विदेशी पर्यटकों से ठगी मामलाः आरोपियों को भगाने की पूरी तैयारी कर ली थी पुलिसकर्मियों ने

0
196

जयपुर। विदेशी पर्यटक से 31 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में पकड़े गए दोनों पुलिसकर्मियों ने आरोपियों को भगाने की पूरी तैयारी कर ली थी। इसके लिए पुलिस कर्मियों ने आरोपियों को फोन करने के साथ कुछ अन्य जानकारी साझा कर दी थी। विधायकपुरी थाने में बैठकर ही दोनों पुलिसकर्मियों ने 7 लाख रुपए की वसूली की थी, पैसा लेकर आरोपियों ने फिर से विदेशी पर्यटक के परिवाद की तीन महीने में जांच बंद कर दी।

पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगंत आनंद ने बताया कि जापान का टूरिस्ट सासो ताकेसी दिसम्बर 2022 में जयपुर घूमने आया था। इस दौरान उससे 31 लाख रुपए ठग लिए थे। लूट के आरोपी असगर और उसके साथियों ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ड्रग्स केस में जेल भेजने की धमकी दी थी। फिर रुपए ठगे गए। अगस्त 2023 विदेशी टूरिस्ट सासो ताकेसी के ई-मेल के जरिए शिकायत की। इसके बाद विधायकपुरी थाने में परिवाद दर्ज हुआ। विदेशी परिवाद की जांच हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र को सौंपी गई।

विदेश से आए परिवाद को देखकर जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र को पूरी कहानी समझ आ गई थी। हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने साथी कॉन्स्टेबल राजकुमार के साथ मिलकर रुपए वसूलने की प्लानिंग बनाई। प्लान के तहत 27 अगस्त 2023 को हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने आरोपी असगर को वॉट्सएप कॉल किया। थाने में बने उसी रुम में हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र और कॉन्स्टेबल राजकुमार मिले। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र के सामने कॉन्स्टेबल राजकुमार को 4.50 लाख रुपए कैश दिए।

करीब एक महीने बाद अब्बास के साथ दूसरे साथी मुबारिक को विधायकपुरी थाने भेजा। अब्बास और मुबारिक विधाकयपुरी थाने में कांस्टेबल राजकुमार से मिले। हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र के नहीं होने पर कांस्टेबल राजकुमार को 1 लाख रुपए देकर आए। 8 दिसम्बर 2023 को विधायकपुरी थाने जाने पर हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र नहीं मिले। थाने के रुम में बैठे कांस्टेबल राजकुमार को 1.50 लाख रुपए दे दिए। करीब 3 महीने में 7 लाख रुपए वसूलने के बाद जांच को बंद कर दिया।

दोनों पुलिसकर्मियों ने वसूले गए रुपए आपस में बांट लिए। 28 मार्च 2024 को विदेशी पर्यटक सासो ताकेसी ने पर्यटक थाने में उसके साथ ठगी की शिकायत भेजी। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के आदेश पर दोबारा जांच के लिए परिवाद दर्ज किया गया। विदेशी परिवाद के दोबारा दर्ज होने का पता चलने पर अगले दिन हेड कांस्टेबल सत्येन्द्र ने आरोपी असगर को वॉट्सऐप कॉल किया। हेड कॉन्स्टेबल सत्येन्द्र ने बचने के लिए रुपए लौटाने का आश्वासन दिया। सत्येंद्र परिवाद के दोबारा खुलने का डर दिखाकर आरोपियों को भगाना चाहता था। वह चाहता था कि किसी भी तरह से एक बार शांति होने पर वह मामले को सैटल कर लेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here