नौतपा में कर ले ये काम ,प्रसन्न हो जाएंगे सूर्य देव

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Do this work in Nautapa, Sun God will be pleased.
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जयपुर। ग्रहों के राजा कहलाने वाले सूर्य देव समय –समय पर अपना राशि परिवर्तन करते ही रहते है। इसके साथ ही ये अपना अक्षत्र भी परिवर्तन करते है। सूर्य देव 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने वाले है और 2 जून तक इसी नक्षत्र में रहेंगे। जब तक सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में रहते है तब तक गर्मी अपनी चरम सीमा पर रहती है, और सूर्य की तपिश सबसे अधिक होती है। जिसे नौतपा के नाम से जाना जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार नौतपा में मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है और इसी के साथ दान –पुण्य भी करना चाहिए।

ज्योतिष राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि कि 25 मई को सूर्य देव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे उस दिन से नौतपा की शुरुआत हो जाएगी। जिसके कारण लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा। नौतपा के शुरुआत में 6 दिन गर्मी अपना खतरनाक असर दिखाएंगी। लेकिन बाद में तीन दिन आंधी ,तूफान और बारिश के लोगों को कुछ राहत मिलेगी। ज्योतिषी के अनुसार नौतपा में जितनी ज्यादा गर्मी होगी, मानसून में उतनी अच्छी बारिश भी होगी। नौतपा में सूर्य देव की आराधना करने से जाने अंनजाने में हुए पाप से मुक्ति मिलती है।

नौतपा में इसलिए लगाई जाती है मेहंदी

ज्योतिषी के बताए अनुसार नौतपा में महिलाओं को मेहंदी जरूरी लगानी चाहिए ,क्योकि नौपता में सूर्य सबसे अधिक तपिश में रहता है। इसलिए इन दिनों महिलाओं को मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है। नौतपा में मेहंदी लगाने से सूर्य दोष समाप्त होते है। हाथ –पैर में मेहंदी लगाने से शीतलता प्रदान होती है और गर्मी से राहत मिलती है।

नौतपा में करे इन वस्तुओं का दान

नौतपा के दिनों में जातक किसी जरुरतमंद को छाता,घड़ा,दूध,दही,मक्खन,नारियल का दान करें तो वो बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जातक के जीवन में अनजाने में हुए पाप नष्ट हो जाते है और उसे पापों से मुक्ति मिलती है।

नौतपा में करें सूर्य देव की आराधना

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा में प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद सूर्य भगवान को अर्घ देना चाहिए और उनके बीज मंत्रों का जाप करने के साथ ,उन्हे हनुमान चालीसा के पाठ सुनाने चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, और सीाी प्रकार के रोग,दोष समाप्त हो जाते है। ऐसा करने से जातक के जीवन में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है।

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