118 वे जन्मोत्सव के समापन पर ग्रंथ गीता के पाठों का हुआ भोग परायण

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Recitation of Granth Gita at the end of 118th Janmotsav
Recitation of Granth Gita at the end of 118th Janmotsav

जयपुर। आस्था के पावन तीर्थ स्थल श्री अमरापुर स्थान जयपुर में सोमवार रक्षा बंधन पर्व पर पंच दिवसिय सतगुरू स्वामी शांति प्रकाश जी महाराज के 118 वे जन्मोत्सव का समापन ग्रंथ गीता के पाठों के भोग परायण के साथ हुआ। प्रातः काल की पावन वेला में नित्य नियम प्रार्थना , संत महात्माओं का भजन संकीर्तन तत्पश्चात हाजरा हजूर सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज की ओजस्वी वाणी में भक्ति का रसपान हुआ।

गुरुवर ने अपनी वाणी में बताया कि सद्गुरु स्वामी शांति प्रकाश जी महाराज प्रेम और करुणा की साक्षात मूर्ति थे,भक्तों के अंतरतम में प्रकाश और शांति फैलाने वाले गुरूवर स्वामी शांति प्रकाश जी महाराज थे । आचार्य सद्गुरु स्वामी टेंऊराम जी महाराज से गुरु नाम की शिक्षा ले गुरु नाम का अभ्यास कर गुरु नाम की ज्योति को देश विदेश में फैलाया।

अंतरात्मा की नेत्रों से भगवान श्री कृष्ण के साक्षात दर्शन कर कण-कण में भगवान श्री कृष्णा को दिखा ।
अपने उपदेशों में स्वामी शांति प्रकाश जी महाराज कहते हैं कि सतगुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज और सतगुरु स्वामी सर्वानंद जी महाराज हर पल उनके साथ रहते हैं और उनका मार्गदर्शन करते हैं।

118 वे जन्मोत्सव पर सेवा कार्य के अंतर्गत दंत चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 80 लोग लाभान्वित हुए। भद्रा काल के कारण दोपहर 1.32 मिनट के पश्चात प्रेमी श्रद्धालुओं द्वारा संत महात्माओं को रक्षा सूत्र बांधे गए। जन्मोत्सव पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसमें हजारों भक्तों ने भोजन प्रसादी ग्रहण की ।

सावन के पांचवे सोमवार पर भोले बाबा की महाआरती हुई

सावन मास के अंतिम पांचवे सोमवार पर मंदिर में स्थित श्री अमरापुरेश्वर महादेव मन्दिर में सायंकाल भोले बाबा की पूजा अर्चना एवं महाआरती की गई । इस अवसर पर प्रेम प्रकाश मंडल अध्यक्ष पूज्य सद्गुरु स्वामी भगत प्रकाश जी महाराज, स्वामी मनोहर लाल जी महाराज, संत मोनू राम जी महाराज, संत नवीन जी सतगुरु दास जी संत कमल जी, संत डालू राम जी आदि संत महात्मा उपस्थित रहे।

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