कृष्ण जन्माष्टमी: भक्त पूरे दिन कर सकेंगे गोविंद के दर्शन

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Special tableaux decorated in temples on Papamochani Ekadashi
Special tableaux decorated in temples on Papamochani Ekadashi

जयपुर। कृष्ण जन्माष्टमी पर जयपुर के आराध्य गोविंददेवजी मंदिर, गोपीनाथ मंदिर में सहित अन्य मंदिरों विशेष आयोजन होंगे। इस दौरान जयपुर के गोपीनाथ मंदिर में भगवान को 2.50 लाख की घड़ी पहनाई जाएगी।

गोविंद देव जी, जयपुर

गोविंददेवजी मंदिर में 26 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह 4.30 बजे से 6.45 बजे तक मंगला आरती दर्शन होंगे। मंगला आरती के समय ठाकुर जी का अभिषेक किया जाएगा। उसके बाद भगवान को नए कपड़े (पोशाक) धारण कराए जाएंगे। जो रेशमी कपड़े से बनाई गई है। राजस्थानी गोटा पत्ती का कार्य किया गया है। जो दो महीने में तैयार हुई।

भगवान का विशेष माला श्रृंगार और अलंकार श्रृंगार करने के बाद भक्तों के लिए दर्शन खोले जाएंगे। गोविंद देव जी के दर्शन भक्त पूरे दिन 7 झांकियों में कर सकेंगे। जन्माष्टमी पर दर्शन करने आने वाले पास धारक और आमजन के लिए अलग-अलग एंट्री की व्यवस्था रहेगी। पास से एंट्री शाम 7 बजे के बाद बंद कर दी जाएगी।

रात 10 से 11 बजे तक कथावाचक गोविंद मिश्र श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा का पाठ करेंगे। जन्म के समय रात 12 बजे 31 तोपों की सलामी होगी। विशेष रंगीन आतिशबाजी की जाएगी। रात 12 बजे गोविंद अभिषेक दर्शन खुलेंगे। इसमें 6 पंडित वेद पाठ करेंगे। श्री शालिग्राम पूजन और पांच द्रव्यों के पूजन के बाद ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। दूध,दही, घी देसी नस्ल की गाय का ही होगा। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को विशेष भोग अर्पण किया जाएगा। इसमें पंजीरी लड्डू, खिरसा और रबड़ी कुल्हड़ का भोग शामिल है। अभिषेक के बाद सभी भक्तों में निशुल्क पंचामृत और पंजीरी वितरण जय निवास बाग में बने प्रसादी मंच से किया जाएगा।

मंदिर में ये रहेगी दर्शन व्यवस्था

श्री कृष्ण जन्माष्टमी को सुबह मंगला झांकी से ही दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था शुरू हो जाएगी। पास धारक एंट्री, आमजन एंट्री बिना जूता चप्पल वाले और आम जन प्रवेश जूता चप्पल वालों के लिए तीन अलग-अलग लाइनों की व्यवस्था की गई है। इन तीनों लाइनों से आकर दर्शनार्थी दर्शन कर सकेंगे। जो दर्शनार्थी जलेबी चौक से मंदिर में प्रवेश करेंगे। उनका निकास जय निवास बाग पूर्वी गेट से होगा। जो दर्शनार्थी ब्रह्मपुरी, कंवर नगर की ओर से आएंगे वे चिंताहरण हनुमान जी मंदिर होते हुए जय निवास बाग पश्चिम द्वार से बाहर निकलेंगे।

मंदिर में लैपटॉप कैमरा नहीं ले जा सकेंगे

दर्शनार्थियों की सुगमता और किसी भी प्रकार की चोरी की घटना रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने आमजन से मंदिर में कीमती सामान नहीं लाने का आग्रह किया है। आसानी से दर्शन के लिए मंदिर परिसर में 13 एलईडी की व्यवस्था की गई है। पुलिस प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए 8 से 10 मेटल डिटेक्टर लगाए जाएंगे। इसमें से होते हुए दर्शनार्थी मंदिर में प्रवेश करेंगे। मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से चिन्हित जगहों पर सीसीटीवी लगवाए गए हैं।

