जयपुर। गोविंद देवजी मंदिर के सत्संग भवन में आयोजित तीन दिवसी नानी बाई को मायरो कथा के दूसरे दिन शनिवार को व्यासपीठ से पं. उमेश व्यास महाराज ने मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में नरसी भगत की महिमा और ठाकुरजी की कृपा का संगीतमय बखान किया। पं. उमेश व्यास महाराज ने दूसरे दिन के प्रसंग में व्यासपीठ से पं. उमेश व्यास महाराज ने कहा कि बेटी के ससुराल से आए मायरे भरने के न्यौते के पत्र के साथ ही नरसी भगत निकल पड़े।
रास्ते में हरिनाम करते भक्तों की मंडली भी उनके साथ हो गई। मंडली में सभी साधु नेत्रहीन थे। मार्ग में नरसी भगत की गाड़ी टूट गई तो भगवान स्वयं खाती बनकर आए और अपने भक्त की गाड़ी सुधारी। दीन-दुखियों की जो सेवा करते हैं उनकी कदम-कदम पर भगवान सहायता करते हैं। निष्काम भक्ति से भगवान प्रसन्न होकर सदैव भक्त के वश में रहते है। एक अन्य प्रसंग में उन्होंने कहा कि गौ माता हिंदू धर्म की प्राण है। गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोमय से बने पंचगव्य से भगवान का पूजन होता है।
गोमूत्र तो औषधीय गुणों से भरपूर है। गाय के सूखे कंडे से हवन होता है। हवन से सभी देवी-देवताओं को भोग लगता है। हमारे ऋषि-मुनि प्रतिदिन गाय के घी से हवन किया करते थे। इससे पापों का नाश होता है। आज शांतिकुंज हरिद्वार और गायत्री परिवार के मुख्य केन्द्रों में प्रतिदिन हवन होता है। इसलिए गोमाता की प्रतिदिन सेवा करनी चाहिए और गाय के घी से हवन करना चाहिए।
यजमानों ने किया पूजन-उतारी आरती:
कार्यक्रम के मुख्य संयोजक चेतन अग्रवाल ने बताया कि शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज, श्री सरस परिकर के प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया, ढेहर के बालाजी व्यापार महासंघ के अध्यक्ष दिनेश मित्तल,जयपुर व्यापार महासंघ के अध्यक्ष सुभाष गोयल ,सुरेंद्र बज ,कथा के मुख्य यजमान रतन लाल अग्रवाल, सुशीला देवी अग्रवाल, प्रधान यजमान दिलीप सिंह, पुष्पा कंवर ने व्यासपीठ का पूजन किया। भंवर सिंह, भवानी सिंह, ने व्यासपीठ की आरती उतारी।
संग चल सहेली महिला मंडल की अगुवाई में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भजनों पर नृत्य किया। कथा के दौरान ठाकुरजी की सजीव झांकी सजाई गई। कथा एक सितंबर को भी दोपहर एक से शाम पांच बजे तक होगी।