World No Tobacco Day: विश्व में होने वाले कैंसर के कारणों में तम्बाकू सबसे प्रमुख कारण है

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Tobacco is the leading cause of cancer in the world
Tobacco is the leading cause of cancer in the world

जयपुर। वर्ल्ड नो तम्बाकू डे के अवसर पर धूम्रपान व इससे होने वाले रोगों के बारे में बात करते हुये चिकित्सकां ने बताये इसके कारण, नुकसान व रोकथाम के उपाय धूम्रपान की समस्या इतनी भयानक है की इससे करीब तम्बाकु के सेवन से पूरे संसार में प्रति वर्ष लगभग 8 मिलीयन लोगो मृत्यू का शिकार होते है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में 110 करोड़ लोग धूम्रपान करने वाले हैं जो 15 वर्ष और उससे अधिक आयु की वैश्विक आबादी का एक तिहाई है।

दुनिया के तीन चौथाई धूम्रपान करने वाले लोग विकासशील देशों में रहते हैं। पूर्व मे तम्बाकू से होने वाला कैंसर मुख्यतः वृद्धों को होता था, लेकिन अब यह देखने को मिल रहा है की यह 40 साल से कम उम्र के युवाओं को भी हो रहा है। जिसका मुख्य कारण तम्बाकु का सेवन है। यह बहुत चिंताजनक स्थिती है, कि तम्बाकू के सेवन का विनाशकारी असर अब युवाओं पर भी हो रहा है, जो इससे पहले आम तौर पर वृद्धों को हुआ करता था। पुरुषों व महिलाओं में सबसे ज्यादा इसोफेगस, फेफड़े, और मुँह के कैंसरं सबसे आम हैं।

त्ांबाकु का सेवन कई प्रकार से किया जाता है। जैसे पान, गुटखा, सिगरेट, ई सिगरेट, हुक्का आदि आदि। किसी भी प्रकार से इसका सेवन करना हानीकारक है। कुछ लोगों में यह भ्रांती है की कुछ समय तक तम्बाकु का सेवन करने से कैंसर नहीं होता है, जो की सरासर गलत है।

डॉ. विकास पिलानियॉ, श्वांस, अस्थमा रोग विशेषज्ञ मणिपाल हॉस्पिटल, जयपुर ने बताया की आज के युग में समय रहते पता लगने पर कैंसर का उपचार संभव है। कैंसर के मुख्य लक्षणों की बात करे तो सांस फूलना, भूखं नहीं लगना, मूंह से खूनं आना, वजन कम होना, छाती में दर्द होना, आदि है। इन सबको महसूस होते ही अच्छे चिकित्सक की सलाह लेकर तुरंत उपचार करवाना चाहिये।

तंबाकू और स्वास्थ्यः-

धूम्रपान करने वालों में मृत्यु दर धूम्रपान न करने वालों की तुलना में तीन गुना अधिक होती है और किशोरावस्था के शुरुआत में तंबाकू से संबंधित बीमारियों से मरने की 50 प्रतिशत संभावना ज्यादा होती है। तंबाकू के धुएं में निकोटीन, टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, मेथोप्रीन, प्रोपलीन ग्लाइकॉल, बेंजोपायरीन, जैसे 4000 से अधिक रसायन होते हैं जिनमें से 40 ज्ञात हैं व कैंसर कारक है। इसके अलावा तंबाकू से बिमारीयों जैसे डिस्पेनिया, टैकीकार्डिया, उच्च रक्तचाप, अस्थमा का बढ़ना, नपुंसकता और बांझपन, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर और लगभग सभी अंग, सीओपीडी और टीबी का भी जोखिम है।

धूम्रपान और निष्क्रिय धूम्रपान :-

जो लोग धूम्रपान करते हैं वे न केवल खुद को बल्कि अपने आसपास के लोगों को भी पैसिव धुम्रपान से नुकसान पहुंचाते हैं। घरों में धूम्रपान करने से एक तिहाई बच्चे तंबाकू के धुएं के संपर्क में आते हैं। इस कारण बच्चों में, मृत्यु, सांस की बीमारियाँ, कान की बीमारी, मसूड़े और दाँत की बीमारी और अस्थमा का बढ़ना आम है और वयस्कों में फेफड़ों का कैंसर और हृदय रोग को बढावा मिलता है।

किशोर धूम्रपान क्यों शुरू करते हैं?

  1. परिपक्व दिखने के लिए
  2. पीयर प्रेशर – अपने दोस्तों की तरह बनने के लिए
  3. प्रयोग करने के लिए
    कम उम्र में तम्बाकू से संबंधित कैंसर के बढ़ते संकट का सामना करने के लिए विस्तृत और बहुआयामी उपाय किए जाने जरूरी हैं। इसमें तम्बाकू नियंत्रण कानूनों को सख्ती से लागू करना, तम्बाकू सेवन के खतरों के बारे में लोगों को जागरुक बनाना, इसकी रोकथाम के प्रभावशाली कार्यक्रमों का क्रियान्वयन करना. और स्कूलों एवं समुदायों में जाकर स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करना और तम्बाकू सेवन को हतोत्साहित करना शामिल है।

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