500 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे

मंदिर प्रशासन ने जन्माष्टमी पर भक्तों की लाखों की संख्या में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए हैं। इसमें तीन थानों के 500 पुलिसकर्मी, 120 होमगार्ड के जवान, 250 सुरक्षाकर्मी और 2000 वॉलंटियर तैनात रहेंगे। साथ ही 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस की ओर से यहां फेस डिटेक्टर और मेटल डिटेक्टर भी लगाए गए है।

अक्षय पात्र मंदिर, जगतपुर (जयपुर)

जगतपुरा में हरे कृष्ण मार्ग स्थित श्री कृष्ण-बलराम मंदिर (अक्षय पात्र) में 26 अगस्त को जन्माष्टमी और 27 सितंबर को नंदोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर में गुरुवार सुबह 4.30 बजे मंगला आरती के दर्शन होंगे। सुबह 7.30 बजे श्रृंगार दर्शन होगा। जो रात 12 बजे तक चलेगा। रात 10 बजे से 12 बजे तक महा अभिषेक और महा संकीर्तन होगा। इसके बाद रात 12 बजे महाआरती की जाएगी। भगवान को 108 तरीके के व्यंजनों का भोग लगेगा।

मंदिर में भगवान का दक्षिण की तर्ज पर विशेष श्रृंगार किया जाएगा। बेंगलुरु के कलाकार भगवान का श्रृंगार करेंगे। वहीं, भगवान को मथुरा के कारीगरों द्वारा तैयार की गई सिल्क की पोशाक धारण कराई जाएगी। इसके साथ ही मुंबई की ट्रेडिशनल ज्वेलरी से भगवान का आभूषण श्रृंगार किया जाएगा। पोशाक को बनाने में डेढ़ महीने का समय लगा है। भगवान के अभिषेक के लिए 1008 लीटर द्रव्यों से चार पहर में अलग-अलग अभिषेक होगा। इसमें 21 तरीके के फलों के रसों का प्रयोग किया जाएगा। इसके साथ ही जन्मोत्सव के समय 51 किलो पंचामृत से अभिषेक होगा। भक्तों को देने के लिए एक लाख प्रसादी के पैकेट तैयार किए गए है। पंचामृत और अभिषेक के द्रव्यों को भी भक्तों में प्रसाद स्वरूप बांटा जाएगा।

गिरधारी दाऊजी इस्कॉन मंदिर, मानसरोवर (जयपुर)

मानसरोवर धोलाई स्थित गिरधारी दाऊजी इस्कॉन मंदिर में सुबह 4.30 बजे मंगला झांकी के दर्शन होंगे। मंदिर में सुबह 10:30 से शाम 4:00 बजे तक कीर्तन और अभिषेक होगा। इसके बाद भगवान की लीलाओं पर आधारित अन्य कार्यक्रमों में अलग-अलग प्रकार के नृत्य संगीत और ड्रामा किए जाएंगे। वृंदावन से आई स्पेशल टीम की ओर से पूरे दिन कीर्तन किया जाएगा।

मंदिर प्रशासन के अनुसार राधा मदन मोहन, गिरधारी दाऊजी, भगवान चैतन्य महाप्रभु, नित्यानंद महाप्रभु की वृंदावन से पोशाक तैयार करवाई है। इसकी कीमत लगभग 12 लाख रुपए है। भगवान जयपुर के रत्नों का हार पहनेंगे। इन ज्वेलरी की कीमत 2.30 लाख रुपए से अधिक है। भगवान की दिन में दो बार पोशाक बदली जाएगी। वहीं मंदिर में 700 किलो देसी-विदेशी फूलों से विशेष सजावट की गई जाएगी। आर्किड, रजनीगंधा सहित अन्य विदेशी फूल मलेशिया, थाईलैंड से मंगवाए हैं।

गोपीनाथ मंदिर, पुरानी बस्ती (जयपुर)

