चुनावी बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

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Congress protested demanding to make information about electoral bonds public
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जयपुर। लोकसभा चुनाव से पहले चुनावी बॉन्ड की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर कांग्रेस पार्टी ने प्रदेशभर में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई)की शाखाओं के सामने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं जयपुर के रामलीला मैदान से कांग्रेस पार्टी के नेता कार्यकर्ता जयपुर शहर कांग्रेस जिला अध्यक्ष आरआर तिवाड़ी और जयपुर जिला देहात अध्यक्ष गोपाल मीणा के नेतृत्व में पैदल-मार्च किया।

यहां से कांग्रेसी नेता कार्यकर्ता सांगानेरी गेट स्थित एसबीआई बैंक की शाखा पहुंचे। जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बैंक में प्रवेश करने की कोशिश की। लेकिन पुलिसकर्मियों ने बैंक का मुख्य गेट बंद कर कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ताओं को गेट के बाहर ही रोक दिया। कुछ समय तक कांग्रेसी कार्यकर्ता गेट पर ही बैठकर नारेबाजी कर चुनावी चंदे को सार्वजनिक करने की मांग करने लगे।

कांग्रेसी नेता आर आर तिवाड़ी ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार की चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक मान कर एसबीआई बैंक को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चंदे की जानकारी छह मार्च तक सार्वजनिक करने के लिए निर्देशित किया गया है, किन्तु एसबीआई बैंक ने जानकारी सार्वजनिक करने के लिए उच्चतम न्यायालय से पांच माह से अधिक अवधि बढ़ाने की प्रार्थना की है। जिसके विरोध में राजस्थान प्रदेश के समस्त जिलों में कांग्रेस की ओर से जिला व ब्लॉक स्तर पर एसबीआई बैंक की शाखाओं के सामने विरोध-प्रदर्शन किया है।

तिवाड़ी ने बताया कि केन्द्र की भाजपा सरकार की ओर से लाई गई चुनावी बॉन्ड योजना को माननीय उच्चतम न्यायालय ने असंवैधानिक मानते हुए इस चुनावी बॉन्ड योजना के तहत प्राप्त चंदे के सभी तथ्यों को सार्वजनिक करने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की प्राथमिक लाभार्थी भारतीय जनता पार्टी है, जिसे चुनावी बॉन्ड का 55 प्रतिशत चंदा प्राप्त हुआ है और भाजपा दानदाताओं के बारें में जानकारी सार्वजनिक होने के बाद चुनिंदा कॉरपोरेट्स के साथ अपने संबंधों के ऊजागर होने के संभावित जोखिम को लेकर चिंतित है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दबाव के कारण एसबीआई बैंक ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष आवेदन पत्र दायर कर विवरण साझा करने के लिए 30 जून 2024 तक की अवधि विस्तार की मांग की है। जबकि यह बैंक देश के सबसे बड़े बैंक में से एक है और पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत है जिस कारण चुनावी बॉन्ड की जानकारी साझा करने के लिए पांच माह की अवधि की आवश्यकता नहीं है। चुनावी बॉन्ड योजना के तहत चंदे की जानकारी सार्वजनिक करने में देरी संदिग्ध है और वित्तीय अनियमितताओं और कालेधन के स्त्रातों को छुपाने के लिए की जा रही है । जिसके विरोध में जयपुर में एसबीआई बैंक के सामने विरोध प्रदर्शन किया है।

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