश्वास का स्तर बेहतर है।

कार्यक्रम प्रशिक्षक विवेक एवं सुविधा अग्रवाल ने बताया कि युवाओं को सिखाए जाने वाले इस प्रैक्टिकल कार्यक्रम का लक्ष्य छात्रों को न केवल आंतरिक शांति प्रधान करना है बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और जुड़ाव की भावना के साथ बाहरी उत्कृष्टता और गतिशीलता प्रधान करना भी है।

डॉ. राजीव बगरहट्टा, प्रिंसिपल एसएमएस मेडिकल कॉलेज और डॉ. मोनिका जैन अतिरिक्त प्रिंसिपल और चिकित्सा शिक्षा समन्वयक ने साझा किया कि कार्यक्रम का हमेशा छात्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो उनके व्यवहार, शैक्षणिक और समग्र व्यक्तित्व में दिखाई देता है। यह उनके लिए जीवन में कुछ अच्छा करने और अपने जीवन की जिम्मेदारी लेने के लिए मनोबल बढ़ाने का काम करता है।

सुदर्शन क्रिया आर्ट ऑफ लिविंग संस्था द्वारा 184 देशों में सिखाई जाने वाली वैज्ञानिक श्वास क्रिया की यूएसपी तकनीक है जो की येल, हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, कॉर्नेल यूनिवर्सिटी आईआईटी, आईआईएम तथा अनेकों संस्थान में युवा सशक्तिकरण एवं कौशल कार्यक्रम (YES!+) कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को सिखाई जाती है । यह पाया गया है की इस कार्यक्रम में सिखाई गई मानसिक स्वच्छता तकनीकों के माध्यम से छात्रों में समग्र उत्कृष्टता, जीवन कौशल का निर्माण, तनाव मुक्ति और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार को पूरा करता है।

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