भगवान गोपीनाथ मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव पर ठाकुर जी का विशेष घड़ी श्रृंगार किया जाएगा। मंदिर महंत सिद्धार्थ गोस्वामी ने बताया- सुबह 4.30 बजे से 5.30 बजे तक मंगला झांकी सजाई जाएगी। कोलकाता के कारीगरों द्वारा भगवान का फूल बंगला बनाया गया है। इसके साथ ही भगवान को (टाइटन) नेबुला कंपनी की लगभग 2.50 लाख कीमत की ग्रीन डायल वाली घड़ी पहनाई जाएगी। इसके साथ ही भगवान को लगभग 100 साल पुराने नवरत्न मुकुट पहनाए जाएंगे। ठाकुरजी को जन्माष्टमी के दिन लाल रंग की पोशाक धारण कराई जाएगी। वहीं, नंदोत्सव के दिन पीली रेशमी पोशाक में भगवान का श्रृंगार किया जाएगा।

भक्तों के दर्शन के लिए मेन गेट से एंट्री होगी। और पास की गली से निकास रहेगा। शाम के समय गोपीनाथ चौराहे से वाहनों की आवाजाही बंद कर दी जाएगी। मंदिर आने वाले भक्तों के वाहनों की पार्किंग चौराहे के पास में होगी। भगवान के दिन भर में 10 अलग-अलग झांकियों के दर्शन होंगे। वही रात 12 बजे गोपीनाथाभिषेक किया जाएगा। भक्ताें के लिए जन्माष्टमी स्पेशल सागारी लड्‌डू की व्यवस्था रहेगी। 27 अगस्त को नंदोत्सव और शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस मंदिर की मान्यता है कि एक अंग्रेज अफसर ने 180 साल पहले ठाकुर को पहनाई थी ऑटोमेटिक घड़ी। जो नब्ज से चलती है।

श्री राधा दामोदर मंदिर, चौड़ा रास्ता (जयपुर)

चौड़ा रास्ता स्थित श्री राधा दामोदर मंदिर में दिन के 12 बजे जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मंदिर महंत मलय गोस्वामी ने बताया- भगवान राधादामोदर यहां ढाई साल के बाल स्वरूप में विराजित हैं। जयपुर की यह सालों पुरानी परंपरा वृंदावन से चली आ रही है। पहले श्री राधादामोदरजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इसके बाद भगवान गोविंददेवजी का जन्मोत्सव होता है।

मंदिर में सुबह 5 बजे मंगला आरती होगी। उसके बाद से जन्मोत्सव शुरू हो जाएगा। दिन के ठीक 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान 11 पंडित वेद पाठ करेंगे। पंचामृत और पंचगव्य से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। भगवान को पंजीरी माखन और मिश्री का भोग लगाया जाएगा।

मंदिर के बाहर जिया बैंड परफाॅरमेंस देंगे। इसके साथ ही दिन में भव्य आतिशबाजी होगी। दिन में 2 बजे से नंदोत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद रात 11 बजे भगवान की शयन आरती होगी। मंदिर महंत ने बताया- यह राजस्थान ही नहीं बल्कि भारत का एकमात्र मंदिर है जहां दिन में जन्मोत्सव और उसी दिन नंदोत्सव मनाया जाता है। जबकि भगवान के जन्म के समय अर्थात रात में भगवान शयन मुद्रा में होते है।

अक्षरधाम मंदिर, वैशाली नगर (जयपुर)

वैशाली नगर स्थित अक्षरधाम मंदिर में भगवान स्वामी नारायण का सुबह 4.30 बजे पंचामृत अभिषेक कर मंगला आरती की जाएगी। भगवान के मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष सजावट की गई है। इसमें मंदिर में मोरपंख की विशेष श्रृंगार झांकी सजाई गई है। ठाकुर जी का पूरे दिन पंचामृत अभिषेक किया जाएगा। इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण के विभिन्न लीलाओं पर आधारित 3D झांकियों के दर्शन सुबह से ही भक्तों के लिए खोला दिया जाएगा। पूरे मंदिर परिसर को विशेष लाइटों से सजाया गया है।

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