हवन के साथ श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम

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Shrimad Bhagwat Katha concludes with Havan
Shrimad Bhagwat Katha concludes with Havan

जयपुर। राधेश्याम माहेश्वरी और चमेली देवी माहेश्वरी की पुण्य स्मृति में विद्याधर नगर सेक्टर दो के माहेश्वरी समाजोपयोगी भवन उत्सव में गुरुवार को श्रीमद् भागवत कथा का विश्राम हुआ। व्यासपीठ से अकिंचन महाराज ने सुदामा चरित्र, नव योगेश्वर संवाद, चौबीस गुरुओं की कथा, परीक्षित मोक्ष, शुकदेव विदाई के प्रसंगों पर प्रवचन किए।

उन्होंने कहा कि भागवत आदर्श मृत्यु की शिक्षा देने वाला महाग्रंथ है। व्यक्ति जीवन का समापन नहीं एक नए जीवन की शुरुआत है। इसे शोक के रूप में नहीं उत्सव के रूप में मनाना चाहिए। कथा विश्राम के बाद दशांश हवन हुआ। आयोजक ज्ञान प्रकाश चांडक, डॉ. सुधा चांडक, संतोष, प्रभात, अरुण एवं अन्य ने व्यासपीठ की आरती उतारी।

कलशयात्रा के साथ कथा का शुभारंभ:

कमला माथुर और माधो बिहारी माथुर नेहवारिया की पुण्य स्मृति में महेश नगर में 80 फीट रोड स्थित श्री राधे गोविंद मंदिर में गुरुवार को कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। व्यासपीठ से वृंदावन के आचार्य संदीप कृष्ण शास्त्री ने पहले दिन भागवत कथा के महात्म्य का श्रवण करवाया। उन्होंने कहा कि भागवत सभी ग्रंथों का सार है। कथा 19 जून तक प्रतिदिन दोपहर एक से शाम पांच बजे तक होगी।

सुभाष चौक पानों का दरीबा में मनाया गया नंदोत्सव

सुभाष चौक पानो का दरीबा में चली रही श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को नंदोत्सव मनाया गया। व्यासपीठ से डॉ. प्रशांत शर्मा ने कहा कि भगवान का प्राकट्य समस्त मानवता के कल्याण के लिए होता है। आज धरती को बचाने के लिए हम सबको ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। अजय सक्सेना एवं अन्य ने भागवत जी की आरती उतारी। शुक्रवार को भगवान की बाल लीलाएं होंगी।

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